कोविड-19: भारत की कोवैक्सीन को आपात प्रयोग के लिये मंज़ूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 से बचाने वाली एक आठवीं वैक्सीन को मंज़ूरी दी है जो भारत में निर्मित है. इस बीच दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों में कुछ बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने, एक भारतीय कम्पनी – भारत बायोटैक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन के आपात प्रयोग (EUL) को स्वीकृति दे दी है. इस मंज़ूरी के बाद, कोवैक्सीन, जल्द ही, दुनिया भर में करोड़ों लोगों के प्रयोग के लिये उपलब्ध हो सकेगी.
Glad to see one more vaccine, #Covaxin, being granted @WHO emergency use listing. The more products we have to fight #COVID19, the better, but we must keep up the pressure to deliver #VaccinEquity & prioritize access to vulnerable groups who are still waiting for their 1st dose. https://t.co/wCgtSSNvJ1
DrTedros
आपात प्रयोग प्रक्रिया (EUL) के तहत, किसी वैक्सीन की गुणवत्ता, उसके सुरक्षा मानक और कुशलता का आकलन किया जाता है और उसके बाद ही किसी वैक्सीन को, वैश्विक एकजुटता पहल – कोवैक्स में शामिल किया जाता है.
‘दबाव बनाए रखें’
इस प्रक्रिया के तहत, देशों को, वैक्सीन के टीके आयात करने और लोगों को लगाने के लिये, उनकी नियामक स्वीकृति प्रक्रिया को तेज़ करने की भी अनुमति दी जाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में औषधि और स्वास्थ्य पदार्थों की उपलब्धता के लिये सहायक महानिदेशक डॉक्टर मारियाएंजेले सिमाओ ने कहा, “आपात प्रयोग स्वीकृति की सूची बढ़ने से, वैक्सीन्स की उपलब्धता का विस्तार होता है, जोकि महामारी का ख़ात्मा करने के लिये, सर्वाधिक कारगर चिकित्सा उपकरण व संसाधन हैं.”
“लेकिन हमें, आबादियों की ज़रूरतें पूरी करने के लिये दबाव बनाए रखना होगा, ज़्यादा जोखिम का सामना करने वाले समूहों को प्राथमिकता देनी होगी, जोकि अपनी पहली ख़ुराक पाने के लिये अभी इन्तेज़ार कर रहे हैं, इससे पहले कि हम अपनी जीत घोषित कर दें.”
कोवैक्सीन, भारत में पहले ही लोगों को दी जा रही थी, जिसे देश के स्वास्थ्य व नियामक अधिकारियों ने, जनवरी 2021 में ही स्वीकृति दे दी थी.
हालाँकि मीडिया ख़बरों के अनुसार, कोवैक्सीन के चिकित्सीय परीक्षण का तीसरा चरण भी जारी है.
भारत बायोटैक ने, बाद में इस बारे में कुछ आँकड़े जारी किये थे कि कोवैक्सीन लगभग 78 प्रतिशत प्रभावशाली है.
WHO के मानकों की पूर्ति
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के एक परामर्शकारी समूह ने कोवैक्सीन का आकलन, आपात प्रयोग प्रक्रिया के तहत किया जिसमें वैक्सीन की गुणवत्ता, उसका सुरक्षा स्तर, कुशलता, एक जोखिम प्रबन्धन योजना और कार्यक्रम सम्बन्धी अहर्ता का जायज़ा लिया जाता है.
कोवैक्सीन को, कोविड-19 के ख़िलाफ़ सुरक्षा के लिये, WHO के मानक पूरा करने के लिये उपयुक्त माना गया, और दुनिया भर में इसके वितरण को हरी झण्डी दे दी गई है.
पिछले महीने, टीकाकरण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकारी समूह (SAGE) ने भी कोवैक्सीन की समीक्षा की थी. ध्यान रहे कि ये समूह, वैक्सीन्स पर विशेष नीतियाँ बनाता है और उनके प्रयोग के लिये सिफ़ारिशें पेश करता है.
सेज ने, कोवैक्सीन का प्रयोग, दो टीकों के ज़रिये करने की सिफ़ारिश की है, जिनके बीच चार सप्ताह का अन्तर हो. कोवैक्सीन, 18 वर्ष से ज़्यादा उम्र के सभी व्यक्तियों को दिये जाने की सिफ़ारिश की गई है.
आसान भण्डारण ज़रूरतें
कोवैक्सीन को, इसके दो टीके लगाए जाने के 14 दिन के भीतर, कोविड-19 के ख़िलाफ़ लगभग 78 प्रतिशत कारगर माना गया है.
कोवैक्सीन की आसान भण्डारण ज़रूरतों को देखते हुए, इसे निम्न व मध्यम आय वाले देशों में प्रयोग के लिये बहुत उपयुक्त समझा गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को इस वैक्सीन की ख़ुराकें दिये जाने की सुरक्षा का आकलने करने के लिये, अभी अपर्याप्त आँकड़े हैं, अलबत्ता अध्ययन किये जाने की योजना है.
कोविड-19 मामले
संगठन को प्राप्त ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के संक्रमण के लगभग 24 करोड़ 70 लाख मामले दर्ज किये गए हैं और 50 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि पिछले सप्ताह, संक्रमण के 30 लाख से ज़्यादा मामले दर्ज किये गए, जोकि हाल के समय में कुछ ज़्यादा बढ़ोत्तरी है.
इस बढ़ोत्तरी में सबसे ज़्यादा हिस्सा योरोप में छह प्रतिशत रहा, जबकि अन्य सभी स्थानों पर मामलों में या तो कमी देखी गई है, या फिर स्थिर रुझान रहे हैं.