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कोविड-19: जी20 नेताओं से समावेशी, न्यायोचित पुनर्बहाली का आग्रह

जी20 समूह की रोम में बैठक.
G20 Summit/Italy
जी20 समूह की रोम में बैठक.

कोविड-19: जी20 नेताओं से समावेशी, न्यायोचित पुनर्बहाली का आग्रह

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इटली की राजधानी रोम में, शनिवार को जी20 समूह की बैठक के दौरान, देशों से कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के तहत, न्यायसंगत ढंग से टीकाकरण प्रयासों को मज़बूती देने का आहवान किया है ताकि लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा की जा सके. 

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में संयुक्त राष्ट्र के 26वें वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से पहले, यूएन महासचिव ने इटली की राजधानी रोम में जी20 समूह की एक बैठक में शिरकत की है.

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महासचिव गुटेरेश ने शनिवार को ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्वास्थ्य’ विषय पर आयोजित एक सत्र के दौरान, विश्व नेताओं का आहवान किया कि कोरोनावायरस संकट से पुनर्बहाली प्रक्रिया को न्यायोचित और समावेशी बनाना होगा. 

उनके मुताबिक़ आमजन की पीड़ाओं को दूर करने और ज़िन्दगियाँ बचाए जाने के लिये यह अहम है. 

यूएन प्रमुख ने इस क्रम में न्यायसंगत ढंग से कोविड-19 टीकाकरण की आवश्यकता पर बल दिया है और उम्मीद ज़ाहिर की है कि इसके ज़रिये वैश्विक अर्थव्यवस्था की पुनर्बहाली में मदद मिलेगी.

नेतृत्व का आहवान

उन्होंने बैठक में उपस्थित नेताओं से नेतृत्व दर्शाए जाने की पुकार लगाते हुए, वैश्विक टीकाकरण रणनीति को समर्थन दिये जाने में जी20 समूह की अहमियत को रेखांकित किया है. 

वैश्विक टीकाकरण रणनीति की बागडोर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पास है और इसका उद्देश्य वर्ष 2021 के अन्त तक सभी देशों में 40 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण को सम्भव बनाना है. 

वर्ष 2022 के मध्य तक इस आँकड़े को बढ़ाकर 70 प्रतिशत ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अक्टूबर महीने में अपनी टीकाकरण रणनीति पेश की थी, जिसके ज़रिये दो अलग-अलग रफ़्तार पर बढ़ती महामारी के ख़ात्मे का प्रयास किया जा रहा है.

धनी देशों में टीकाकरण की तेज़ गति से हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं, मगर निर्धन देशों में वैक्सीन ख़ुराकों की क़िल्लत है, जिस वजह से उनके लिये जोखिम बरक़रार है.

महासचिव ने कार्यसत्र के दौरान अपनी टिप्पणी में नेताओं से आग्रह किया कि वैश्विक महामारी के बाद, एक ऐसे रास्ते पर आगे बढ़ना होगा, जिससे समाज व देशों में पसरी विषमता का मुक़ाबला करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान की जा सके.

इसके समानान्तर, विकासशील व विकसित देशों में भरोसा भी बहाल किया जाना होगा.

ग्लासगो में कॉप26 सम्मेलन

यूएन प्रमुख ने इस अवसर अनेक विश्व नेताओं से अनौपचारिक तौर पर मुलाक़ात और बातचीत की है.

जी20 समूह में बैठकों व चर्चा के बाद, महासचिव का अगला पड़ाव ग्लासगो है, जहाँ वो 31 अक्टूबर से 12 नवम्बर तक होने वाले कॉप 26 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

महासचिव ने शुक्रवार को रोम पहुँचने के बाद आगाह किया था कि राष्ट्रीय संकल्पों की घोषणा के बावजूद, जलवायु सम्मेलन के नाकाम होने का गम्भीर ख़तरा है. 

इसके मद्देनज़र, उन्होंने देशों से मज़बूत राजनैतिक इच्छाशक्ति का परिचय देने और कारगर जलवायु कार्रवाई की योजनाओं के साथ ग्लासगो आने की पुकार लगाई है.