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सार्वभौमिक टीकाकरण के बिना, सामान्य हालात में लौट पाना सम्भव नहीं - महासभा प्रमुख

यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद, न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी दे रहे हैं.
UN Photo/Cia Pak
यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद, न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी दे रहे हैं.

सार्वभौमिक टीकाकरण के बिना, सामान्य हालात में लौट पाना सम्भव नहीं - महासभा प्रमुख

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के लिये अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से बाहर आने का एकमात्र रास्ता, सर्वत्र, सर्वजन के लिये टीकाकरण सुनिश्चित करना है. उन्होंने मंगलवार को वैक्सीन समता के लिये अपने नववर्ष संकल्प की घोषणा करते हुए, देशों की सरकारों से इस मुद्दे पर एकजुटता की पुकार लगाई है. 

महासभा प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है, जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं है. 

“जब तक हम दुनिया का टीकाकरण नहीं करते हैं, इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है.”

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“आप भिन्न-भिन्न प्रकार के वैरीएण्ट्स को उभरते हुए देखते हैं, और यह जारी रहने वाला है.”

यूएन महासभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने जनरल ऐसेम्बली में 13 जनवरी को एक उच्चस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया है. 

इसका उद्देश्य, हर व्यक्ति के लिये हर स्थान पर, कोविड-19 वैक्सीन की न्यायसंगत सुलभता और वितरण, जल्द से जल्द, सुनिश्चित करना है. 

बताया गया है कि इस आयोजन से पहले, सदस्य देशों के पास, सार्वभौमिक टीकाकरण के लिये अपना समर्थन आगे बढ़कर पेश करने का अवसर होगा. 

उन्होंने इसे नववर्ष के लिये अपना संकल्प क़रार दिया है. 

“मैं सार्वभौमिक टीकारकरण सुनिश्चित करने के लिये, नए सिरे से राजनैतिक संकल्प और अर्थपूर्ण सम्पर्क व बातचीत को होते देखना चाहता हूँ.” 

महासभा प्रमुख ने सचेत किया कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, इस वर्ष के अन्त तक 40 फ़ीसदी विश्व आबादी के टीकाकरण को पूरा कर पाने में सफलता नहीं मिल पाई है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस लक्ष्य को स्थापित करने के साथ-साथ, अगले वर्ष के मध्य तक 70 प्रतिशत विश्व आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य भी निर्धारित किया था. मगर इस लक्ष्य के सम्बन्ध में भी अब चिन्ताएँ व्याप्त हैं.

दूर है वैक्सीन समता का लक्ष्य  

महासभा अध्यक्ष के मुताबिक़, फ़िलहाल दुनिया वैक्सीन समता के लक्ष्य से दूर है. 

“जब आप अफ़्रीका में देशों को देखते हैं, जहाँ टीकाकरण की अधिकतम औसत दर, पाँच या छह फ़ीसदी है. हम विश्वास के साथ यह कह पाने में सक्षम नहीं हैं कि हम कहीं भी समता के आसपास हैं.”

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात के मद्देनज़र, जनरल ऐसेम्बली को टीकाकरण के मुद्दे पर एकजुटता की आवश्यकता है.

अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि नए सामान्य हालात का लक्ष्य निरन्तर दूर होता चला जाएगा, और ऐसा होने देने का ख़तरा मोल नहीं लिया जा सकता है.

उन्होंने इसकी रोकथाम के लिये समन्वित व एकजुट प्रयास किये जाने पर बल दिया है.

महासभा प्रमुख ने मंगलवार को अपनी प्रैस वार्ता में गर्माती पृथ्वी, मानवाधिकारों और संयुक्त राष्ट्र के कामकाज में फिर से नई स्फूर्ति भरे जाने के विषयों पर बात की. 

उन्होंने यूएन के कामकाज में युवजन को शामिल किये जाने की अहमियत को रेखांकित किया है.

इस क्रम में, उन्होंने HOPE की फ़ैलोशिप का उल्लेख किया, जिसके तहत यूएन में कम प्रतिनिधित्व वाले देशों के आठ युवा राजनयिकों को महासभा प्रमुख के कार्यालय में अगले वर्ष जनवरी से कामकाज का अवसर मिलेगा.