प्रकृति के साथ समरसतापूर्ण जीवन और जैवविविधता संरक्षण के लिये संकल्प

चीन के कुनमिंग में आयोजित ‘संयुक्त राष्ट्र जैवविविधता सम्मेलन’ (कॉप15) के उच्चस्तरीय खण्ड के समापन पर कुनमिंग घोषणापत्र को पारित किया गया है. इस घोषणापत्र में सम्बद्ध पक्षों ने एक कारगर वैश्विक फ़्रेमवर्क को विकसित, पारित और लागू करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक जैवविविधता को पुनर्बहाली मार्ग पर वापिस लाना है.
इस घोषणापत्र में सदस्य देशों से निर्णय-निर्धारण में जैवविविधता की रक्षा के लिये तात्कालिक कार्रवाई किये जाने और मानव स्वास्थ्य की रक्षा में उनके संरक्षण की अहमियत की शिनाख़्त की गई है.
यूएन जैवविविधिता सम्मेलन (कॉप15) का यह खण्ड सोमवार को आरम्भ हुआ, जिसके फलस्वरूप कुनमिंग जैवविविधता कोष को स्थापित किया गया है.
🚨 #BREAKING: The Kunming Declaration has been adopted at the High-Level Segment of the first part of #COP15In the lead up to the second part of #COP15 & the adoption of the #post2020 framework, this demonstrates critical momentum #ForNature. Read now:https://t.co/6WgdmfzcMJ pic.twitter.com/1H5M90zT0T
UNBiodiversity
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिन्ग ने इस कोष की स्थापना के लिये 23 करोड़ डॉलर मुहैया कराये जाने और विकासशील देशों में जैवविविधता को सहारा दिये जाने का संकल्प लिया है.
जापान की सरकार ने भी जापान जैवविविधता कोष को एक करोड़ 70 लाख डॉलर तक बढ़ाये जाने की बात कही है.
बताया गया है कि हस्ताक्षरकर्ता देश, प्रकृति के साथ समरसतापूर्ण ढँग से रहने के लिये '2050 परिकल्पना' को साकार करने का भी प्रयास करेंगे.
इस क्रम में वैश्विक महामारी के बाद पुनर्बहाली नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं में जैवविविधता के टिकाऊ इस्तेमाल और समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जाएगा.
जैविक विविधता पर सन्धि (CBD) की कार्यकारी सचिव ऐलिज़ाबेथ मारुमा म्रेमा ने बताया कि कुनमिंग घोषणापत्र का पारित होना उन महत्वाकाँक्षाओं के लिये विश्वव्यापी समर्थन को दर्शाता है, जिन्हें 2020 के बाद के वैश्विक जैवविविधता फ़्रेमवर्क में परिलक्षित किया जाना होगा.
इस फ़्रेमवर्क को अगले वर्ष अन्तिम रूप दिया जाएगा.
इस सहमति के तहत हानिकारक सब्सिडी को चरणबद्ध ढँग से हटाने या उसे पुनर्निर्देशित करने, और प्रगति की निगरानी व समीक्षा में स्थानीय समुदायों व आदिवासी लोगों की पूर्ण व कारगर भागीदारी को पहचानने पर ज़ोर दिया गया है.
उच्चस्तरीय बैठक के दौरान, ‘Global Environment Facility’, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने विकासशील देशों के लिये तत्काल वित्तीय और तकनीकी समर्थन को तेज़ी से मुहैया कराने की घोषणा की है.
साथ ही, अगले वर्ष कॉप15 के दूसरे चरण में वैश्विक जैवविविधता फ़्रेमवर्क पर औपचारिक सहमति के बाद उसे त्वरित गति से लागू करने की तैयारी किये जाने की भी बात कही गई है.
योरोपीय संघ ने जैवविविधता के लिये बाहरी धनराशि को दोगुना किये जाने की घोषणा की है.
फ़्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राँ ने जलवायु निधि की 30 फ़ीसदी धनराशि को जैवविविधता के लिये इस्तेमाल के संकल्प को रेखांकित किया है. ब्रिटेन ने भी जलवायु निधि में बढ़ोत्तरी के बाद जैवविविधता के लिये उसकी हिस्सेदारी बढ़ाये जाने की घोषणा की है.
इसके अतिरिक्त, 12 हज़ार अरब यूरो की सम्पत्ति वाले वित्तीय संस्थाओं के एक गठबंधन ने अपनी गतिविधियों व निवेशों के ज़रिये जैवविविधता की रक्षा और पुनर्बहाली का संकल्प लिया है.
अगले वर्ष जनवरी में इस फ़्रेमवर्क पर औपचारिक विचार-विमर्श के बाद, देशों द्वारा मई 2022 में इस प्रस्तावित फ़्रेमवर्क को पारित किये जाने की सम्भावना है.
संयुक्त राष्ट्र जैवविविधता सम्मेलन के दौरान तीन बैठकें एक साथ हो रही हैं. कॉप15 के अलावा, जैवसुरक्षा पर 'कार्टागेना प्रोटोकॉल', और आनुवांशिक संसाधनों की सुलभता व उन्हें साझा किये जाने पर 'नागोया प्रोटोकॉल' पर भी बैठकें आयोजित हो रही हैं.
कॉप15 सम्मेलन दो चरणों में आयोजित किया गया है.
इसका पहला चरण सोमवार से शुक्रवार (11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर) तक मुख्य रूप से वर्चुअली आयोजित हो रहा है, जिसके बाद कुनमिंग में, वर्ष 2022 में, 25 अप्रैल से 8 मई तक बैठक होगी, जिसमें प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से शिरकत करेंगे.