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कोविड-19: बच्चों में संक्रमण से कई अंगों पर असर के मामले, उपचार के लिये नए दिशानिर्देश

कोविड महामारी से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र, भारत सरकार को पूरा सहयोग दे रहा है.
© UNICEF/Vinay Panjwani
कोविड महामारी से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र, भारत सरकार को पूरा सहयोग दे रहा है.

कोविड-19: बच्चों में संक्रमण से कई अंगों पर असर के मामले, उपचार के लिये नए दिशानिर्देश

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण, जिन बच्चों के कई अंग एक साथ प्रभावित होते हैं और उनमें सूजन व जलन (inflammation) होती है, उनका अस्पताल में उपचार स्टेरॉयड की मदद से किया जाना चाहिये.  

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने इस सम्बन्ध में अपनी नई सिफ़ारिशें पेश की हैं. इससे पहले, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले वर्ष मई 2020 में,कोविड-19 के कारण बच्चों में बहुप्रणाली सूजन व जलन सिण्ड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome in Children / MIS-C) की व्याख्या पेश की थी. 

यूएन एजेंसी को योरोप और उत्तर अमेरिका से, बच्चों व किशोरों में ऐसे मामले सामने आने की रिपोर्टें मिली हैं, जिन्हें शरीर के अनेक अंगों मे सूजन व जलन की अवस्था होने के कारण गहन देखभाल उपचार की आवश्यकता थी.  

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संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिण्डमियर ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया, “MIS-C, एक दुर्लभ मगर गम्भीर अवस्था है, जिसमें कोविड-19 के कारण बच्चों के शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करने वाली सूजन व जलन पैदा हो जाती है.”

“इस अवस्था वाले बच्चों को विशेषीकृत देखभाल की आवश्यकता होती है, और उन्हें गहन देखभाल में भर्ती कराए जाने की ज़रूरत पड़ सकती है.”

“वैसे तो MIS-C एक गम्भीर अवस्था है, लेकिन समुचित चिकित्सा देखभाल होने से, बच्चे इस हालत से उबर सकते हैं.”

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रवक्ता ने बताया कि छोटे बच्चों में कोविड-19 के गम्भीर या अति-गम्भीर संक्रमण मामलों का जोखिम कम है.

मगर, पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं से शरीर के अंगों के, कोरोनावायरस के कारण गहरे रूप से प्रभावित होने का जोखिम बढ जाता है.

इन वजहों में मोटापा, दमा सहित लम्बे समय से चली आ रही फेफड़ों की बीमारी, हृदयवाहिनी (cardiovascular) रोग और प्रतिरोधक तंत्र प्रणाली का कमज़ोर होना है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तीन अध्ययनों के आधार पर प्राप्त आँकड़ों का विश्लेषण करने के बाद अपनी सिफ़ारिशें जारी की हैं, जिनमें 885 मरीज़ों के अनुभवों संज्ञान लिया गया.

योरोप में कोविड का क़हर

इस बीच, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का योरोपीय क्षेत्र एक बार फिर, कोविड-19 महामारी की चपेट में है.

पिछले सप्ताह, कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या, एक दिन में चार हज़ार 200 तक पहुँच गई. 

यह संख्या, सितम्बर के अन्त में एक दिन में दो हज़ार 100 मौतों की संख्या से दोगुनी है. 

योरोपीय क्षेत्र में स्थित 53 देशों में अब तक कोरोनावायरस के कारण 15 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. 

यूएन एजेंसी के योरोपीय क्षेत्र के लिये अध्ययन करने वाले, ‘Institute for Health Metrics and Evaluation’ के अनुसार, मौजूदा समय में कोविड-19, योरोप व मध्य एशिया में मौत का सबसे बड़ा कारण है.

इन हालात में, यूएन एजेंसी ने आशंका जताई है कि योरोप में मार्च 2022 से पहले, कोविड-19 के कारण मृतक संख्या 20 लाख तक पहुँच सकती है. 

वैक्सीन प्लस

योरोप के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन में क्षेत्रीय निदेशक हैन्स क्लूगे ने कहा, “वायरस के साथ जीने और हमारा दैनिक जीवन जारी रखने के लिये, हमें ‘वैक्सीन प्लस’ उपाय को अपनाने की आवश्यकता है.”

इसका अर्थ है: वैक्सीन की मानक ख़ुराक लेना, उपलब्ध होने की स्थिति में अतिरिक्त ख़ुराक (Booster dose) लगवाना, और रोज़मर्रा के जीवन में रोकथाम उपाय अपनाना.

यूएन एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि मास्क पहनने, हाथ धोने, रहने या ठहरने के स्थानों को हवादार बनाने, शारीरिक दूरी बरतने, और छींकते हुए बाँह से मुँह ढँक लेने से, वायरस से बचा जा सकता है, और समाजों में आम जीवन जारी रखा जा सकता है. 

“हम सभी के पास यह अवसर व ज़िम्मेदारी है कि अनावश्यक त्रासदी और जीवन हानि को टालने में मदद करें, और इस सर्दी के मौसम में, समाजों व व्यवसायों में और ज़्यादा व्यवधान को सीमित करें.”

विश्व स्वास्थ्य एजेंसी के नवीनतम आँकड़ों के मुताबिक़, 22 नवम्बर तक कोरोनावायरस के 25 करोड़ 69 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है. 

51 लाख 51 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है, और अब तक कोरोनावायरस वैक्सीन के सात अरब 40 करोड़ से ज़्यादा टीके लगाए जा चुके हैं.