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आपदाओं से रक्षा में, विकासशील देशों के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग पर बल

बांग्लादेश में बाढ़ से तटीय इलाक़ों की रक्षा के लिये प्रयास किये जा रहे हैं.
IMF/K. M. Asad
बांग्लादेश में बाढ़ से तटीय इलाक़ों की रक्षा के लिये प्रयास किये जा रहे हैं.

आपदाओं से रक्षा में, विकासशील देशों के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग पर बल

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार, 13 अक्टूबर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में, प्राकृतिक आपदाओं के ख़तरों का सामना कर रहे विकासशील देशों की रक्षा के लिये वैश्विक एकजुटता की पुकार लगाई है. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि सामुदायिक सुदृढ़ता का निर्माण करके, आजीविकाओं व ज़िन्दगियों की रक्षा के साथ-साथ अनेक अन्य लाभ सुनिश्चित किये जा सकते हैं.  

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“कमज़ोर शासन व्यवस्था, बढ़ती निर्धनता, लुप्त होती जैवविविधता, ध्वस्त होते पारिस्थितिकी तंत्रों और अनियोजित त्वरित शहरीकरण, सभी आपस में जुड़े हुए आपदा जोखिम कारक हैं.”

बताया गया है कि अगर किसी तूफ़ान या ताप लहर के आने से 24 घण्टे पहले, अग्रिम चेतावनी जारी की जाए तो, सम्भावित क्षति को 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.

मगर, अनेक निम्न और मध्य-आय वाले देशों में समय पूर्व चेतावनी प्रणाली पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं.

यूएन प्रमुख ने 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने और ज़िन्दगियों की रक्षा के लिये व्यवस्थागत जोखिमों में कमी लाने का आग्रह किया है. 

“अगर इन्हें इसी तरह ही छोड़ दिया जाए, तो फिर आपदाओं की गहनता और आवृत्ति ज़्यादा गम्भीर होती है और मानवीय सहायता की आवश्यकता भी बढ़ती है.” 

यूएन प्रमुख ने लघु द्वीपीय विकासशील देशों के समक्ष पेश चुनौतियों का विशेष रूप से उल्लेख किया, और आगाह किया कि गर्म होते महासागरों, बढ़ते समुद्री जलस्तर और गहन होते तूफ़ानों के बीच, यह उनके लिये जीवित रहने का प्रश्न है. 

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और 'सेण्डाई फ़्रेमवर्क' के लक्ष्यों को पूरा किये जाने की अहमियत पर बल दिया है, जो वर्ष 2015 में आपदा जोखिम पर यूएन के तीसरे विश्व सम्मेलन में पारित किया गया था.

जापान के सेण्डाई शहर में हुए सम्मेलन में पारित इस फ़्रेमवर्क में कार्रवाई के लिये सात स्पष्ट लक्ष्यों और चार प्राथमिकताओं का ख़ाका पेश किया गया है, ताकि नए और मौजूदा आपदा जोखिमों की रोकथाम की जा सके.   

अन्तरराष्ट्रीय सहयोग पर बल

वर्ष 2021 में अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर, विकासशील देशों के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को रेखांकित किया जा रहा है ताकि आपदा जोखिमों और आपदा से होने वाली क्षति को कम किया जा सके. यह उल्लिखित सात में से छठा लक्ष्य है.

आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि मामी मिज़ूतोरी ने ज़ोरे देकर कहा है कि एक साथ मिलकर ही ज़्यादा सुरक्षित और सुदृढ़ ग्रह की दिशा में वास्तविक प्रगति सम्भव है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इस दिवस पर कोविड-19 संकट से सबक़ सीखने और भावी आपदाओं से बेहतर ढंग से निपटने पर बल दिया है. 

उन्होंने अपने सन्देश में कहा कि वैश्विक महामारी ने दर्शाया है कि स्वास्थ्य आपात हालात व त्रासदियों के असर, स्वास्थ्थ सैक्टर से परे भी जाते हैं और समाज के सभी वर्गों को प्रभावित करते हैं.

यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक़ सभी प्रकार की आपात परिस्थितियों और आपदाओं के विरुद्ध सर्वोत्तम रक्षा उपाय, एक मज़बूत व सहनशील स्वास्थ्य प्रणाली की मौजूदगी है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी अन्य संगठनों के साथ मिलकर समुदायों में ऐसे जोखिमों में कमी लाने के लिये प्रयासरत है.