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रूपान्तरकारी बदलाव के वाहक – 2021 ‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ विजेताओं की घोषणा

यूएन पर्यावरण एजेंसी ने 2021 के लिये ‘चैम्पियन्स ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है.
UNEP
यूएन पर्यावरण एजेंसी ने 2021 के लिये ‘चैम्पियन्स ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है.

रूपान्तरकारी बदलाव के वाहक – 2021 ‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ विजेताओं की घोषणा

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने वर्ष 2021 के लिये ‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की है. पर्यावरण के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की ओर से दिये जाने वाले इस सर्वोच्च सम्मान से नवाज़े जाने वालों में, एक कैरीबियाई देश की प्रधानमंत्री, एक महिला वैज्ञानिक, आदिवासी महिलाओं के एक समूह और एक महिला उद्यमी शामिल हैं. 

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के मुताबिक़, इस वर्ष सभी चैम्पियंस, महिलाएँ हैं, जिन्हें आम लोगों और पृथ्वी की ओर से निडर कार्रवाई आगे बढ़ाने की दिशा में, उनके प्रभावशाली कामकाज और नेतृत्व के लिये चुना गया है.

यूएन पर्यावरण एजेंसी ने कहा, “ये चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ, हमारे समय की विशाल पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में प्रेरणा देते हैं, रक्षा करते हैं, लोगों को लामबन्द करते हैं और कार्रवाई करते हैं. इसमें पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा व पुनर्बहाली भी है.”

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'चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ' पुरस्कार विजेताओं को चार श्रेणियों में सम्मानित किया गया है: प्रेरणा व कार्रवाई, नीतिगत नेतृत्व, उद्यमी दूरदृष्टि, और विज्ञान व नवाचार.

वर्ष 2021 के पुरस्कारों के लिये, यूएन एजेंसी को रिकॉर्ड संख्या में दुनिया भर से नामांकन प्राप्त हुए थे. 

पर्यावरण कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक इन्गेर ऐण्डरसन ने कहा कि विजेताओं की पृष्ठभूमि व कार्यक्षेत्र दर्शाता है हर किसी को अपना योगदान करने का मौक़ा मिल सकता है. 

“प्रकृति के लिये हर एकल कार्रवाई महत्वपूर्ण है. मानवता के सम्पूर्ण विस्तार के पास एक वैश्विक दायित्व व एक अहम अवसर है.”

कार्रवाई की ओर

बारबेडॉस की प्रधानमंत्री मिया मोट्ली को नीतिगत नेतृत्व श्रेणी में, एक टिकाऊ विश्व के निर्माण के लिये आहवान में उनकी बुलन्द आवाज़ के लिये सम्मानित किया गया है.

उन्होंने इस क्रम में लघु द्वीपीय विकासशील देशों की निर्बलताओं व उनके समक्ष पेश चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ख़तरे की घण्टी बजाई है.  

यूएन एजेंसी ने प्रधानमंत्री मोट्ली को लातिन अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र में जलवायु कार्रवाई की अगुवाई करने वाली नेत्री क़रार दिया.

यह पहला ऐसा क्षेत्र है, जोकि पारिस्थितिकी तंत्रों की पुनर्बहाली के यूएन दशक के तहत कार्ययोजना पर सहमत हुआ है.

उनके नेतृत्व में बारबेडॉस ने अनेक महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य अपनाए हैं, और वर्ष 2030 तक जीवाश्म ईंधन मुक्त बिजली उत्पादन व परिवहन सैक्टर का संकल्प लिया गया है.

पापुआ न्यू गिनी और सोलोमन आईलैण्ड्स में The Sea Women of Melanesia नामक आदिवासी महिलाओं के समूह को प्रेरणा व कार्रवाई की श्रेणी में सम्मानित किया गया है.

यह समूह समुद्री विज्ञान व टैक्नॉलॉजी के ज़रिये स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करता है ताकि प्रवाल भित्तियों (coral reefs) पर हो रहे असर की निगरानी व समीक्षा की जा सके. इस क्षेत्र में प्रवाल भित्तियों पर ख़तरा मंडरा रहा है, और वे अपना रंग खो रही हैं. 

युगाण्डा की ग्लैडिस कालेमा-ज़ीकूसोका को विज्ञान व नवाचार की श्रेणी में यह सम्मान दिया गया है.

वह युगाण्डा वन्यजीवन प्राधिकरण में पहली महिला पशु चिकित्सक हैं और पशुजन्य बीमारियों के विषय में उन्हें दुनिया भर में एक अग्रणी विशेषज्ञ के रूप में देखा जाता है.

किर्गिज़स्तान की मारिया कोलेसनिकोवा को उद्यमी दूरदृष्टि श्रेणी में यह सम्मान दिया गया है. मारिया एक पर्यावरण कार्यकर्ता, युवा पैरोकार और MoveGreen नामक संगठन की प्रमुख हैं, जोकि मध्य एशिया में वायु गुणवत्ता की निगरानी करने और उसे बेहतर बनाने के लिये प्रयासरत है. 

मारिया के नेतृत्व में संगठन ने AQ.kg नामक एक ऐप विकसित किया है, जोकि हर 20 मिनट में देश के दो बड़े शहरों, बिशकेक और ओश में, वायु में प्रदूषकों की मात्रा पर आँकड़े एकत्र करता है.

पारिस्थितिकी तंत्रों की पुनर्बहाली

इस वर्ष, पुरस्कारों के ज़रिये पारिस्थितिकी तंत्रों की पुर्नबहाली का यूएन दशक रेखांकित किया गया है, जोकि वर्ष 2030 तक जारी रहेगा.  

यूएन एजेंसी ने कहा है कि भूमि व जलीय पारिस्थितिकी तंत्रों के क्षरण की रोकथाम व उन्हें बेहतर बनाकर, 10 लाख प्रजातियों को लुप्त होने से रोका जा सकता है. 

वैज्ञानिकों का कहना है कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महज़ 15 फ़ीसदी पारिस्थितिकी तंत्रों की पुनर्बहाली और पर्यावासों में बेहतरी लाकर लुप्त होने की घटनाओं में, 60 फ़ीसदी तक की कमी लाई जा सकती है.

‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार वर्ष 2005 में शुरू किये गए थे, और 25 विश्व नेता, 62 व्यक्ति व 14 संगठनों सहित, अब तक 101 विजेता सम्मानित किये जा चुके हैं.