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बहुपक्षवाद है साझा चुनौतियों से निपटने का एकमात्र रास्ता – यूएन महासभा प्रमुख

जलवायु संकट एक वैश्विक आपात स्थिति है जिसके लिये सभी स्तरों पर समन्वित कार्रवाई पर बल दिया गया है.
WMO/Alberto Flores Fernandez
जलवायु संकट एक वैश्विक आपात स्थिति है जिसके लिये सभी स्तरों पर समन्वित कार्रवाई पर बल दिया गया है.

बहुपक्षवाद है साझा चुनौतियों से निपटने का एकमात्र रास्ता – यूएन महासभा प्रमुख

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद ने महासभा के 76वें सत्र के दौरान वार्षिक उच्चस्तरीय खण्ड के समापन के बाद, शुक्रवार को अपनी पहली प्रैस वार्ता में बहुपक्षवाद को साझा चुनौतियों से निपटने का एकमात्र रास्ता बताया है.

वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती के मद्देनज़र, यूएन महासभा में जनरल डिबेट, 21 से 27 सितम्बर तक मिले-जुले रूप (हाइब्रिड फ़ॉर्मेट) में आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्राध्यक्षों, सरकार प्रमुखों और मंत्रियों ने वर्चुअल व व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लिया.

महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 अब भी एक बड़ी चुनौती है, जो कि तब तक ख़त्म नहीं होगी जब तक सभी के टीकाकरण का कार्य पूरा नहीं कर लिया जाता.

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उन्होंने अगले वर्ष जनवरी में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाये जाने की बात कही है, जिसमें वैश्विक टीकाकरण प्रयासों की समीक्षा की जाएगी.

यूएन महासभा प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि मानवता ने देखा है कि किस तरह रिकॉर्ड समय में कोरोनावायरस वैक्सीन को विकसित किया गया, जो कि असाधारण चतुराई और एकजुटता को प्रदर्शित करता है.

उन्होंने भरोसा जताया कि हमारे पास पूरी दुनिया को टीके लगाने की क्षमता मौजूद है.

"अब हमें सामूहिक रूप से प्रयास करते हुए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी ज़रूरतमन्दों को वैक्सीन मिल जाए."

"हम यह बिलकुल स्वीकार नहीं कर सकते कि अफ़्रीका में तीन फ़ीसदी से भी कम लोगो को टीके लग पाए हैं," जबकि अन्य देशों में वैक्सीन की अतिरिक्त ख़ुराक भी मिलनी शुरू हो गई है.

जलवायु संकट

जलवायु परिवर्तन की विश्वव्यापी चुनौती से निपटने के लिये, महासभा प्रमुख ने 26 अक्टूबर को मिलेजुले रूप में एक कार्यक्रम आयोजित करने की जानकारी दी है.

इस कार्यक्रम का विषय "Delivering Climate Action – for People, for Planet and for Prosperity" है.

इसके ज़रिये वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिये मौजूद व आवश्यक तकनीकी व वित्तीय क्षमताओं के बीच की खाई को दूर करने के रास्तों पर चर्चा होगी.

साथ ही, स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में नवम्बर महीने में हो रहे यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन से पहले, यह कार्यक्रम सदस्य देशों, नागरिक समाज और अन्य पक्षकारों के लिये जलवायु कार्रवाई की समीक्षा करने और उसे और ज़्यादा महत्वाकाँक्षी बनाने का भी अवसर होगा.

सम्वाद पर बल

अब्दुल्ला शाहिद ने यूएन में देशों के स्थाई प्रतिनिधियों के साथ अनौपचारिक रूप से विचार-विमर्श जारी रखने की बात कही है, और इसे ‘हॉल्हुआशी सम्वाद’ का नाम दिया है.

उन्होंने कहा कि उनके देश मालदीव में हॉल्हुआशी से तात्पर्य, मुलाक़ात के एक ऐसे स्थान से हैं जहाँ समुदाय के नज़रिये से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है.

यूएन महासभा अध्यक्ष के मुताबिक़ ऐसे पाँच सत्र आयोजित किये जाएँगे और सम्वाद, विचारों के आदान-प्रदान व समाधानों पर चर्चा के लिये माहौल तैयार किया जाएगा.

पहले सत्र में आमजन व जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह उन कार्यक्रमों की श्रृंख्ला से जुड़ा है, जिन्हें जलवायु परिवर्तन के विषय पर, कॉप26 सम्मेलन से पहले, अक्टूबर महीने में आयोजित किया जाएगा.

लैंगिक असन्तुलन पर कार्रवाई

अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि वैश्विक महामारी के असर से उबरने के लिये, बेहतर पुनर्बहाली पर ज़ोर दिया जाना होगा, और उसके लिये मज़बूत कार्रवाई लैंगिक नज़रिये का ख़याल रखा जाना बेहद अहम है.

उन्होंने लैंगिक समानता पर जनरल ऐसेम्बली प्रमुख के परामर्शदाता बोर्ड को पुनर्गठित किये जाने की घोषणा की है.

उन्होंने कहा है कि यदि ज़रूरी क़दम नहीं उठाये गए तो फिर मौजूदा अध्ययनों के अनुसार, लैंगिक खाई को पाटने में हमें 135 साल लग सकते हैं. "हमें इससे कहीं तेज़ होना है."

बताया गया है कि इस बोर्ड में विभिन्न विशेषज्ञों को एक साथ लाया जाएगा, जिनमें सदस्य देश, यूएन प्रणाली, निजी सैक्टर और अन्य पक्ष होंगे.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन बहुआयामी प्रयासों व समावेशी परिप्रेक्ष्यों के ज़रिये, महासभा के 76वें सत्र के दौरान लैंगिक समानता की दिशा में मज़बूती से आगे बढ़ा जाएगा.

महासभा अध्यक्ष ने बताया कि दुबई ऐक्सपो में हिस्सा लेने के लिये संयुक्त अरब अमीरात जा रहे हैं, जिसके बाद वह मालदीव की आधिकारिक यात्रा करेंगे.

इसके बाद उनका सर्बिया जाने का कार्यक्रम है जहाँ वह गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के पहले सम्मेलन की 60वीं वर्षगाँठ पर आयोजित हो रही बैठक में हिस्सा लेंगे.