इथियोपिया: 'बहुत देर हो जाने से पहले ही, युद्ध तत्काल रोका जाना होगा'

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा है कि इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में लड़ाई भड़कने में शामिल सभी पक्षों को ये लड़ाई तुरन्त रोकनी होगी, नहीं तो क्षेत्र में पहले से ही त्रासदीपूर्ण मानवीय स्थिति, बिल्कुल बिखराव और विनाश के कगार पर पहुँच जाएगी.
ध्यान रहे कि इथियोपिया में इन ख़बरों के बाद आपातकाल की घोषणा कर दी गई है कि टीगरे के क्षेत्रीय बल, पड़ोसी क्षेत्र अमहारा में भी दाख़िल हो गए हैं. ऐसी भी ख़बरें आई हैं कि इथियोपिया के सरकारी बलों ने टीगरे की राजधानी मैकेल्ले में गोलाबारी की है.
"#Tigray conflict has been marked by extreme brutality," @mbachelet. Report details series of violations, incl. killings & extra-judicial executions, torture, sexual & gender-based violence, violations against refugees, forced displacement and hate speech: https://t.co/X6oycERVO7 pic.twitter.com/QpK1IZm7N1
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यूएन मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट की यह अपील इन्हीं हालात के मद्देनज़र की गई है.
उन्होंने कहा है, “जोखिम बहुत गम्भीर हैं और लोगों को गिरफ़्तार करने व बन्दी बनाने सहित आपातकालीन उपाय लागू किये जाने के कारण, स्थिति और भी अस्थिर होगी, व मतभेद और भी ज़्यादा गहरे होंगे, सिविल सोसायटी व मानवाधिकार पैरोकारों के लिये ख़तरा उत्पन्न होगा, और ज़्यादा बड़ा संघर्ष भड़केगा. पहले ही बेहद नाज़ुक मानवीय स्थिति के बीच, मानवीय तकलीफ़ों में और भी इज़ाफ़ा होगा.”
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ऐसे हालात में सभी पक्षों से शान्ति बनाए रखने की अपील की है.
टीगरे क्षेत्र की स्थिति पर, संयुक्त राष्ट्र और इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग के साथ जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाई शुरू होने के पहले आठ महीनों के दौरान, भयानक अत्याचारों के लिये, सभी पक्ष ज़िम्मेदार हैं.
यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने सभी पक्षों से, आम लोगों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दिये जाने की अपील की है.
मिशेल बाशेलेट ने इथियोपिया की स्थिति पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें गहराई से टिकी होने के बीच, न्याय की पुकार लगाते हुए कहा है कि पीड़ितों के परिवारों के साथ पारदर्शी तरीक़े से सच्चाई का साथ दिया जाए.
मिशेल बाशेलेट ने जिनीवा में पत्रकारों से कहा, “टीगरे में आम लोगों को दर्दनाक बर्ताव और क्रूर हिंसा का निशाना बनाया गया है.”
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने उनके कार्यालय और इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग की संयुक्त रिपोर्ट जिनीवा में जारी करते हुए, पत्रकारों से कहा कि संयुक्त जाँच दल ने अधिकार हनन व अत्याचार के बहुत से मामले उजागर किये हैं.
इनमें ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से लोगों की हत्याएँ किया जाने और न्याय के दायरे से बाहर ही मौत की सज़ा दिये ने, प्रताड़ना, यौन व लिंग आधारित हिंसा, शरणार्थियों के साथ दुराचार और अम लोगों का जबरन विस्थापन जैसे मामले शामिल हैं.
मिशेल बाशेलेट ने ज़ोर देकर कहा कि ये मानने के समुचित आधार मौजूद हैं कि युद्ध में शामिल सभी पक्षों ने, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार, मानवीय व शरणार्थी कानून का उल्लंघन किया है, और उनमें से कुछ तो मानवता के विरुद्ध अपराध व युद्धपराधों की श्रेणी में भी दर्ज हो सकते हैं. और इसका आधार ये है कि इन अपराधों व मानवाधिकार हनन के मामलों में जिन लोगों को निशाना बनाया गया, वो लड़ाई में शामिल नहीं थे.
उन्होंने मानवाधिकार हनन व अत्याचारों के एक मामले का ज़िक्र करते हुए कहा कि मैकेल्ले के आइडर इलाक़े में चार सदस्यों वाले एक परिवार की उस समय मौत हो गई जब उनके घर पर गोलाबारी की गई, और ख़बरों के अनुसार ये गोलाबारी इथियोपिया के राष्ट्रीय सुरक्षा बलों ने की थी, जिसका कोई ज़ाहिर सैन्य तर्क नज़र नहीं आता.
“एक अन्य मामले में ऐडियेट इलाक़े में इरिट्रीयाई सुरक्षा बल के सैनिकों ने एक 26 वर्षीय महिला का सामूहिक बलात्कार, उसकी तीन वर्षीय बेटी की मौजूदगी में किया. माइकाद्रा में टीगरे के युवा समूह – सामरी ने, एक आदमी पर धारदार हथियारों से हमला किया और फिर उसकी पीठ में गोली मारकर, उसे आग में फेंक दिया गया.”
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने बताया कि मानवाधिकार हनन के मामलों की जाँच करने वाले दल कं सदस्यों को अनेक तरह की मुश्किलों व समस्याओं का सामना करना पड़ा. मगर उनके बावजूद, जाँच दल ने अनेक प्रभावित इलाक़ों का दौरा करके ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लेकर रिपोर्ट तैयार की है.