अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान को तालेबान का समर्थन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएन बाल कोष – यूनीसेफ़ ने, अफ़ग़ानिस्तान में, घर-घर जाकर सभी बच्चों को पोलियो ख़ुराकें पिलाने का अभियान फिर शुरू किये जाने को, तालेबान नेतृत्व द्वारा समर्थन दिये जाने के फ़ैसले का स्वागत किया है.
पोलियो ख़ुराकें दिये जाने का ये अभियान 8 नवम्बर को फिर शुरू होगा, और देश भर में सभी बच्चों तक पहुँचने के लिये, पिछले तीन साल में इस तरह का पहला व्यापक अभियान होगा.
UNICEF and @WHO welcome the decision by the Taliban leadership supporting the resumption of house-to-house polio vaccination across Afghanistan. This is what it means for children's health. 👇https://t.co/lHk5KgCunt
UNICEF
इस अभियान के तहत, ऐसे इलाक़ों में लगभग 30 लाख बच्चों तक भी पोलियो से बचाने वाली ख़ुराकें पहुँचाई जाएंगी जहाँ इससे पहले पहुँचना सम्भव नहीं हो सका था.
ध्यान दिला दें कि पोलियो एक संक्रामक बीमारी है और इसके कारण, शरीर के अंग निष्क्रिय होने के अलावा, मौत भी हो सकती है.
पोलियो से बचाने वाली ख़ुराक पिलाने का एक दूसरा अभियान दिसम्बर में चलाया जाएगा. उसी समय पाकिस्तान में भी ऐसा ही देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा.
अफ़ग़ानिस्तान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि दापेंग लुओ का कहना है कि पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की मुँह के ज़रिये पिलाई जाने वाली अनेक ख़ुराकें, सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा मुहैया कराती हैं.
उन्होंने कहा, “सबकी बेहतरी के लिये पोलियो का ख़ात्मा करने की ख़ातिर, सभी बच्चों तक पहुँचना बहुत ज़रूरी है. इसे एक शीर्ष प्राथमिकता बनाना होगा.”
असाधारण अवसर
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में इस वर्ष जंगली पोलियो वायरस का केवल एक मामला दर्ज किया गया है.
इसका मतलब है कि देश के पास इस बीमारी का ख़ात्मा करने के लिये, असाधारण अवसर मौजूद है.
एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा है कि देश में, पोलियो को फिर अपना सिर उठाने से रोकने और सीमापार व अन्तरराष्ट्रीय संक्रमण फैलाने से रोकने के लिये, पोलियो अभियान अभी शुरू किया जाना बहुत अहम है.
आगामी अभियान के तहत, 6 से 59 महीने की आयु वाले बच्चों को, विटामिन -ए की पूरक ख़ुराक भी दी जाएगी.
अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ प्रतिनिधि हर्वे ल्यूडोविक डी लिस का कहना है, “पोलियो को जड़ से मिटाने के लिये, पूरे अफ़ग़ानिस्तान में, हर घर में एक-एक बच्चे को पोलियो वैक्सीन की ख़ुराक पिलाया जाना बहुत ज़रूरी है. हमारे साझीदारों के साथ मिलकर, हम यही लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.”
खसरा और कोविड टीके
पोलियो कार्यक्रम, देश में सभी लोगों की स्वास्थ्य ज़रूरतें तत्काल पूरी करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र और तालेबान नेतृत्व के बीच जारी उच्चस्तरीय बातचीत का नतीजा है.
पोलियो के फिर से फैलाव और मौतें रोकने की ख़ातिर, सभी पक्ष, खसरा और कोविड-19 की वैक्सीन्स के टीके लगाने का कार्यक्रम तत्काल शुरू किये जाने पर सहमत हुए हैं.