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9/11 के हमलों में, बचावकर्मियों का बलिदान, इनसानियत व करुणा की एक बुलन्द मिसाल

9/11 के आतंकवादी हमलों की याद में, रौशनी के ज़रिये श्रद्धांजलि अर्पित करने की परम्परा नज़र आई है
© Eric Ganz
9/11 के आतंकवादी हमलों की याद में, रौशनी के ज़रिये श्रद्धांजलि अर्पित करने की परम्परा नज़र आई है

9/11 के हमलों में, बचावकर्मियों का बलिदान, इनसानियत व करुणा की एक बुलन्द मिसाल

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 11 सितम्बर 2001 को न्यूयॉर्क सिटी में स्थित वर्ल्ड ट्रेड सैण्टर के दो प्रतिष्ठित टॉवरों पर हुए आतंकवादी हमले के, 20 वर्ष पूरे होने के मौक़े पर, उन बचावकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है जो, अपनी ज़िन्दगियों की परवाह किये बिना, हमलों का शिकार बनी इमारतों में फँसे लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये, इमारतों की तरफ़ दौड़ पड़े थे.

9/11 के उन आतंकवादी हमलों में लगभग तीन हज़ार लोगों की मौत हुई थी. 

अल क़ायदा समूह के सदस्यों ने, चार अपहृत विमानों के ज़रिये, अमेरिका में विभिन्न ठिकानों पर वो आतंकवादी हमले किये थे, जिनमें न्यूयॉर्क सिटी के मैनहैटन इलाक़े में स्थिति ये दो गगनचुम्बी टॉवर भी थे.

शनिवार को, अमेरिका के विभिन्न स्थानों पर, स्मृति कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं, जिनमें उन हमलों के तीन अन्य घटनास्थल भी शामिल हैं: एक विमान के ज़रिये, अमेरिकी सेना के मुख्यालय – पैण्टागॉन पर भी हमला किया गया था.

एक अन्य विमान पैनसिल्वेनिया के मैदानों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उस विमान का नियंत्रण, यात्रियों ने, अपहकर्ताओं से छीन लिया था.

उन हमलों से प्रभावित लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये जुटे सहायतकर्मियों में से भी उस दिन, लगभग 400 से ज़्यादा की मौत हुई थी. इनमें अधिकतर दमकलकर्मी थे.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को जारी श्रद्धांजलि सन्देश में उन सभी को सम्मान प्रस्तुत किया है, जिन्होंने, जलते हुए जुड़वाँ टॉवरों की तरफ़ बढ़ते हुए, ख़ुद को जोखिम में झोंक दिया था.

उनमें से कुछ ने तो अपनी ज़िन्दगी दाव पर लगाकर, अपना सर्वोच्च बलिदान किया. 

“उन लोगों के उस बलिदान में इनसानियत और करुणा की वो बुलन्दी नज़र आई जिसे, आतंकवाद मिटाना चाहता है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि वो दिन, दुनिया भर में, लाखों लोगों के दिमाग़ों में जम गया था.

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि उस कायराना और अमानवीय कृत्य में, जो हज़ारों लोग मारे गए थे और हज़ारों अन्य घायल हुए थे, उनका सम्बन्ध लगभग 90 देशों से था.

उन्होंने जीवित बचे लोगों के साथ हमदर्दी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपनी ज़िन्दगियों में शारीरिक ज़ख़्मों के साथ-साथ भावनात्मक ज़ख़्मों को भरने के लिये भारी जद्दोजहद करनी पड़ी है. 

यूएन महासचिव ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर के तमाम स्थानों पर, आतंकवाद के पीड़ितों के साथ, एकजुटता के लिये प्रतिबद्ध है.

उन्होंने 20 वर्ष पहले, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यक्त किये गए एकजुटता, एकता और संकल्पों को भी याद किया.

उस समय के यूएन महासचिव कोफ़ी अन्नान ने, हमलों के दिन ही उनकी तीखी भर्त्सना करते हुए ज़ोर देकर कहा था कि कोई भी न्यायसंगत लक्ष्य, आतंकवाद के ज़रिये हासिल नहीं किया जा सकता. 

साथ ही, सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सर्वसहमति से, उन आतंकवादी हमलों के लिये ज़िम्मेदार लोगों को, न्याय के कटघरे में लाने के लिये, तमाम देशों से एकजुटता के साथ काम करने का आहवान किया था.