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पर्यावरणीय जोखिमों के स्वास्थ्य दुष्प्रभावों से निपटने के लिये कार्रवाई का पुलिन्दा

पर्यावरणीय कारणों से अक्सर स्वास्त्य पर दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं.
© CIAT/Neil Palmer
पर्यावरणीय कारणों से अक्सर स्वास्त्य पर दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं.

पर्यावरणीय जोखिमों के स्वास्थ्य दुष्प्रभावों से निपटने के लिये कार्रवाई का पुलिन्दा

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने एक साथ मिलकर 500 कार्रवाई उपायों का एक नया सार-संग्रह (compendium) तैयार किया है जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय जोखिमों से होने वाली मौतों व बीमारियों में कमी लाना है. 

यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने एक साथ मिलकर एक विस्तृत विवरण को रूप दिया है.  

प्रदूषण सहित अन्य पर्यावरणीय जोखिम, हृद्य रोग, स्ट्रोक, विषाक्तीकरण, यातायात दुर्घटनाओं व अन्य घटनाओं में होने वाली 24 फ़ीसदी मौतों के लिये ज़िम्मेदार हैं. 

विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, स्थानीय व सैक्टर के स्तर पर केंद्रित, निडर रोकथाम कार्रवाई के ज़रिये इस चुनौती पर पार पाया जा सकता है.

‘Compendium of WHO and other UN guidance on health & environment’ में स्वस्थ पर्यावरणों के सृजन के लिये ऐसे व्यवहारिक समाधान साझा किये गए हैं जिनसे बीमारियों की रोकथाम सम्भव हो सके. 

इस सार-संग्रह की मदद से पर्यावरणीय जोखिमों से उपजने वाले स्वास्थ्य ख़तरों, जैसे कि वायु प्रदूषण, असुरक्षित जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता, जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्रों में बदलाव, रसायन, विकिरण और अन्य प्रकार के जोखिमों से निपटने के लिये कार्रवाई व सिफ़ारिशें पेश की गई हैं.  

एक अनुमान के मुताबिक वायु प्रदूषण से हर वर्ष 70 लाख लोगों की मौत होती है, जबकि जलवायु परिवर्तन से मानव स्वास्थ्य पर विविध प्रकार के असर हो रहे हैं. 

इसके लिये जैवविविधता पर होने वाले प्रत्यक्ष व परोक्ष प्रभावों को वजह बताया गया है. 

पर्यावरणीय जोखिमों की वजह से होने वाली दो-तिहाई मौतों की वजह ग़ैर-संचारी रोग बताए गए हैं. इनमें हृदय रोग, स्ट्रोक व कैंसर सहित अन्य बीमारियाँ हैं. 

इसके मद्देनज़र, सार-संग्रह में प्रस्तुत कार्रवाई व समाधानों से ग़ैर-संचारी बीमारियों की बढ़ती चुनौती से निपटने में सहायता मिल सकती है.  

साथ ही निम्न- व मध्य-आय वाले देशों में स्वास्थ्य क्षेत्र को न्यायोचित व हर एक के लिये समान बनाया जा सकता है, जहाँ बीमारियों के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. 

इस संग्रह में देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों से कार्रवाई का स्तर व दायरा बढ़ाने का आहवान किया गया है, जिसके लिये नियामन, करों व छूट, बुनियादी ढाँचे, शिक्षा, संचार व अन्य क्षेत्रों में उपाय किये जाने की ज़रूरत होगी. 

यह सार-संग्रह यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की वेबसाइट पर इन्टरएक्टिव वेबपेज के माध्यम से उपलब्ध हैं.