अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस: 'महात्मा गाँधी के सिद्धान्त आज भी पथ प्रदर्शक'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 2 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के मौक़े पर कहा है कि अनेक चुनौतियों का सामना कर रही आज की दुनिया के लिये, महात्मा गाँधी के सिद्धान्त, एक पथ प्रदर्शक का काम कर सकते हैं.
अन्तरराष्ट्रीय दिवस, हर वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी के जन्म दिवस पर मनाया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2007 में एक प्रस्ताव पारित करके, 2 अक्तूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया था.
Hatred, division and conflict have had their day.It is time to usher in a new era of peace, trust and tolerance.On this International Day of Non-Violence - Gandhi's birthday - let's heed his message of peace, and commit to building a better future for all.
antonioguterres
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि यह कोई संयोग भर नहीं है कि अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस, हम महात्मा गाँधी की जयन्ती पर मनाते हैं.
उन्होंने कहा, “महात्मा गाँधी के लिये, अहिंसा, शान्तिपूर्ण विरोध, गरिमा और समानता, शब्दों से कहीं ज़्यादा थे. ये सभी, मानवता के लिये एक पथप्रदर्शक प्रकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक बेहतर भविष्य के लिये एक रोडमैप.”
यूएन महासचिव ने कहा कि ये सिद्धान्त, आज के कठिन दौर का सामना करने के लिये भी एक उपाय मुहैया कराते हैं. लड़ाई-झगड़े व जलवायु परिवर्तन. निर्धनता व असमानताएँ. अविश्वास व विभाजन.
उन्होंने कहा, “ये सभी, कोविड-19 महामारी की छाया में, जिसने लोगों व अर्थव्यवस्थाओं, दोनों को ही, समान रूप में तबाह करना जारी रखा हुआ है. इन चुनौतियों का समाधान हमारे हाथों में है: एकजुटता. महात्मा गाँधी की ही तरह, हमें भी यह मानना होगा कि हमें एकजुट करने वाले कारण, विभाजित करने वाले कारणों की तुलना में, कहीं ज़्यादा विशाल व महान हैं.”
“यह भी कि केवल शान्ति ही, सभी के लिये एक बेहतर भविष्य का रास्ता उपलब्ध कराती है.”
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हमारी दुनिया की चुनौतियों से निपटने का मतलब है – एक मानव परिवार के रूप में एकजुट होना, और एक दूसरे को इस तरह अपनाना, जैसा पहले कभी नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, “हम दुनिया भर में तमाम लड़ाकों से अपने हथियार डाल देने और इनसानियत के साझा दुश्मन कोविड-19 को हराने पर ध्यान लगाने का आहवान करते हैं, नाकि एक दूसरे को हराने पर.”
यूएन प्रमुख ने, कोविड-19 महामारी से निपटने के सन्दर्भ में कहा कि जीवनरक्षक वैक्सीन व उपचार, तत्काल मुहैया कराने होंगे, और भविष्य के लिये पुनर्बहाली के एक लम्बे रास्ते में, देशों की मदद करनी है.
उन्होंने कहा, “हमें, असमानता कम करने और निर्धनता का ख़ात्मा करने के लिये, अपना काम सघन करना होगा.”
“हमें, अपने ग्रह के घाव भरने के लिये एक साहसिक वैश्विक कार्रवाई योजना की दरकार है.
और सबसे ज़्यादा, हमें अपना परस्पर भरोसा फिर से मज़बूत करना होगा. नफ़रत, विभाजन, लड़ाई-झगड़े और अविश्वास का दौर बहुत हो चुका.”
उन्होंने कहा, “अब समय है कि शान्ति, विश्वास और सहिष्णुता के एक नए युग में प्रवेश किया जाए.”
यूएन महासचिव ने, अन्तरराष्ट्रीय अहिसा दिवस पर, शान्ति के लिये महात्मा गाँधी के सन्देश पर ध्यान देते हुए, पूरी मानवता के लिये, एक बेहतर व ज़्यादा शान्तिपूर्ण भविष्य बनाने के काम पर लग जाने का आहवान किया.