विश्व पर्यावास दिवस: हरित व ऊर्जा कुशल नगरों के अनगिनत लाभ

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि नगरों को और ज़्यादा पर्यावरण अनुकूल बनाने के बहुत सारे लाभ हैं, जिनमें कम जलवायु जोखिम, ज़्यादा रोज़गार, और बेहतर स्वास्थ्य व रहन-सहन जैसे फ़ायदे शामिल हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, 4 अक्टूबर को विश्व पर्यावास दिवस पर अपने सन्देश में कहा, “वर्ष 2050 तक, नैट शून्य कार्बन लक्ष्य प्राप्ति के लिये, ऐसे नगरीय नेतृत्व की दरकार है जो हरित निर्माण सामग्री का प्रयोग करे और अक्षय ऊर्जा पर निर्भर, ऊर्जा कुशल व सहनसक्षम इमारतें बनाए.”
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UNHABITAT
इस वर्ष दुनिया भर में, नगरों और क़स्बों के दिवस समारोहों की थीम है – एक कार्बन मुक्त दुनिया के लिये, नगरीय कार्रवाई में जान फूँकना.
दुनिया भर में कुल ऊर्जा खपत के लगभग 75 प्रतिशत हिस्से के लिये, नगर ही ज़िम्मेदार हैं और वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में, नगरों का हिस्सा 70 प्रतिशत है.
यूएन प्रमुख ने कहा है कि दुनिया भर के नगरीय इलाक़े, कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन के दोहरे संकटों का सामना कर रहे हैं.
आज दुनिया भर में क़रीब साढ़े चार अरब लोग, शहरी इलाक़ों में बसते हैं, मगर इस आबादी में, वर्ष 2050 तक, 50 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है.
इस सदी के मध्य तक, लगभग एक अरब 60 करोड़ शहरी आबादी को, 35 डिग्री सेल्सियस तापमान की औसत गर्मी वाले माहौल में जीवन जीना पड़ सकता है.
एंतोनियो गुटेरेश के लिये शहर व क़स्बाई इलाक़े, तापमान वृद्धि, 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल करने के लिये, जलवायु कार्रवाई का एक अहम हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा, “वर्ष 2050 में जो बुनियादी ढाँचा मौजूद होगा, उसका तीन चौथाई यानी लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा तो अभी बनाया जाना है.”
“आर्थिक पुनर्बहाली योजनाएँ, जलवायु कार्रवाई, अक्षय ऊर्जा, और टिकाऊ विकास को, शहरों की रणनीतियों व नीतियों के केन्द्र में रखने का, एक पीढ़ीगत अवसर मुहैया कराती हैं.”
उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में आबादी बढ़ने के साथ ही, परिवहन व यातायात साधनों की मांग भी बढ़ती है.
परिवहन क्षेत्र, वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के 20 प्रतिशत हिस्से के लिये ज़िम्मेदार है और ये लगातार तेज़ गति से बढ़ रहा है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि नगर पहले ही इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं और ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि परिवहन व यातायात की ज़रूरत, शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले वाहनों और सार्वजनिक यातायात साधनों से पूरी की जाए.
यूएन पर्यावास (UN Habitat) की कार्यकारी निदेशक मायमूनाह मोहम्मद शरीफ़ ने, इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर एक सन्देश में कहा है कि अगर दुनिया तत्काल ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो नगरीय केन्द्रों द्वारा उत्पादित व लगातार बढ़ती ग्रीनहाउस गैसें, वैश्विक वायु तापमान वृद्धि को आगे बढ़ाती रहेंगी.
मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस वर्ष का विश्व पर्यावास दिवस, यूएन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन – कॉप26 से कुछ ही सप्ताह पहले मनाया जा रहा है.
ग़ौरतलब है कि कॉप26 नवम्बर के पहले सप्ताह में, ग्लासगो में आयोजित हो रहा है.
यूएन पर्यावास प्रमुख की नज़र में, कोविड-19 महामारी से पुनर्बहाली, विश्व के नगरों के लिये, जलवायु कार्रवाई को उनके एजेण्डा की सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने का एक अवसर है.
उन्होंने कहा, “ये एक मौक़ा है कि हम बिजली उत्पादन, भवन निर्माण के तरीक़े, घर व भवन सर्दियों में गरम और गर्मियों में ठण्डे रखने के साधन बदलें, घरों व कामकाज के स्थलों (कार्यालयों) में रौशनी करने, और घरों से दफ़्तर जाने के यातायात साधनों में बदलाव करें.”
इस वर्ष की गतिविधियों व कार्यक्रमों में, ये सम्भावना तलाश करने की कोशिश की जाएगी कि सरकारें व संगठन, टिकाऊ, कार्बन-तटस्थ और समावेशी नगर व क़स्बे बनाने के लिये, किस तरह समुदायों, अकादमी संस्थानों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.
विश्व पर्यावास दिवस, शून्य के लिये दौड़ नामक अभियान (Race to Zero Campaign) भी आगे बढ़ाएगा और स्थानीय प्रशासनों को, शून्य कार्बन वाली योजनाएँ बनाने व उनके क्रियान्वयन के लिये प्रोत्साहित करेगा. ये सब, कॉप26 से पहले की तैयारियों के हिस्से के रूप में अपेक्षित है.