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ग़ैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिये सर्वोत्तम उपायों में निवेश पर बल

इण्डोनेशिया के जयापुरा में एक स्वास्थ्यकर्मी महिला के रक्त में शुगर की जाँच करते हुए.
UNICEF/Shehzad Noorani
इण्डोनेशिया के जयापुरा में एक स्वास्थ्यकर्मी महिला के रक्त में शुगर की जाँच करते हुए.

ग़ैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिये सर्वोत्तम उपायों में निवेश पर बल

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि निम्न- और निम्नतर से मध्य आय वाले देशों में प्रति वर्ष, प्रति व्यक्ति एक डॉलर से भी कम अतिरिक्त निवेश करके, वर्ष 2030 तक लगभग 70 लाख मौतों की रोकथाम की जा सकती है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने ग़ैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम व उपचार के नज़रिये से, तत्काल उपाय किये जाने पर बल दिया है. 

विश्व भर में, हर 10 में से सात मौतें, ग़ैर-संचारी रोगों (noncommunicable diseases/NCD) के कारण होती हैं, जिनमें हृदय रोग, मधुमेह (डायबिटीज़), कैंसर और श्वसन तंत्र रोगों सहित अन्य बीमारियाँ शामिल हैं.    

इसके बावजूद, निम्नतर-मध्य और कम आय वाले देशों में, इन बीमारियों के असर को कम आँका जाता है.

बांग्लादेश, भारत, नेपाल, मिस्र, इण्डोनेशिया, बोलिविया, रवाण्डा, सीरिया, वियतनाम, मोरक्को, मोलदोवा सहित अन्य देशों में ये बीमारियाँ, स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक नज़रिये से एक बड़ा बोझ हैं. 

30 से 69 वर्ष आयु वर्ग में, ग़ैर-संचारी रोगों के कारण, असामयिक होने वाली 85 फ़ीसदी मौतें, निम्न और मध्य-आय वाले देशों में होती हैं. 

इसके मद्देनज़र, रिपोर्ट में ग़ैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम और उनके प्रबन्धन में तत्काल निवेश की आवश्यकता पर बल दिया गया है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “ग़ैर-संचारी बीमारियों यानि एनसीडी का भीषण बोझ सहने वाले देश, उचित रणनैतिक निवेश करके, बीमारी की दिशा बदल सकते हैं, और अपने नागरिकों के लिये ठोस स्वास्थ्य व आर्थिक प्रगति सुनिश्चित कर सकते हैं.” 

सोमवार को जारी - ‘Saving lives, spending less: the case for investing in noncommunicable diseases’ नामक रिपोर्ट में, 76 निम्न और निम्नतर से मध्य आय वाले देशों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है. 

सर्वोत्तम उपाय

रिपोर्ट में ज़ोर देकर कहा गया है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के ‘सर्वोत्तम क्रय’ (Best Buy) उपायों के ज़रिये, इन मौतों की रोकथाम की जा सकती है. 

पिछले पॉंच दशकों में कैंसर रिसर्च में ख़ासी प्रगति हुई है.
IAEA
पिछले पॉंच दशकों में कैंसर रिसर्च में ख़ासी प्रगति हुई है.

इन उपायों में, स्वास्थ्य करों (tax) में बढ़ोत्तरी, नुक़सानदेह उत्पादों के प्रचार व बिक्री पर पाबन्दी, सूचना व शिक्षा के प्रसार और टीकाकरण सहित अन्य क़दम शामिल हैं. 

साथ ही, तम्बाकू सेवन और उसके नुक़सानदेह इस्तेमाल में कमी लाने, आहार बेहतर बनाने, शारीरिक गतिविधियाँ बढ़ाने, हृदयवाहिनी व मधुमेह जैसी बीमारियों के जोखिमों में कमी लाने और सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम करने सहित अन्य उपाय हैं.

इसके अलावा, चयापचय (metabolism) से उपजने वाली हाइपरटेन्शन (उच्च रक्तचाप) और डायबिटीज़ जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं व जोखिमों की जटिलताओं की रोकथाम पर ध्यान देना अहम होगा. 

रिपोर्ट बताती है कि ‘Best Buy’ उपायों का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिये, हर एक डॉलर का निवेश करने के बदले में, इन देशों को सात डॉलर की बचत हो सकती है, जोकि वर्ष 2030 तक, 230 अरब डॉलर के आँकड़े को छू सकती है.

कार्रवाई से लाभ

बताया गया है कि देश, इन कार्यकर्मों और नीतियों की मदद से, अपने लिये दोहरे लाभ सुनिश्चित कर सकते हैं. 

ना केवल ग़ैर-संचारी बीमारियों से लोगों की रक्षा की जा सकती है, बल्कि भविष्य में कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारियों का असर भी कम किया जा सकता है. 

कोविड-19 महामारी ने दर्शाया है कि एनसीडी बीमारियों से पीड़ित मरीज़ों के लिये, कोविड-19 महामारी, ज़्यादा गम्भीर रूप धारण कर सकती है. 

आमजन को स्वस्थ बनाकर, स्वास्थ्य ख़र्चों में कमी लाई जा सकती है, उनकी उत्पादकता बढ़ती है और दीर्घायु व स्वस्थ जीवन सम्भव बनाया जा सकता है.