भावी महामारियों की रोकथाम के लिये जर्मनी में नए केंद्र की स्थापना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 संकट की पृष्ठभूमि में, वैश्विक स्तर पर बीमारियों के ख़तरों की बेहतर समीक्षा और उनसे निपटने में देशों की मदद करने के लिये जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक नए केंद्र को स्थापित किया है.
Media briefing on the new WHO Hub for pandemic & epidemic intelligence with @DrTedros https://t.co/5Wi9Tr4GXL
WHO
‘WHO Hub for Pandemic and Epidemic Intelligence’ नामक इस हब के ज़रिये, विभिन्न विषयों में विविध साझीदारियों को एक साथ लाया जा रहा है.
साथ ही नवीनतम टैक्नॉलॉजी की मदद से आँकड़ों और परिष्कृत जानकारी को साझा भलाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
बताया गया है कि इस हब के ज़रिये, विशेषज्ञों और नीतिनिर्धारकों के लिये दुनिया भर में महामारियों का पूर्वानुमान लगा पाना, उन्हें खोजना और महामारियों व वैश्विक महामारियों के जोखिमों की समीक्षा करपाना सम्भव है.
इसकी मदद से भविष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात हालात से निपटने के लिये तेज़ी से जवाबी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जा सकेगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि दुनिया को महामारी की आशंका वाली नई घटनाओं का पता लगाने के लिए क्षमता विकसित करने की ज़रूरत है.
साथ ही महामारी पर नियंत्रण पाने के उपायों की भी निगरानी की जाती रहनी होगी ताकि कारगर जोखिम प्रबंधन को लागू किया जा सके.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी व जवाबी कार्रवाई और वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञता के विस्तार को बढ़ावा देने के लिये, डेटा विज्ञान में नवाचारों का लाभ उठाता यह हब, उन प्रयासों की कुँजी है.
जर्मनी ने इस हब के लिये 10 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश किया है, जिसकी बागडोर नाइजीरिया में बीमारी नियंत्रण केंद्र के महानिदेशक डॉक्टर चिकवे इहेकविज़ू के हाथों में होगी.
यह हब विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके प्रमुख डॉक्टर माइकल रायन है.
डॉक्टर रायन पिछले दो दशकों से वैश्विक स्वास्थ्य के लिये उपजते ख़तरों से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर प्रयासरत रहे हैं.
इनमें कोविड-19 के अलावा, इबोला और ख़सरा बीमारियों का फैलाव भी है.
डॉक्टर रायन ने बताया कि महामारों से निपटने के लिये तीन बातों का ध्यान रखा जाना बेहद अहम है: तैयार रहें, तेज़ी से प्रयास करें, मुस्तैद रहें.
उनके मुताबिक तैयार रहने से, जल्द कार्रवाई कर पाना सम्भव हो पाता है, और स्फूर्तिवान ढँग से, स्थिति के अनुरूप बदलाव लाते हुए जवाबी कार्रवाई को कारगर बनाया जा सकता है.