कोविड-19: वैश्विक टीकाकरण के लिये सिरींज की क़िल्लत, होने की आशंका

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन में वृद्धि के प्रयासों के समानान्तर, टीके लगाए जाने के लिये ज़रूरी सिरींज की सुलभता भी बढ़ाई जानी होगी. यूएन एजेंसी ने अगले वर्ष नियमित टीकाकरण अभियानों के लिये सुइयों की वैश्विक स्तर पर क़िल्लत होने की आशंका जताई है.
ध्यान रहे कि वैक्सीन के टीके लगाने के लिये, लगातार सिरींज की आवश्यकता होती है.
Without action now, the world could face a serious shortage of COVID vaccine syringes by the end of 2022. Here's how UNICEF is responding so that communities can stay protected: https://t.co/QBGQXwEDK1
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कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के लिये व्यापक स्तर पर टीकाकरण की आवश्यकता है, जिसके लिये विशाल संख्या में सिरींज की उपलब्धता भी ज़रूरी है.
स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को बताया कि उत्पादन के अभाव में, अगले वर्ष कम से कम एक अरब सिरींज की कमी हो सकती है.
यूएन एजेंसी का यह विश्लेषण इस परिदृश्य पर आधारित है कि अब से लेकर वर्ष 2023 तक, क़रीब सात अरब लोगों को कोरोनावायरस वैक्सीन के दो टीके लगाए जाने की आवश्यकता होगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों की सुलभता के लिये वरिष्ठ सलाहकार, लीसा हैडमैन ने सचेत किया कि अगर विनिर्माता, एक बार इस्तेमाल की जाने वाली सिरींज का उत्पादन नहीं बढ़ा पाए, तो बच्चों की एक पूरी पीढ़ी के, प्रतिरक्षण टीकों से वंचित रह जाने का ख़तरा है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ लीसा हैडमन ने बताया, “जब आप महामारी पर जवाबी कार्रवाई के तहत दिये जा रहे इंजेक्शन की संख्या के परिमाण के बारे में सोचते हैं, तो यहाँ हम छोटा रास्ता अपनाने, क़िल्लत या फिर मरीज़ों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये पूर्ण सुरक्षा से कम, कोई भी जोखिम मोल नहीं ले सकते.”
उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि विश्व भर में, कोविड-19 वैक्सीन के छह अरब 80 करोड़ टीके लगाए गए हैं, जोकि हर साल नियमित टीकाकरण के लिये दी जाने वाली ख़ुराकों की दोगुनी संख्या है.
“सिरींज की क़िल्लत एक वास्तविक सम्भावना है जबकि यहाँ कुछ और आँकड़े हैं.”
“प्रतिरक्षण सिरींज के लिये वैश्विक विनिर्माण क्षमता प्रति वर्ष छह अरब है, और यह स्पष्ट है कि अगर इसी तरह काम होता रहा तो वर्ष 2022 में एक अरब से ज़्यादा की कमी जारी रह सकती है.”
यूएन स्वास्थ्य विशेषज्ञ लीसा हैडमैन के अनुसार सिरींज आपूर्ति में परिवहन की वजह से भी देरी हो सकती है - वैक्सीन की तुलना में उनके लिये 10 गुना अधिक स्थान की आवश्यकता होती है.
साथ ही उन्होंने, संक्रमण और किटाणुरहित (sterilized) बनाए जाने के बाद भी सिरींज को दोबारा इस्तेमाल नहीं किये जाने की सलाह दी है, चूँकि नुक़सानदेह बैक्टीरिया के मौजूद रहने की आशंका बनी रहती है.
8 नवम्बर तक, दुनिया भर में, कोरोनावायरस वैक्सीन की सात अरब आठ करोड़ से अधिक ख़ुराकें दी जा चुकी हैं.