27 करोड़ से अधिक ज़रूरतमन्द लोगों के लिये 41 अरब डॉलर की दरकार
संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने, विश्व भर में बढ़ती मानवीय राहत ज़रूरतों के मद्देनज़र, अपनी एक वार्षिक समीक्षा योजना पेश की है, जिसमें वर्ष 2022 में ज़रूरतमन्दों की संख्या में 17 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
गुरूवार को जारी किये गए ‘Global Humanitarian Overview’ (GHO2022) में वर्ष 2022 में पीड़ितों व ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने का ख़ाका पेश किया गया है.
समीक्षा के मुताबिक़, अगले साल दुनिया भर में 27 करोड़ 40 लाख लोगों को आपात सहायता व संरक्षण की ज़रूरत होगी.
पिछले वर्ष की योजना की तुलना में, ज़रूरतमन्दों की संख्या में यह आँकड़ा 17 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
वर्ष 2022 के लिये एक अनुमान के अनुसार, 18 करोड़ से अधिक सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के लिये 41 अरब डॉलर के बराबर धन की आवश्यकता होगी.
विकराल चुनौतियाँ
संयुक्त राष्ट्र में मानवीय राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा, “जलवायु संकट, विश्व के सर्वाधिक निर्बलों को सबसे पहले और सबसे ख़राब ढंग से प्रभावित कर रहा है.”
“लम्बे समय से जारी हिंसक टकराव लम्बे खिंच रहे हैं, और इथियोपिया, म्याँमार और अफ़ग़ानिस्तान समेत विश्व के अनेक हिस्सों में अस्थिरता बद से बदतर हो गई है.”
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वैश्विक महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है और निर्धन देश, कोविड-19 की वैक्सीन से वंचित हैं.
“मेरा लक्ष्य - इस वैश्विक अपील से कुछ हद तक उन लाखों लोगों के लिये आशा की किरण जगाना है, जिन्हें इसकी बेहद आवश्यकता है.”
बताया गया है कि विश्व आबादी का एक प्रतिशत से अधिक हिस्सा विस्थापित है. चरम निर्धनता फिर सिर उठा रही है और अक्सर इससे सर्वाधिक प्रभावितों में महिलाएँ व लड़कियाँ हैं.
मौजूदा हालात में लैंगिक विषमताओं और संरक्षण जोखिमों के और ज़्यादा गम्भीर होने की आशंका है.
यूएन एजेंसी का कहना है कि 43 देशों में साढ़े चार करोड़ लोगों पर अकाल का ख़तरा मंडरा रहा है. इन हालात में, अग्रिम मोर्चों पर डटे राहतकर्मियों ने ख़तरे की घण्टी बजाई है.
साझा पत्र
क़रीब 120 नागरिक समाज संगठनों ने गुरूवार को एक साझा पत्र जारी करते हुए, विश्व नेताओं से अकाल की रोकथाम करने की पुकार लगाई है. इनमें लगभग 100 संगठन ऐसे देशों में मौजूद हैं जोकि भुखमरी से सबसे अधिक पीड़ित हैं.
साझा पत्र में सचेत किया गया है कि खाद्य असुरक्षा को बढ़ाने वाले मुख्य कारकों से निपटना होगा: हिंसक टकराव, जलवायु संकट, कोविड-19 और आर्थिक झटके.
वर्ष 2021 में, राहत संगठनों ने इन संकटों के बदतर दुष्परिणामों को टालने में मदद करने के लिये प्रयास तेज़ किये हैं.
संयुक्त राष्ट्र, ग़ैर-सरकारी संगठनों, सरकारों और देशीय स्तर पर निजी सैक्टर द्वारा संचालित परियोजनाओं के ज़रिये, 10 करोड़ 70 लाख लोगों तक पहुँचा गया, जोकि कुल लक्ष्य का 70 प्रतिशत है.
उदाहरणस्वरूप, दक्षिण सूडान में पाँच लाख से अधिक लोगों को अकाल के कगार से वापिस लाने में मदद की गई और यमन में स्वास्थ्य साझीदारों ने एक करोड़ चिकित्सा परामर्श सत्र को सम्भव बनाया.
अपना गुज़र-बसर में मुश्किलों का सामना कर रहे परिवारों तक करोड़ों डॉलर की नक़दी सहायता पहुँचाई गई है.
GHO2022 में 63 देशों को ध्यान में रखते हुए, 37 जवाबी कार्रवाई योजनाएँ शामिल की गई हैं.
वर्ष 2021 में, अन्तरराष्ट्रीय दानदाताओं ने GHO में प्रस्तावित परियोजनाओं के लिये 17 अरब डॉलर मुहैया कराए हैं. मगर, यह धनराशि, यूएन और साझीदार संगठनों द्वारा अनुरोधित राशि के आधे से भी कम हैं.