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सर्वजन को समुचित स्वच्छता उपलब्ध कराने से, लोगों व ग्रह को अनेक लाभ

भारत के मुम्बई शहर में, एक ऐसे स्थान पर शौचालय बने हैं जहाँ गन्दा पानी भी निकासी के बाद इकट्ठा है.
© UNICEF/Manpreet Romana
भारत के मुम्बई शहर में, एक ऐसे स्थान पर शौचालय बने हैं जहाँ गन्दा पानी भी निकासी के बाद इकट्ठा है.

सर्वजन को समुचित स्वच्छता उपलब्ध कराने से, लोगों व ग्रह को अनेक लाभ

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने तमाम देशों से आग्रह किया है कि वो किसी भी व्यक्ति को पीछे नहीं छोड़ देने के अपने वादे पूरे करने के लिये काम करते रहें और सर्वजन को स्वास्थ्य और स्वच्छता मुहैया कराएँ.

तीन अरब 60 करोड़ लोगों के लिये सुरक्षित देखरेख में साफ़-सफ़ाई सेवाएं सुलभ नहीं हैं.
UN News/Pratishtha Jain
तीन अरब 60 करोड़ लोगों के लिये सुरक्षित देखरेख में साफ़-सफ़ाई सेवाएं सुलभ नहीं हैं.

यूएन प्रमुख ने शुक्रवार को, विश्व शौचालय दिवस पर अपने सन्देश में कहा कि हर एक व्यक्ति को, स्वस्थ, सुरक्षित और टिकाऊ स्वच्छता तक पहुँच होनी चाहिये.

गन्दा, ख़तरनाक और घातक

उन्होंने अपने सन्देश में कहा, “शौचालय के अभाव में जीवन गन्दा, ख़तरनाक और गरिमाहीन है.

फिर भी दुनिया भर में लगभग तीन अरब 60 करोड़ लोगों को, असुरक्षित स्वच्छता के वातावरण में रहना पड़ता है जिससे उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिये जोखिम पैदा होता है, और आर्थिक विकास भी बाधित होता है.”

संयुक्त राष्ट्र के आँकड़ों के अनुसार, उपयुक्त साफ़-स़फ़ाई और स्वच्छता के अभाव में जीवन घातक भी है.

हर दिन, पाँच वर्ष से कम उम्र के 700 बच्चों की मौत, डायरिया से हो जाती है जिसका सम्बन्ध असुरक्षित पानी और स्वच्छता के अभाव के साथ है.

विश्व शौचालय दिवस, वर्ष 2013 से, हर वर्ष 19 नवम्बर को मनाया जाता है और इसका मक़सद साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता के बारे में जारी दकियानूसी प्रथाओं और सोच को बदलना, और स्वच्छता को, तमाम वैश्विक आर्थिक विकास के लिये एक प्राथमिकता बनाना है.

निवेश और नवाचार

यूएन महासचिव ने कहा कि शौचालयों की बदौलत लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाई जाती हैं, लैंगिक समानता और कुल मिलाकर पूरे समाज में बेहतरी होती है.

उन्होंने कहा, “इतिहास हमे सिखाता है कि त्वरित प्रगति सम्भव है. बहुत से देशों ने अपने यहाँ स्वच्छता सुविधाओं में सुधार लाकर और शौचालयों तक सभी की पहुँच सुनिश्चित करके, अपनी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव किये हैं.”

एंतोनियो गुटेरेश ने पूरी स्वच्छता श्रृंखला के इर्दगिर्द त्वरित और बड़े पैमाने पर संसाधन निवेश व नवाचार अपनाए जाने की पुकार भी लगाई है.

उन्होंने कहा कि लोगों को, पानी और स्वच्छता की उपलब्धता के बुनियादी अधिकारों की पूर्ति किया जाना, न केवल लोगों के लिये अच्छा है, बल्कि कारोबार और पृथ्वी ग्रह के लिये भी बेहतर है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि शौचालयों और स्वच्छता में एक डॉलर का निवेश किये जाने से, चिकित्सा लागत, बेहतर स्वास्थ्य, बढ़ी हुई उत्पादकता, शिक्षा और रोज़गारों के रूप में में, पाँच डॉलर का फ़ायदा हो सकता है.