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अफ़ग़ानिस्तान में बदहाल मानवीय हालात – तापमान गिरावट से बढ़ी चुनौतियाँ

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक वितरण केंद्र पर विस्थापितों को सहायता मुहैया कराई जा रही है.
© UNHCR/Tony Aseh
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक वितरण केंद्र पर विस्थापितों को सहायता मुहैया कराई जा रही है.

अफ़ग़ानिस्तान में बदहाल मानवीय हालात – तापमान गिरावट से बढ़ी चुनौतियाँ

मानवीय सहायता

अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय संकट निरन्तर गम्भीर होता जा रहा है और मौजूदा हालात में लगभग दो करोड़ ज़रूरतमन्द लोगों तक राहत पहुँचाने के लिये आपात सहायता धनराशि की जल्द से जल्द आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने ठिठुरा देने वाली सर्दी का मौसम आने से पहले, मानवीय राहत अभियान के लिये एक नया केन्द्र स्थापित किये जाने की बात कही है.
 

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने एक महीने पहले अफ़ग़ानिस्तान की जनता के साथ एकजुटता के लिये 60 करोड़ डॉलर की रक़म एकत्र करने की एक अपील जारी की थी. 

बताया गया है कि अगले दो महीनों तक राहत अभियान संचालित करने के लिये अनुमानित धनराशि में से फ़िलहाल 35 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया है. 

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के नाम एक अपील जारी करते हुए अफ़ग़ानिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था में नक़दी के ज़रिये नए प्राण फूँकने का आग्रह किया था.

उन्होंने आगाह किया कि अफ़ग़ान अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने से ना सिर्फ़ स्थानीय नागरिकों, बल्कि पूरी दुनिया को भीषण क़ीमत चुकानी पड़ सकती है.

अफ़ग़ानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनज़र, मंगलवार को विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं, जी20 समूह की बैठक हो रही है, जिसमें विश्व नेता अफ़ग़ानिस्तान में हालात पर चर्चा करेंगे.

तालेबान ने 15 अगस्त को अफ़ग़ान सरकार को बेदख़ल करते हुए, देश की सत्ता पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था, जिसके बाद से ही अनिश्चितता का माहौल है.

नया राहत हब

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने काबुल से जानकारी देते हुए बताया कि उनका संगठन अफ़ग़ान सीमा के नज़दीक एक लॉजिस्टिक हब बनाने का प्रयास कर रहा है. 

इस केन्द्र का लक्ष्य, देश के लाखों घरेलू विस्थापितों और ज़रूरतमन्दों के लिये राहत वितरण सुनिश्चित करना है.

यूएन एजेंसी प्रवक्ता के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था ढहने के कगार पर पहुँच चुकी है, मगर इस नतीजे को हर हाल में टाला जाना होगा. 

अफ़ग़ानिस्तान में सर्दी शुरू होने को है, रात में तापमान कम होने लगा है और इसके कारण, स्थानीय नागरिकों की मुश्किलें और ज़्यादा बढ़ रही हैं.

“इसलिये, ज़्यादा से ज़्यादा अफ़ग़ान लोगों तक संसाधन पहुँचाए जाने की वास्तविक ज़रूरत है. मेरा मतलब, जब आप देश की लगभग आधी आबादी के मानवीय राहत पर निर्भर होने की बात करते हैं; दो करोड़, यह संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है.”

“हमें इन संसाधनों की जल्द से जल्द आवश्यकता है.”

हवाई मार्ग का सहारा

यूएन प्रवक्ता ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान में आने वाले दिनों में राहत सामग्री आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिये तीन बार विमान उड़ानों का सहारा लिया जाएगा. 

विमानों के ज़रिये, उज़बेकिस्तान के तरमेज़ में राहत सामग्री पहुँचाई जाएगी, जिसके बाद उस सामग्री को ट्रकों के सहारे, हैरतन सीमा चौकी के ज़रिये मज़ारे शरीफ़ भेजा जाएगा.

देश में महत्वपूर्ण राहत सामग्री पहुँचाने के लिये इनमें से पहली उड़ान अक्टूबर के मध्य में भेजे जाने की योजना है.  

वर्ष 2021 की शुरुआत से ही, अफ़ग़ानिस्तान में एक करोड़ 80 लाख लोगों को मानवीय राहत सहायता की आवश्यकता है – यह देश की क़रीब आधी आबादी है. 

यूएन राहत अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा है कि सहायता पहुँचाने के लिये समय अवधि बेहद कम है. सिर्फ़ पाँच प्रतिशत घर-परिवारों को हर दिन खाने के लिये पर्याप्त भोजन मिल पा रहा है.

पाँच वर्ष से कम उम्र के आधे से अधिक बच्चों के अगले साल तक कुपोषण का शिकार होने का जोखिम मण्डरा रहा है.

गम्भीर सूखे और कृषि में आए व्यवधान से खाद्य असुरक्षा का ख़तरा भी है और यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब ठण्ड का मौसम नज़दीक आ रहा है.