अफ़ग़ानिस्तान में चरमरा रही हैं सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ, WHO की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान बदहाल होते जा रहे हैं. देश में ख़सरा और दस्त (डायरिया) के मामलों में तेज़ वृद्धि हो रही है और पोलियो भी एक बड़ा जोखिम बनता जा रहा है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़ कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई भी सुस्त हुई है और देश में कुल बच्चों की आधी आबादी पर कुपोषण का ख़तरा मंडरा रहा है.
The health situation in #Afghanistan is deteriorating 🏥 Access to health care has decreased 📈 Cases of measles and diarrhoea have increased⬇️ COVID-19 response has declined🚨 Almost 50% of children are at risk of malnutrition ⬆️ Resurgence of polio is a major risk pic.twitter.com/EZiLejzsDH
WHOAfghanistan
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि विश्व बैन्क की सहायता प्राप्त दो हज़ार 300 से ज़्यादा स्वास्थ्य केंद्रों में से महज़ 17 प्रतिशत ही पूर्ण रूप से संचालित हो पा रहे हैं.
इनमें से दो-तिहाई केंद्रों पर अब अति-आवश्यक दवाएँ ख़त्म हो गई हैं.
यूएन एजेंसी ने बताया है कि बिगड़ते हालात के बीच बीमारियों के बढ़ते मामलों और फैलाव को टालने के लिये दानदाताओं के साथ मिलकर प्रयास किये जा रहे हैं ताकि स्वास्थ्य केंद्रों को जारी रखा जा सके.
कोरोनावायरस संकट अब भी एक चुनौती बना हुआ है, जिसके मद्देनज़र देश में निगरानी और परीक्षण क्षमता को मज़बूती प्रदान किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं.
यूएन एजेंसी ने कहा, “हाल ही में, हमने 50 हज़ार कोविड-19 परीक्षणों को वायु मार्ग से भेजा है जिन्हें देश भर में 23 प्रयोगशालाओं में वितरित किया जा रहा है.”
इस क्रम में 10 अन्य लैब तैयार किये जाने की योजना पर कार्य चल रहा है.
अनेक मानवीय राहत साझीदार संगठनों ने, ज़मीनी स्तर पर यूएन के साथ मिलकर कार्य जारी रखने का संकल्प दोहराया है ताकि देश की चरमराती स्वास्थ्य प्रणाली को सहारा दिया जा सके.
यूएन एजेंसियों के सक्रिय प्रयास
न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने अपने कामकाज का स्तर बढ़ाया है.
इस सिलसिले में 100 नई सचल स्वास्थ्य व पोषण टीमों को गठित किया गया है.
यूएन प्रवक्ता के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने बताया है कि अफ़ग़ानिस्तान में दाइयों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ जारी हैं.
इससे ज़रूरतमन्द महिलाओं व लड़कियों के लिये जीवनरक्षक देखभाल सुनिश्चित करने में मदद मिली है.
यूएन जनसंख्या कोष का कहना है कि दाइयों की हेल्पलाइन के ज़रिये प्रसव के जटिल मामलों, गर्भावस्था के जोखिमपूर्ण मामलों और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से निपटने के लिये दूरस्थ समर्थन प्रदान किया जा रहा है.
वित्तीय संसाधनों का प्रबन्ध
मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) ने 7 सितम्बर को एक अपील जारी की थी, जिसका लक्ष्य एक करोड़ 10 लाख लोगों की भोजन व अन्य बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करना है.
इस वर्ष के शेष महीनों के लिये 60 करोड़ डॉलर का आग्रह किया गया है. महासचिव के प्रवक्ता ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस अपील के तहत फ़िलहाल 22 फ़ीसदी धनराशि (क़रीब 13 करोड़ डॉलर) का ही इन्तज़ाम हो पाया है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, दानदाताओं से जल्द से जल्द वित्तीय समर्थन प्रदान करने का आग्रह कर रहा है ताकि मौतों, विस्थापन और पीड़ा को टाला जा सके.
साथ ही, ज़मीन पर तेज़ी से बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय समर्थन में पर्याप्त लचीलापन भी सुनिश्चित किया जाना होगा.