वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड-19: ओमिक्रॉन वैरिएण्ट की गम्भीरता के बारे में अभी स्पष्ट सबूत नहीं

काँगो गणराज्य में माया माया अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की जाँच करते हुए स्वास्थ्यकर्मी
WHO/D. Elombat
काँगो गणराज्य में माया माया अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की जाँच करते हुए स्वास्थ्यकर्मी

कोविड-19: ओमिक्रॉन वैरिएण्ट की गम्भीरता के बारे में अभी स्पष्ट सबूत नहीं

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोनावायरस के नए वैरिएण्ट ओमिक्रॉन के सम्बन्ध में विज्ञान पर, रविवार को ताज़ा जानकारी प्रकाशित की है. ग़ौरतलब है कि इस वैरिएण्ट ने दुनिया भर में चिन्ता की लहर फैला दी है और दक्षिण अफ़्रीकी देशों में हवाई यात्राओं पर पाबन्दियाँ बढ़ रही हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के विशेषज्ञों ने कहा है कि दक्षिण अफ़्रीका और दुनिया भर में अनेक शोधकर्ता, ओमिक्रॉन वैरिएण्ट के विभिन्न पहलुओं के बारे में बेहतर समझ हासिल करने के लिये अध्ययन कर रहे हैं, मगर फ़िलहाल तो ये स्पष्ट नहीं है कि ये वैरिएण्ट, डेल्टा सहित अन्य वैरिएण्ट्स की तुलना में, क्या ज़्यादा संक्रमण फैलाने वाला है?

वायरस विकास पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के परामर्शकारी समूह ने एक वक्तव्य में बताया है, “दक्षिण अफ़्रीका में इस वैरिएण्ट से प्रभावित इलाक़ों में संक्रमण का शिकार होने वाले लोगों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है.

"मगर ये समझने के लिये अभी विस्तृत अध्ययन जारी हैं कि ये संक्रमण इसी वैरिएण्ट के कारण फैला है या इसके लिये कोई अन्य कारण ज़िम्मेदार हैं.”

इस परामर्शकारी समूह ने रेखांकित किया है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन के कारण फैलने वाला संक्रमण, क्या मरीज़ों को, अन्य वैरिएण्ट्स की तुलना में, ज़्यादा गम्भीर बीमार रूप में बीमार करता है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के विशेषज्ञों का कहना है कि आरम्भिक आँकड़ों से तो ये मालूम होता है कि दक्षिण अफ़्रीका में, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, और ओमिक्रॉन वैरिएण्ट के विशिष्ट संक्रमण के बजाय, शायद, संक्रमण का शिकार होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा हो.

उनका कहना है कि अभी इस बारे में भी कोई सटीक जानकारी नहीं है कि ओमिक्रॉन के कारण, कोविड-19 के कोई भिन्न लक्षण नज़र आते हों.

पुनः संक्रमण का ज़्यादा जोखिम

अलबत्ता, परामर्शकारी समूह का ये भी कहना है कि आरम्भिक सबूतों से संकेत मिलते हैं कि जो लोग कोविड-19 से पूर्व में संक्रमित हो चुके हैं, वो, अन्य वैरिएण्ट की तुलना में, ओमिक्रॉन वैरिएण्ट से फिर से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं. 

अभी तक तो, संक्रमण युवा व्यक्तियों में ज़्यादा होने के मामले सामने आए हैं, जिनमें बीमारी का स्तर मामूली रहा है, मगर ओमिक्रॉन वैरिएण्ट के संक्रमण की गम्भीरता के स्तर को समझने के लिये, अभी कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताहों तक का समय लग सकता है.

सीमाएँ खुली रखें और विज्ञान को मानें

जोहानसबर्ग के कोविड-19 अस्पताल में कार्यरत एक स्वास्थ्यकर्मी
IMF/James Oatway
जोहानसबर्ग के कोविड-19 अस्पताल में कार्यरत एक स्वास्थ्यकर्मी

ओमिक्रॉन वैरिएण्ट से उपजी चिन्ताओं के बीच, दक्षिण अफ़्रीका से हवाई उड़ानों पर प्रतिबन्ध लगाने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

ऐसे में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने तमाम देशों से, साक्ष्यों व अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने की पुकार लगाते हुए, उनसे अपनी सीमाएँ खुली रखने का भी आग्रह किया है.

एजेंसी ने रविवार को प्रकाशित एक वक्तव्य में कहा है कि निसन्देह, यात्रा पाबन्दियों से, कोविड-19 के फैलाव को कुछ कम करने में मदद मिलती है, मगर पाबन्दियों के कराण, लोगों की ज़िन्दगियों और आजीविकाओं पर बहुत भारी बोझ भी पड़ता है.

एजेंसी ने रेखांकित किया है कि अगर यात्रा प्रतिबन्ध लगाए भी जाते हैं तो वो आक्रामक प्रकृति के ना हों, विज्ञान पर आधारित हों और अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों के अनुरूप हों, जोकि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का बाध्यकारी प्रावधान हैं, जिन्हें 190 देशों से मान्यता मिली हुई है. 

अफ़्रीका के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर मत्शीदीसो मोएती ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएण्ट दुनिया के अनेक हिस्सों में चिन्हित किया जा चुका है, मगर अफ़्रीका को निशाना बनाकर लगाए गए यात्रा प्रतिबन्ध, असल में वैश्विक एकजुटता पर चोट करते हैं.

उन्होंने कहा, ”कोविड-19, हमारे मतभेदों का, लगातार फ़ायदा उठाता है. हम इस वायरस से बेहतर तभी साबित हो सकते हैं जब, हम समाधानों के लिये एक साथ मिलकर काम करें.”

एजेंसी के अनुसार दक्षिण अफ़्रीका के देशों पर हवाई यात्राओं पर पाबन्दियाँ लगा दी गई हैं, जबकि अभी तक इस क्षेत्र के, केवल दो देशों में ही ओमिक्रॉन वैरिएण्ट चिन्हित किया गया है.

इस बीच, योरोप व कुछ अन्य क्षेत्रों के देशों में भी ओमिक्रॉन के संक्रमण के मामले आए हैं.