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मध्य पूर्व शान्ति प्रयासों पर मीडिया सेमिनार – ‘हम उम्मीद नहीं खो सकते हैं’

फ़लस्तीनी बच्चे अपनी खिड़की से बाहर क्षतिग्रस्त इमारतों को देख रहे हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba
फ़लस्तीनी बच्चे अपनी खिड़की से बाहर क्षतिग्रस्त इमारतों को देख रहे हैं.

मध्य पूर्व शान्ति प्रयासों पर मीडिया सेमिनार – ‘हम उम्मीद नहीं खो सकते हैं’

शान्ति और सुरक्षा

इसराइल व फ़लस्तीन के बीच दशकों से चले आ रहे टकराव के शान्तिपूर्ण निपटारे को बढ़ावा और फ़लस्तीन के प्रश्न पर सार्वजनिक जागरूकता का प्रसार, इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की एक अन्तरराष्ट्रीय मीडिया सेमिनार के दौरान चर्चा के केंद्र में है. 

मध्य पूर्व में शान्ति पर केंद्रित यह दो-दिवसीय सेमिनार मंगलवार को शुरू हुई, जिसे ऑनलाइन आयोजित किया गया है. इसमें पत्रकार, मीडिया विशेषज्ञ, थिंक टैण्क, कूटनीतिज्ञ और शिक्षाविद शामिल हुए हैं.   

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपने वीडियो सन्देश में, इसराइलियों व फ़लस्तीनियों के बीच विवाद का दो-राष्ट्र समाधान के लिये यूएन के समर्थन को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा कि दो-राष्ट्र समाधान, जैसा कि यूएन प्रस्तावों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और द्विपक्षीय समझौतों में निर्धारित किया गया है, एकमात्र ऐसा रास्ता है, जिससे फ़लस्तीनियों व इसराइलियों को उनकी जायज़ आकाँक्षाओं को पूरा करने में मदद मिल सकती है.

साथ ही इससे दो स्वतंत्र, सम्प्रभु देशों की वास्तविकता को साकार किया जा सकेगा, जोकि शान्ति व सुरक्षा के साथ, एक दूसरे के पड़ोसी के रूप में रहेंगे. 

फ़लस्तीन के प्रश्न पर विशेष जानकारी कार्यक्रमों के सन्दर्भ में, संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग द्वारा, मीडिया सेमिनार को वर्ष 1991 से हर साल आयोजित किया जाता रहा है. 

सम्वाद पर बल

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस वर्ष का सत्र, ऐतिहासिक मैड्रिड शान्ति सम्मेलन की 30वीं वर्षगाँठ पर आयोजित हो रहा है. इसी सम्मेलन के बाद इसराइलियों और फ़लस्तीनियों में सम्वाद क़ायम हुआ था.

साथ ही, इससे शान्ति की एक महत्वपूर्ण नींव स्थापित की गई, जिससे अब आगे लेकर जाने की बात कही गई है. 

मगर, महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि पिछले कुछ वर्षों में, शान्ति मार्ग पर अनेक बाधाएँ दिखाई दी हैं, और वार्ता के ज़रिये, दो राष्ट्र समाधान की व्यवहारिकता पर सवाल उठ रहे हैं.    

“हम उम्मीदें नहीं खो सकते हैं. हमें शान्ति प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिये हर अवसर की तलाश करनी होगी.”

“और मैं हर इसराइली व फ़लस्तीनी नेता से, सम्वाद में प्राण फूँकने और उसे फिर शुरू करने के लिये आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का आग्रह करता हूँ.”

दृढ़ संकल्प

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने दोनों पक्षों के साथ-साथ, अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय साझीदारों के साथ मिलकर काम करने के, संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को रेखांकित किया है.

उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व चौकड़ी – यूएन, योरोपीय संघ, रूस व अमेरिका – की मदद से इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रयास किये जाएंगे.

महासचिव ने मीडिया की महत्वपूर्ण योगदान की भी शिनाख़्त की है और ज़ोर देकर कहा है कि स्वतंत्र पत्रकारिता, शान्तिपूर्ण समाजों के निर्माण के लिये बेहद अहम है.  

फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों के इस्तेमाल पर यूएन समिति के लिये मीडिया के साथ काम करना बेहद अहम बताया गया है. 

मध्य पूर्व में शान्ति के मुद्दे पर अन्तरराष्ट्रीय मीडिया सेमिनार के अन्तर्गत दो चर्चाएँ आयोजित की जाएंगी. 

मंगलवार को पहली चर्चा, मैड्रिड सम्मेलन की वर्षगाँठ और समाधान की उम्मीदों पर केंद्रित रही, जबकि बुधवार को दूसरी चर्चा में इसराइली-फ़लस्तीनी टकराव की मीडिया कवरेज के सिलसिले में समाधान पत्रकारिता की पड़ताल की जाएगी.