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कोविड-19: मृतक संख्या 50 लाख, वैक्सीन समता की पुकार

भारत में, मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले के एक टीकाकरण केन्द्र पर एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लगाए जाते हुए.
© UNICEF India/Sujay Reddy
भारत में, मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले के एक टीकाकरण केन्द्र पर एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लगाए जाते हुए.

कोविड-19: मृतक संख्या 50 लाख, वैक्सीन समता की पुकार

स्वास्थ्य

दुनिया भर में, कोविड-19 महामारी के कारण हुई मौतों की संख्या, सोमवार को, 50 लाख का तकलीफ़देह आँकड़ा पार कर गई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस सन्दर्भ में वैश्विक नेताओं से, वायरस को मात देने के लिये, सभी जगह वैक्सीन की उपलब्धता को एक वास्तविकता बनाने के लिये चलाई जा रही, यूएन रणनीति को समर्थन देने और अधिकतम सतर्कता बरते जाने की पुकार लगाई है.

यूएन प्रमुख ने सोमवार को, कोरोनावायरस के कारण मृतक संख्या 50 लाख के “दर्दनाक पड़ाव” को पार कर जाने पर जारी वक्तव्य में कहा है कि ये हृदय विदारक पड़ाव हमें याद दिलाता है कि हम दुनिया के ज़्यादातर हिस्से की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं.

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उन्होंने कहा, “एक तरफ़ तो धनी देशों में कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी ख़ुराक भी दिये जाने की योजना पर काम हो रहा है, जबकि अफ़्रीका में केवल पाँच प्रतिशत लोगों का ही पूर्ण टीकाकरण हो पाया है.”

वैश्विक नाकामी और शर्म

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि दुनिया भर में अब भी मौतें हो रही हैं, अस्पतालों में भीड़ है और स्वास्थ्यकर्मियों पर बहुत भारी दबाव है, साथ ही वायरस के नए रूपों के और ज़्यादा फैलने का जोखिम भी सामने हैं और उनके कारण भी ज़्यादा मौतें हो रही हैं.

उन्होंने कहा, “ये एक वैश्विक शर्म की बात है. 50 लाख मौतें होना, एक स्पष्ट चेतावनी होना चाहिये: हम अपनी मुस्तैदी और सक्रियता कम नहीं कर सकते.”

उन्होंने साथ ही ये ध्यान भी दिलाया कि अन्य ख़तरनाक जोखिमों के कारण, कोविड-19 को फलने-फूलने का मौक़ा मिल रहा है, जिनमें दुष्प्रचार व ग़लत जानकारी का फैलाव, वैक्सीन की जमाख़ोरी और वैक्सीन राष्ट्रवाद, और वैश्विक एकजुटता का अभाव जैसे कारण शामिल हैं.

वैक्सीन समता से वायरस पर क़ाबू

यूएन महासचिव ने कहा, “मैं तमाम वैश्विक नेताओं से, उस वैश्विक वैक्सीन रणनीति को पूरा समर्थन देने का आग्रह करता हूँ, जो मैंने पिछले महीने, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ से शुरू की है.”

उन्होंने कहा, “हमें, इस वर्ष के अन्त तक, सभी देशों में कम से कम 40 प्रतिशत लोगों की बाँहों में वैक्सीन के टीके लगाने का लक्ष्य हासिल करना है, और वर्ष 2022 के मध्य तक, 70 प्रतिशत आबादी तक.”

उन्होंने विश्व नेताओं से, इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये त्वरित, तत्काल और आवश्यक पैमाने पर काम करने का आग्रह किया है. साथ ही, वित्तीय संसाधनों की कमी को दूर करने और कामयाबी की ख़ातिर, उनकी कार्रवाइयों में तालमेल बिठाने का आग्रह भी किया गया है.

वैक्सीन और सतर्कता

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि ये सोचना बहुत बड़ी भूल होगी कि महामारी ख़त्म हो गई है.

बहुत से स्थानों पर जैसे-जैसे प्रतिबन्धों में ढील दी जा रही है, “हमें टीकाकरण के साथ-साथ ऐहतियात और सतर्कता भी बरतनी होगी – जिसमें मुँह पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बरतने जैसे पहले से ही कारगर उपाय भी शामिल हैं.”

उन्होंने कहा कि 50 लाख लोगों की ज़िन्दगियों के इस नुक़सान को सम्मान देने और हर दिन इस वायरस का मुक़ाबला कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को समर्थन देने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा है – वैक्सीन समता को एक वास्तविकता बनाने के लिये प्रयास बढ़ाना. इनमें, वायरस को मात देने के लिये सर्वाधिक सतर्कता सुनिश्चित करना भी शामिल है.