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अफ़ग़ानिस्तान: काबुल हवाई अड्डे के पास आतंकी धमाकों की निन्दा

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक नज़ारा.
Photo UNAMA/Fardin Waezi
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक नज़ारा.

अफ़ग़ानिस्तान: काबुल हवाई अड्डे के पास आतंकी धमाकों की निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एयरपोर्ट के आसपास के इलाक़े में हुए आतंकी बम हमलों की निन्दा की है. यूएन प्रमुख ने इस हमले में हताहत हुए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.

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महासचिव गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि यूएन प्रमुख ने इस आतंकवादी हमले की निन्दा की है. 

इस हमले में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं. 

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि महासचिव इस घड़ी में अफ़ग़ान जनता के साथ एकजुट हैं और घायल हुए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. 

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में वास्तविक प्रशासन का यह दायित्व है कि नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, जिसमें एयरपोर्ट की सुरक्षा भी है.

ख़बरों के अनुसार, सन्दिग्ध आत्मघाती हमलवरों ने काबुल एयरपोर्ट के गेट के बाहर कम से कम दो धमाके किये हैं. 

इन हमलों में 13 लोगों के मारे जाने की ख़बर है जिनमें बच्चे भी हैं.  

ये हमले भीड़-भाड़ भरे उस इलाक़े में हुए जहाँ हज़ारों अफ़ग़ान नागरिक काबुल हवाई अड्डे के बाहर, देश छोड़ने की अनुमति मिलने की आस में प्रतीक्षा कर रहे हैं. 

स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, “यह घटना दर्शाती है कि अफ़ग़ानिस्तान में ज़मीनी स्तर पर हालात कितने नाज़ुक हैं.”

उन्होंने कहा कि ये अफ़ग़ान जनता के समर्थन में अहम सहायता को जारी रखे जाने के  संकल्प को भी पुष्ट करती है.

यूएन प्रवक्ता के मुताबिक फ़िलहाल अभी पूर्ण जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है, मगर इन धमाकों में यूएन कर्मचारियों के हताहत होने की जानकारी नहीं है.

उधर, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) प्रमुख फ़िलिपो ग्रैण्डी ने भी काबुल में इन आतंकवादी हमलों की निन्दा की है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये भयावह बम हमले, हमें और संकल्पवान बनाएंगे कि अफ़ग़ानिस्तान की जनता को कभी उनके हाल पर नहीं छोड़ा जाए. 

यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक यह समय अफ़ग़ान जनता, और पड़ोसी देशों में विस्थापितों या शरणार्थियों की सहायता करने का है.