कोविड-19: ओमिक्रॉन वैरिएण्ट से बचाव के लिये, 'रूखे व कठोर' उपायों की आलोचना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएण्ट पर उभरी चिन्ताओं के बीच सदस्य देशों से तार्किक व स्थिति के अनुरूप ही, जोखिम में कमी लाने वाले उपाय किये जाने का आग्रह किया है. यूएन एजेंसी प्रमुख ने क्षोभ जताया कि नए वैरिएण्ट के फैलाव पर तेज़ी से जानकारी देने के लिये, बोत्सवाना और दक्षिण अफ़्रीका सराहना के पात्र हैं, मगर अन्य देश कठोर व व्यापक क़दमों के ज़रिये उन्हें दण्डित कर रहे हैं.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने मंगलवार को जिनीवा में SARS-CoV-2 (कोरोनावायरस) के नए वैरिएण्ट ओमिक्रॉन के सम्बन्ध में बुलाए गए एक जानकारी सत्र को सम्बोधित किया.
“There have been as many plagues as wars in history, yet always plagues & wars take people equally by surprise.”Omicron’s emergence remind us of how perilous & precarious our situation is. We should be wide awake to the threat of this virus. #WHASpecial https://t.co/QHvdd6SoGJ pic.twitter.com/lSougJ0gts
DrTedros
उन्होंने सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वैश्विक कार्रवाई को संयमित, समन्वित व सुसंगत बनाना होगा, और इस क्रम में, अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों को भी ध्यान में रखा जाना होगा.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि यूएन एजेंसी कोरोनावायरस के इस नए वैरिएण्ट के उभरने को बेहद गम्भीरता से ले रही है, और सदस्य देशों को भी यही करना होगा.
“मगर, हमें हैरान नहीं होना चाहिये. वायरस यही करते हैं.”
“और जैसाकि मैं पहले भी कह चुका हूँ, हम वैश्विक महामारी को जितना लम्बा खिंचने देते हैं – वैक्सीन विषमता को दूर करने, या सार्वजनिक स्वास्थ्य व सामाजिक उपायों को एक लक्षित व सुसंगत ढंग से लागू करने में विफल रहते हैं – तो वायरस को ऐसे नए रूपों में बदलने का अवसर होगा, जिनका हम अनुमान नहीं लगा सकते या रोकथाम नहीं कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन नामक वैरिएण्ट से होने वाली बीमारी की गम्भीरता, परीक्षणों की प्रभावशीलता, उपचार व वैक्सीन के सम्बन्ध में अभी स्पष्ट जानकारी का अभाव है, मगर जानकारी जुटाई जा रही है.
बोत्सवाना, दक्षिण अफ़्रीका की सराहना
महानिदेशक घेबरेयेसस ने वायरस का जल्द पता लगाने, सीक्वेंसिंग और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने के लिये बोत्सवाना और दक्षिण अफ़्रीका की सराहना की है.
उन्होंने कहा कि यह देखना बेहद चिन्ताजनक है कि अन्य देश, बोत्सवाना और दक्षिण अफ़्रीका को उचित कार्रवाई के लिये अब दण्डित कर रहे हैं.
“अनेक सदस्य देश कठोर, व्यापक उपाय लागू कर रहे हैं, जोकि तथ्य-आधारित या स्वयं में कारगर नहीं हैं, और जिनसे विषमताएँ और ज़्यादा गहरी होंगी.”
ग़ौरतलब है कि इन्हीं देशों ने पिछले सप्ताह सबसे पहले कोरोनावायरस के नए वैरिएण्ट का पता चलने की जानकारी दी थी, जिसके बाद अनेक देशों ने दक्षिण अफ़्रीकी देशों पर यात्रा पाबन्दियाँ लगा दी हैं.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि यह समझा जा सकता है कि सभी देश अपने नागरिकों की रक्षा करना चाहते हैं, मगर, ओमिक्रॉन के ख़तरे के प्रति अभी ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने सचेत किया कि दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिये कि अब भी एक बेहद तेज़ी से फैलने वाले, ख़तरनाक वैरिएण्ट - डेल्टा - का सामना किया जा रहा है, जो मोटे तौर पर विश्व में सभी संक्रमण मामलों के लिये ज़िम्मेदार है.
जोखिम की समीक्षा जारी
वैज्ञानिक, ओमिक्रॉन के फैलाव का पता लगने के बाद, कोरोनावायरस के नए प्रकार की घातकता और संचारण क्षमता के सम्बन्ध में जानकारी जुटा रहे हैं.
इस क्रम में, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने वायरस के इस प्रकार की रोकथाम के लिये सभी सतर्कता उपाय बरते जाने पर बल दिया है.
संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिण्डमायर ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि फ़िलहाल इस वायरस के वैरिएण्ट के बारे में तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब तक हमें मौजूदा टीकों की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी नहीं है, तब तक उन्हीं उपायों से काम चलाना होगा, जो अभी तक प्रभावी रहे हैं.
इन उपायों में मास्क पहनना, कमरों को हवादार बनाना, हाथों की स्वच्छता बरतना, शारीरिक दूरी का ध्यान रखना सहित अन्य उपाय शामिल हैं.
हाल ही में वैक्सीन विनिर्माता कम्पनी, मोडर्ना के प्रमुख ने आशंका जताई थी कि नए वैरिएण्ट के विरुद्ध मौजूदा टीके, शायद उतने कारगर ना हों, जितना वे वायरस के पुराने प्रकारों पर साबित हुए हैं.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, वायरस के ज़्यादा तेज़ी से फैलने की सम्भावना जताई गई है, और अगले दो हफ़्तों में स्थिति स्पष्ट होने की आशा है.