टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के पथ पर लौटने का आहवान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा है कि विश्व के समक्ष फ़िलहाल जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं, वैसी पहले कभी नहीं रहीं, मगर टिकाऊ विकास का 2030 एजेण्डा फिर से प्रगति पथ पर लौटने का रोडमैप प्रदान करता है.
महासचिव गुटेरेश ने 'एसडीजी लम्हा' (SDG Moment) नामक एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए यह बात कही है, जिसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय सत्र सप्ताह की शुरुआत पर किया गया है.
यूएन महासभा के 76वें सत्र के दौरान, 'एसडीजी लम्हा' नामक कार्यक्रम का आयोजन, खाद्य प्रणालियों, जलवायु, ऊर्जा, रोज़गारों व सामाजिक संरक्षा के विषय पर बड़ी बैठकों से पहले हो रहा है.
"We thought the world has stopped, but it continues to move forward. Every choice we make is the beginning of change." -- @BTS_twt came to UNHQ to support action for the #GlobalGoals & a better world for everyone. Watch their special musical performance and get inspired. pic.twitter.com/ZQG4pDA61V
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इस कार्यक्रम का लक्ष्य, टिकाऊ विकास पर कार्रवाई के दशक को गति प्रदान करना है, जिसमें विश्व नेताओं के अलावा, व्यवसाय जगत, नागरिक समाज, स्थानीय प्रशासनों, एसडीजी पैरोकारों सहित अन्य हस्तियाँ, समाधानों का दायरा व स्तर बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दे रही हैं.
यूएन प्रमुख ने कहा, “उम्मीद खो देना आसान होगा, मगर हम नाउम्मीद नहीं हैं. या असहाय. हमारे पास पुनर्बहाली का रास्ता है. अगर हम इस पर चलने का निर्णय करें तो.”
टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर आयोजित कार्यक्रम में 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हुए हैं.
कोविड-19 महामारी पर यूएन अधिकारियों की अगुवाई में एक चर्चा का आयोजन हुआ है और दक्षिण कोरियाई के-पॉप संगीत समूह बीटीएस ने इस अवसर पर अपनी कला का प्रदर्शन किया.
यूएन प्रमुख ने कहा कि 'एसडीजी लम्हा', एकजुट होकर पृथ्वी व एक दूसरे को बचाने के लिये साथ आने का अवसर है.
यूएन प्रमुख ने अपने सम्बोधन में ध्यान दिलाया कि उन्होंने हाल ही में ‘हमारा साझा एजेण्डा’ नामक एक योजना को पेश किया था जिसका उद्देश्य पूरी बहुपक्षीय प्रणाली को मज़बूती प्रदान करना और साझा उद्देश्यों के इर्द-गिर्द दुनिया को लामबन्द करना है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस दस्तावेज़ में, उन्होंने तत्काल कार्रवाई के लिये पाँच अहम क्षेत्रों को चिन्हित किया है.
पहला, दुनिया को वैश्विक महामारी का अन्त करने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि महामारी पर जवाबी कार्रवाई बेहद धीमी और विषमतापूर्ण रही है.
इस क्रम में, उन्होंने दुनिया से एक वैश्विक टीकाकरण योजना को समर्थन देने का आहवान किया है. इसके तहत टीकों का उत्पादन दोगुना किये जाने का लक्ष्य है ताकि अगले वर्ष के मध्य तक विश्व आबादी के 70 फ़ीसदी तक पहुँचा जा सके.
दूसरा, सर्वजन के लिये एक टिकाऊ व न्यायसंगत पुनर्बहाली की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है, ताकि वर्ष 2030 तक निर्धनता उन्मूलन के मार्ग पर बढ़ा जा सके.
इसके अन्तर्गत, ऐसी प्रणालियों में निडर निवेशों की पुकार लगाई गई है जिनसे मानव विकास को सहारा मिलता हो, साथ ही मुनाफ़े की बजाय लोगों को प्राथमिकता मिले.
तीसरा, महासचिव ने महिलाओं व लड़कियों के लिये समान अधिकारों को सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया है. उन्होंने आगाह किया है कि लैंगिक समानता के बग़ैर किसी भी टिकाऊ विकास लक्ष्य को पाना सम्भव नहीं होगा.
“हमें ताक़त के उन ढाँचों को हटाने की ज़रूरत है जिनसे भेदभाव, हिंसा व आर्थिक कठिनाई बढ़ती हो ताकि मानवता के आधे हिस्से को दबाया जा सके.”
“साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं व लड़कियों को हर मेज़ पर बैठने के लिये एक स्थान मिले.”
चौथा, पृथ्वी के विरुद्ध युद्ध का अन्त किया जाए. इसक लिये वर्ष 2050 तक नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन का संकल्प लेना होगा.
महासचिव गुटेरेश ने सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वर्ष 2021 के बाद किसी भी कोयला-संचालित बिजली संयंत्र के निर्माण की योजना को रोकना होगा.
साथ ही, जलवायु कार्रवाई के लिये प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर का प्रबन्ध किये जाने के वादे के प्रति ध्यान दिलाया गया है.
पाँचवा, यूएन प्रमुख ने न्यायोचित वैश्विक पुनर्बहाली की आवश्यकता पर बल दिया है और हर जगह, लोगों से उनकी सरकारों के साथ मिलकर बजट व पुनर्बहाली योजनाओं में व्यक्तियों को प्राथमिकता सुनिश्चित करने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि, आगे बढ़ते समय, राजनैतिक इच्छाशक्ति और संसाधन संकल्प में पसरी कमियाँ, एक आम दरार है.
“इसे बदला जाना होगा. दुनिया ने जिस विफलता को देखा है, उसे हमारे संकल्प को मज़बूत करने दें और हमारी दृढ़ता को फिर से मज़बूती देने दें ताकि महामारी से उबरने और टिकाऊ विकास लक्ष्यों को साकार कर सकें.”
“एक साथ मिलकर यह सम्भव है.”
इस कार्यक्रम में, दक्षिण कोरिया के म्यूज़िक बैण्ड बीटीएस समूह (बैन्गटैन ब्वॉयज़) ने भी शिरकत की.
ग्रुप के एक सदस्य, V ने कहा कि पिछले 18 महीनों में मिले झटकों से वे भी हैरान और परेशान हैं, मगर हमारी ज़िन्दगियों की नई चुनौतियों का सामना करने के लिये यह एक आदर्श समय है.
बीटीएस बैण्ड के मुताबिक़ उनकी पीढ़ी को पिछले वर्ष कुछ खो जाने का एहसास हुआ, जब कोविड-19 अपने चरम पर था.
जब पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद ग्रेजुएशन समारोह और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्थगित हो रहे थे. मगर उन्होंने पूरी दुनिया में उत्साहवर्धक सन्देश भेजे.
जूनकूक ने उम्मीद जताई कि भविष्य को महज़ अन्धकार के रूप में नहीं देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कहानी के अभी बहुत से पन्ने लिखे जाने बाक़ी हैं और हमें ऐसे बात नहीं करनी चाहिए मानों उसका अन्त लिखा जा चुका हो.
बीटीएस सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा कि उनकी पीढ़ी को कोविड-19 के कारण खो गई पीढ़ी के बजाय बदलाव का ‘स्वागत करने वाली पीढ़ी’ के रूप में देखा जाना चाहिए.
उनकी पीढ़ी ने बदलाव से डरने के बजाय, उसका स्वागत किया है और निरन्तर आगे बढ़ना जारी रखा है.