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विश्व नेताओं से जल व जलवायु पर कार्रवाई को प्राथमिकता देने का आहवान 

फ़िलिपींस की राजधानी मनीला में आए तूफ़ान के बाद एक बच्चा बाढ़ प्रभावित इलाक़े से गुज़र रहा है.
© ADB
फ़िलिपींस की राजधानी मनीला में आए तूफ़ान के बाद एक बच्चा बाढ़ प्रभावित इलाक़े से गुज़र रहा है.

विश्व नेताओं से जल व जलवायु पर कार्रवाई को प्राथमिकता देने का आहवान 

जलवायु और पर्यावरण

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और नौ अन्य अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने, यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से पहले, विश्व नेताओं के नाम एक साझा पत्र में, जलवायु कार्रवाई की अपील जारी की है. उन्होंने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उपजने वाले जल जोखिमों से निपटने के लिये तत्काल उपाय किये जाने ज़रूरी हैं.   

यूएन एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने देशों की सरकारों से एकीकृत जल व जलवायु कार्रवाई को प्राथमिकता दिये जाने की अपील की है. 

इससे पृथ्वी व सर्वजन को लाभ पहुँचेगा और जल की उपलब्थता व टिकाऊ प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सकेगा. 

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उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन नाटकीय ढँग से जल चक्र को प्रभावित कर रहा है, जिससे सूखे व बाढ़ की घटनाओं की संख्या और गहनता बढ़ रही है.

इससे बर्फ़ और जमे हुए पानी के रूप में प्राकृतिक जल भण्डारण में भी गिरावट आ रही है.

“बढ़ते तापमान और जल क्षेत्रों के प्रवाह के रुझानों में बदलाव से भी सतह और भूमिगत जल की गुणवत्ता पर भीषण असर हो रहा है.”

इस पत्र में अतिरिक्त प्रभावों का उल्लेख किया गया है और बताया गया है कि इससे कृषि, खाद्य प्रणालियों, आजीविकाओं, पारिस्थतिकी तंत्रों व जैवविविधता पर असर होना शुरू हो गया है. 

बढ़ते समुद्री जलस्तर से समुदायों, बुनियादी ढाँचों, तटीय पर्यावरणों और जलीय चट्टानी पर्त (aquifers) के लिये ख़तरा पैदा हो रहा है. 

साझीदारों ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट का ज़िक्र किया, जो बताती है कि दुनिया में एक तिहाई से अधिक बच्चे, 92 करोड़ लड़के-लड़कियाँ, गम्भीर जल किल्लत का सामना कर रहे हैं.

उनके मुताबिक़, 2020 की यूएन जल विकास रिपोर्ट में ज़ोर देकर कहा गया है कि जल, अधिकाँश वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति - जलवायु कार्रवाई, टिकाऊ विकास और आपदा जोखिम न्यूनीकरण - के विभिन्न पहलुओं को आपस में जोड़ता है.

इसके ज़रिये, इन मुद्दों पर रचनात्मक सहयोग को मज़बूती प्रदान की जा सकती है.   

कार्रवाई अभी 

इस पत्र पर विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), यूएन शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), अन्तरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), यूएन विश्वविद्यालय (UNU), योरोप के लिये यूएन आर्थिक आयोग (UNECE) और वैश्विक जल साझेदारी (GWP) ने हस्ताक्षर किये हैं. 

यूएन एजेंसियों ने अनेक प्राथमिकताओं का खाका पेश किया है, जैसेकि जल और जलवायु को अनुकूलन व सहनक्षमता निर्माण योजनाओं में राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर एकीकृत करना, वैश्विक जल निगरानी प्रणालियों को बढ़ावा देना व वित्त पोषण मुहैया कराना. 

इससे मौजूदा समय व भविष्य में जल उपलब्धता के सम्बन्ध में सामयिक जानकारी प्रदान कर पाना सम्भव होगा. 

अन्य सिफ़ारिशों में, तकनीकी, राजनैतिक व वैज्ञानिक सहयोग को समर्थन देने और बाढ़ व सूखा प्रबंधन प्रयायों के लिये सक्रिय प्रयासों पर बल दिया गया है. 

इसके केंद्र में, निगरानी, पूर्वानुमान और समय पूर्व चेतावनी प्रणाली; सम्वेदनशीलता व असर के मूल्यांकन; और तैयारी, जोखिम में कमी लाने व जवाबी कार्रवाई को रखा जाना होगा.