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76वाँ सत्र: बांग्लादेश ने कहा, म्याँमार में ही मिलेगा रोहिंज्या संकट का समाधान

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना यूएन महासभा के 76वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Cia Pak
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना यूएन महासभा के 76वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.

76वाँ सत्र: बांग्लादेश ने कहा, म्याँमार में ही मिलेगा रोहिंज्या संकट का समाधान

यूएन मामले

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने रोहिंज्या शरणार्थी संकट के स्थाई समाधान के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सक्रिय समर्थन का आग्रह किया है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि यह संकट अपने पाँचवे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और देश में राजनैतिक अनिश्चितताओं के बावजूद, म्याँमार को शरणार्थियों की सुरक्षित व गरिमामय वापसी के लिये अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करना होगा.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यूएन महासभा के 76वें उच्चस्तरीय सत्र को सम्बोधित करते हुए ज़ोर देकर कहा कि रोहिंज्या संकट म्याँमार में उपजा था, और इसका समाधान भी म्याँमार में ही मौजूद है.  

प्रधानमंत्री हसीना ने स्पष्ट किया कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को रोहिंज्या संकट के स्थाई समाधान के लिये, रचनात्मक सहयोग देते हुए, रोहिंज्या शरणार्थियों की म्याँमार के राखीन प्रान्त में सुरक्षित, सतत और गरिमामय ढँग से वापसी सुनिश्चित करनी होगी.  

उन्होंने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन – आसियान, से इस दिशा में प्रयासों को मज़बूती देने का अनुरोध किया है और कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को जवाबदेही प्रक्रिया को समर्थन प्रदान करना होगा. 

दक्षिण एशिया में स्थिरता

प्रधानमंत्री हसीना के मुताबिक़, बांग्लादेश शान्तिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध दक्षिण एशिया का आकाँक्षी है. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य का फ़ैसला करने का अधिकार स्थानीय जनता के पास है. 

उन्होंने भरोसा दिलाया कि अफ़ग़ानिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये, बांग्लादेश स्थानीय जनता और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध है. 

बांग्लादेश की नेता ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के कारण दुनिया के अनेक हिस्सों में शान्ति व सुरक्षा के लिये पनपने वाले ख़तरों पर चिन्ता जताते हुए कहा कि उनके देश ने इस सम्बन्ध में शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है.   

कोविड-19 की चुनौती

प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि यूएन महासभा का 76वाँ सत्र ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब कोरोनावायरस संकट की वजह से दुनिया भर में लोगों की मौतें हो रही है.

उन्होंने कहा कि इस साझा शत्रु के विरुद्ध लड़ाई में नए व समावेशी विचारों और समाधानों को साथ लेकर चलना होगा. 

“बहुत से देश नए वैरीएण्ट्स की बार-बार आती लहरों से प्रभावित हैं. वैश्विक महामारी ने विश्व भर में स्वास्थ्य प्रणालियों व अर्थव्यवस्थाओं को तबाह किया है.”

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी से बेहतर पुनर्बहाली के लिये अनेक क्षेत्रों में कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किये जाने का आहवान किया है.

कोविड से पुनर्बहाली  

उन्होंने कहा कि विश्व भर में कोविड-19 टीकों की सार्वभौमिक सुलभता को सुनिश्चित किया जाना होगा और उन्हें ऐसी क़ीमतों पर उपलब्ध कराना होगा, जो कि सभी की पहुँच के दायरे में हों. 

उनके अनुसार, वैश्विक महामारी ने जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से सम्वेदनशील देशों को विषमतापूर्ण ढँग से प्रभावित किया है. 

इसलिये धनी व औद्योगिक देशों को कार्बन उत्सर्जनों में कटौती लानी होगी, और जलवायु अनुकूलन व सहनक्षमता निर्माण में सहायता सुनिश्चित करनी होगी. 

उन्होंने महामारी से शिक्षा प्रणाली में आए व्यवधान पर पार पाने और शिक्षा क्षेत्र में पुनर्बहाली के लिये वैश्विक योजना की पुकार लगाई है. 

इस क्रम में डिजिटल औज़ारों व सेवाओं, इण्टरनेट सुलभता और शिक्षकों के क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाना होगा.

इसके अलावा, सबसे कम विकसित देशों की श्रेणी से बांग्लादेश को बाहर निकलने में मदद के लिये, उन्होंने विकास साझीदारों से प्रोत्साहन आधारित ढाँचे के लिये समर्थन का आग्रह किया है. 

साथ ही, कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य व आपात सेवाओं में अहम भूमिका निभाने वाले प्रवासियों के स्वास्थ, कल्याण, और आजीविका सुरक्षा पर ध्यान दिये जाने पर बल दिया है.