सीरिया: हिंसा में तेज़ी से शान्ति प्रयासों को झटका, व्यापक स्तर पर विस्थापन

सीरिया के लिये यूएन के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए बताया है कि सीरिया में एक दशक से चले आ रहे हिंसक संघर्ष के समाधान को तलाश करने के प्रयासों में प्रगति, अब एक गतिरोध पर पहुँच गई हैं.
उन्होंने कहा कि यह देखना दुखद है कि सीरिया के अनेक हिस्सों में लड़ाई में तेज़ी आई है, जिसकी वजह से व्यापक पैमाने पर आम लोग, एक साल में विस्थापन का शिकार हुए हैं.
यूएन के विशेष दूत ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद के सदस्यों को सीरिया में हालात से अवगत करते हुए राष्ट्रव्यापी युद्धविराम की दिशा में प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया है.
Here is the full text of my briefing to the Security Council today. https://t.co/R4Ptz57SVp
GeirOPedersen
“हमें एक भरोसेमन्द राजनैतिक प्रक्रिया और ज़्यादा टिकाऊ अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है.”
उन्होंने सैनिकों की तैनाती, भारी गोलाबारी और सीरिया के दक्षिण-पश्चिम में ज़मीनी झड़पों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन घटनाओं से डेराआ गवर्नरेट भी प्रभावित हुए है.
“हम सभी पक्षों से हिंसा पर तत्काल विराम लगाने...और सभी प्रभावित इलाक़ों व समुदायों तक सुरक्षित ढँग से निर्बाध मानवीय राहत पहुँचाये जाने की अपनी अपील दोहराते हैं.”
उन्होंने कहा कि रूस की ओर से हाल के दिनों में मध्यस्थता प्रयासों में तेज़ी आई है.
गेयर पैडरसन के मुताबिक सीरियाई जनता द्वारा जिन चुनौतियों का सामना किया जा रहा है, उन्हें सिर्फ़ स्थानीय आबादी द्वारा हल नहीं किया जा सकता है.
इसके लिये सृजनात्मक अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति को अहम बताया गया है.
विशेष दूत ने स्पष्ट किया कि पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद द्वारा पारित किये जाने वाला 2585 प्रस्ताव महत्वपूर्ण है.
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश इस प्रस्ताव के लिये एक साथ आए थे, और उन्हें उसी दिशा में आगे बढ़ते रहने के लिये प्रयास जारी रखने होंगे.
इसके तहत सीरियाई लोगों के नेतृत्व व स्वामित्व में राजनैतिक समाधान की अहमियत को रेखांकित किया गया है, जिसके ज़रिये सीरियाई पुरुषों व महिलाओं की जायज़ आकाँक्षाओं की पूर्ति की जा सके.
साथ ही इससे सीरिया की सम्प्रभुता, एकता, स्वाधीनता और क्षेत्रीय अखण्डता को बहाल करना सम्भव हो सकेगा, जिसका उल्लेख प्रस्ताव 2254 में भी किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र में आपात राहत मामलों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सीरिया में मानवीय राहत पर निर्भर लोगों व उनकी बढ़ती ज़रूरतों की ओर ध्यान आकृष्ट किया.
उन्होंने अपने सम्बोधन में फ़िलहाल जारी टकराव, आर्थिक संकट, जल क़िल्लतों व कोविड-19 महामारी की वजह से उपजे हालात पर क्षोभ ज़ाहिर किया.
मौजूदा हालात में पहले से निर्बल समुदाय की ज़रूरतों का दायरा व स्तर बढ़ा है, जो कि हिंसक संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक अपने उच्चतम स्तरों तक पहुँच गया है.
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आम सीरियाई नागरिकों के लिये सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जाना होगा, देश को आर्थिक संकट से उबारना होगा, जल सुलभता को सुनिश्चित करना होगा.
इसके अतिरिक्त, कोरोनावायरस के फैलाव पर भी क़ाबू पाने का आग्रह किया गया है ताकि मानवीय राहत को ज़रूरतमन्दों तक पहुँचाया जा सके.
आपात राहत समन्वयक ने जल्द ही सीरिया, लेबनान और तुर्की का दौरा करने की बात कही है.