सवा करोड़ सीरियाई विस्थापितों के लिये मज़बूत समर्थन का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों की एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने, सीरिया में, पिछले एक दशक से चले आ रहे हिसंक संघर्ष से प्रभावित और विस्थापित, एक करोड़ 30 लाख से अधिक नागरिकों के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन सुनिश्चित किये जाने का आहवान किया है.
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने सीरिया की यात्रा करने के बाद बताया कि फ़िलहाल, देश के भीतर 67 लाख लोग विस्थापित हैं जबकि 55 लाख शरणार्थी पाँच पड़ोसी देशों में रह रहे हैं.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने दो दिन तक विभिन्न इलाक़ों में हालात का जायज़ा लेने के बाद कहा कि वो ऐसे अनेक परिवारों से मिले, जोकि वर्षों से पीड़ा का अनुभव कर रहे हैं और बुरी तरह थक चुके हैं.
I spent the day in Talbiseh and met people who have returned home after years of displacement, inside and outside Syria.They need decent housing, clean water, health care, education for their children, and livelihoods.Helping returnees is a humanitarian priority. pic.twitter.com/0McW0Cqxnt
FilippoGrandi
“इसके बावजूद, मैंने ज़िन्दगी फिर से शुरू करने के लिये उनके संकल्प और शक्ति का भी प्रत्यक्ष अनुभव किया.”
यूएन एजेंसी के शीर्ष अधिकारी के मुताबिक़, उनका संगठन अन्य साझीदारों के साथ मिलकर, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत में सहायता कर रहा है, फिर भी लोगों को जल और बिजली आपूर्ति की ज़रूरत है.
“उन्हें अब भी स्कूल और अस्पताल चाहियें और गुज़र-बसर की भी आवश्यकता है. यह एक मानवीय अनिवार्यता है.”
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने होम्स गवर्नरेट में तल्बिसेह नामक नगर का दौरा किया, जहाँ उनकी मुलाक़ात ऐसे परिवारों से हुई, जो वर्षों के घरेलू विस्थापन या पड़ोसी देश लेबनान में विस्थापितों का जीवन जीने के बाद घर वापिस लौटे हैं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी, उन शरणार्थियों और घरेलू विस्थापितों के साथ भी सम्पर्क में है, जो कि घर लौटने पर विचार कर रहे हैं.
इसके साथ-साथ, यूएन एजेंसी अपने समुदायों में वापिस आने वाले लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाने के कार्य में भी जुटी है.
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसक संघर्ष के बाद का समय और हालात, हमेशा ही बेहद जटिलता भरे होते हैं.
“मगर, हमें यह हमेशा ध्यान में रखना होगा कि यह सब चर्चा, हताश और ज़रूरतों वाले लोगों के बारे में है. उन्हें अनसुलझे संकटों की क़ीमत चुकाने के लिये मजबूर नहीं रहने दिया जा सकता.”
“जब हम राजनैतिक समाधानों की प्रतीक्षा करते हैं, तो उनकी ज़िन्दगी बदस्तूर जारी रहती है, और गरिमामय जीवन के लिये, हमें उन्हें सहारा देने की आवश्यकता है.”
सीरिया और अन्य मेज़बान देशों में, आर्थिक संकट और कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभावों से, स्थानीय मुद्रा की क़ीमतों में भारी गिरावट आई है और महंगाई तेज़ी से बढ़ी है.
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने सीरिया के विदेश मंत्री और स्थानीय प्रशासन व पर्यावरण मंत्री हुसैन मख़लूफ़ के साथ मुलाक़ात की और ऐसे ही कुछ मुद्दों पर चर्चा की.
“ये सीरियाई नागरिक हैं, और यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.”
यूएन उच्चायुक्त ने सचेत किया कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को भी ज़्यादा समर्थन और बेहद आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने होंगे, ताकि लोग अपने घरों की मरम्मत करा पाएँ.
इसके साथ-साथ, उनके लिये जल, स्वास्थ्य देखभाल, और स्कूली शिक्षा जैसी सेवाएँ भी फिर शुरू की जानी होंगी.
यूएन शरणार्थी मामलों की एजेंसी के प्रमुख का यह दौरा, सीरिया के राजनैतिक भविष्य पर आधारित, अहम वार्ता से ठीक पहले हुआ है.
सीरिया के लिये यूएन दूत गेयर पैडरसन ने रविवार को बताया कि सीरियाई सरकार और विरोधी पक्ष, नए संविधान का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत हो गए हैं.
यूएन दूत ने बताया कि यह पहली बार है जब सीरियाई समिति के दो सह-प्रमुखों ने, उनके साथ बैठक में, संवैधानिक सुधारों के मुद्दे पर ठोस व खुले माहौल में चर्चा की.
नया संविधान तैयार किये जाने की दिशा में यह एक अहम मोड़ को दर्शाता है.
इससे पहले, जनवरी में 45 सदस्यों वाली समिति की पाँचवी बैठक बिना किसी प्रगति के समाप्त हो गई थी.