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यूएन महासचिव और व्यवसाय जगत के शीर्ष अधिकारियों के बीच 2030 एजेण्डा पर चर्चा

विकासशील देशों में सिंचाई प्रणाली को बेहतर बनाकर आजीविका को सहारा दिया जा सकता है, जिससे एसडीजी प्राप्ति में मदद मिलेगी.
© WFP/Badre Bahaji
विकासशील देशों में सिंचाई प्रणाली को बेहतर बनाकर आजीविका को सहारा दिया जा सकता है, जिससे एसडीजी प्राप्ति में मदद मिलेगी.

यूएन महासचिव और व्यवसाय जगत के शीर्ष अधिकारियों के बीच 2030 एजेण्डा पर चर्चा

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और व्यवसाय जगत की प्रमुख हस्तियों ने टिकाऊ, नैट शून्य, सुदृढ़ और न्यायसंगत विश्व के निर्माण के लिये महत्वपूर्ण, आर्थिक निवेश का स्तर बढ़ाने के लिये मंगलवार को एक बैठक में हिस्सा लिया है. 

‘Global Investors for Sustainable Development (GISD) Alliance’ गठबंधन के तहत, व्यवसायिक क्षेत्र के 30 से अधिक बड़े नामों ने न्यूयॉर्क में यूएन महासचिव से मुलाक़ात की और भविष्य के लिये अपनी योजनाओं को साझा किया.

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उद्यमों के इस गठबंधन का कुल मूल्य 16 हज़ार अरब डॉलर से अधिक आंका गया है.

यूएन प्रमुख ने अक्टूबर 2019 में ‘GISD गठबंधन’ की बैठक को आयोजित किया था, जिसके बाद से इस समूह के कार्यकारी व अन्य शीर्ष अधिकारी संयुक्त राष्ट्र के साथ नज़दीकी तौर पर काम कर रहे हैं.

इन प्रयासों के तहत ऐसे दिशानिर्देशों व उत्पादों को विकसित किया जा रहा है, जिनके ज़रिये मौजूदा वित्तीय व निवेश पारिस्थितिकी तंत्रौं को टिकाऊ विकास एजेण्डा के अनुरूप बनाया जा सके. 

महासचिव गुटेरेश ने माना कि निजी सैक्टर के समक्ष बड़ी ज़िम्मेदारियाँ मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि लक्ष्य स्पष्ट है: एक टिकाऊ, नैट शून्य, सुदृढ़, और न्यायोचित विश्व का निर्माण, निवेश को टिकाऊ विकास के अनुरूप निर्देशित करना और विश्वसनीय समयावधि में लक्ष्यों व योजनाओं के संकल्पों को पूरा किया जाना.

अपने गठन के बाद से ही, ‘GISD गठबंधन’ ने नए मानकों व औज़ारों को विकसित की मदद से और हज़ारों अरब डॉलर के ज़रिये,

2030 एजेण्डा को साकार करने और मौजूदा वित्त पोषण की खाई को पाटने का प्रयास किया गया है. यह समूह टिकाऊ विकास में दीर्घकालीन निवेश के लिये उपलब्ध आपूर्ति को बढ़ाने के रास्तों पर केंद्रित है. 

साथ ही विकासशील देशों में टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिये निवेश अवसरों को साकार किया जा रहा है और टिकाऊ विकास के लिये निजी निवेश के स्तर को बढ़ाया जा रहा है.

नैट शून्य और सततता

महासचिव ने अपने सम्बोधन में कहा कि विकासशील देशों में ज़्यादा निवेश को सम्भव बनाने हेतु, वो इस समूह के सदस्यों पर भरोसा कर रहे हैं. 

इसके अलावा, हर किसी की नीतियों में व व्यावसायिक योजनाओं में नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन और सततता को स्थान देना भी अहम होगा.

बताया गया है कि मौजूदा संकटों से निपटने के लिये भी यह समूह प्रयासरत रहा है. वर्ष 2020 में COVID Bond Call to Action को विकसित किया गया था, जिससे कम्पनियों व सरकारों ने नवाचारी सामाजिक प्रतिभूति (bond) का इस्तेमाल महामारी पर जवाबी कार्रवाई के दौरान किया.

इससे टिकाऊ आर्थिक पुनर्बहाली में मदद मिली है. 

एसडीजी के लिये वित्तीय संसाधन

इस वर्ष, GISD समूह ने अपने नवीनतम निवेश औज़ार के सम्बन्ध में जानकारी को प्रकाशित किया, जिसके ज़रिये वित्त पोषण को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाया जाना है. 

विशिष्ट सैक्टरों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए और संकेतकों के ज़रिये, इस औज़ार से कम्पनियों के कामकाज से टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर हुए असर का सटीक आकलन किया जा सकता है. साथ ही निवेशकों को अहम जानकारी भी प्राप्त होगी.

इसे एक अहम उपाय बताया गया है, चूँकि इससे पहले के रिपोर्टिंग फ़्रेमवर्क में मुख्यत: सम्पूर्ण उद्योग जगत में ही सततता पर कम्पनियों के कामकाज के असर का आकलन किया जाता था. 

आगामी महीनों में, GISD गठबंधन द्वारा एक नए नैट शून्य कोष Exchange Traded Fund (ETF) और एक मिश्रित वित्तीय कोष को पेश किया जाएगा. 

इसके ज़रिये टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में नए अवसरों के सृजन में मदद मिलेगी. 

साथ ही GISD जी20 टिकाऊ वित्त पोषण कार्यसमूह, कॉप27 जलवायु सम्मेलन ब्यूरो और जी7 अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि टिकाऊ विकास के लिये निजी निवेश का स्तर बढ़ाने के लिये सिफ़ारिशों को विकसित किया जा सके.