जलवायु कार्रवाई के लिये महत्वपूर्ण संकल्पों का स्वागत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा, जलवायु कार्रवाई के लिये अहम संकल्प लिये जाने का स्वागत किया है. न्यूयॉर्क में यूएन महासभा के 76वें उच्चस्तरीय सत्र की जनरल डिबेट के दौरान मंगलवार को ये घोषणाएँ की गई हैं.
यूएन महासचिव ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की उस घोषणा का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय जलवायु वित्त पोषण को बढ़ाकर, प्रति वर्ष 11 अरब 40 करोड़ डॉलर करने की बात कही है.
महासचिव गुटेरेश ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “अमेरिका की ओर से यह बढ़ा हुआ योगदान, विकसित देशों को, जलवायु वित्त पोषण के लिये वार्षिक 100 अरब डॉलर का प्रबन्ध किये जाने के अपने सामूहिक संकल्प के नज़दीक लाएगा.”
यूएन प्रमुख ने विदेशों में कोयले से चलने वाली नई बिजली परियोजनाओं का निर्माण बन्द करने के सम्बन्ध में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की घोषणा का भी स्वागत किया है.
राष्ट्रपति जिनपिंग ने महासभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि इसके बजाय हरित और निम्न कार्बन ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
महासचिव गुटेरेश ने स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौते के तहत, वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध ढँग से हटाना, एक बेहद महत्वपूर्ण क़दम है.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने आगाह किया कि इन घोषणाओं के बावजूद, अगले महीने स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में होने वाले, वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से पहले एक लम्बा रास्ता तय किया जाना बाक़ी है.
उन्होंने कहा कि ग्लासगो सम्मेलन में सफलता के ज़रिये जलवायु संकट से निपटने के सामूहिक वैश्विक प्रयासों में एक बड़ा मोड़ लाया जा सकता है.
महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि सदस्य देशों के मौजूदा कार्बन उत्सर्जन कटौती संकल्पों के आधार पर, दुनिया फ़िलहाल औसत वैश्विक तापमान में 2.7 डिग्री सेल्सियस की विनाशकारी वृद्धि की ओर बढ़ रही है.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने सभी देशों द्वारा निर्णायक कार्रवाई का आहवान किया है, विशेष रूप से विश्व की अग्रणी, जी20 समूह की अर्थव्यवस्थाओं से.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि अतिरिक्त दूरी को तय करते हुए कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिये कारगर ढँग से योगदान दिया जाना होगा.
महासचिव गुटेरेश ने सचेत किया कि पैरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये ग्लासगो सम्मेलन में, सभी देशों को अधिकतम महत्वाकाँक्षा के साथ आना होगा.