लेबनान: ईंधन व बिजली आपूर्ति में बाधा से, 'मानवीय त्रासदी' की आशंका
लेबनान में, संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष सहायता अधिकारी नजत रोश्दी ने आगाह करते हुए कहा है कि देश में, आशंकित मानवीय त्रासदी को टालने के लिये, ईंधन व बिजली की भरोसेमन्द व तत्काल आपूर्ति की सख़्त ज़रूरत है.
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों की संयोजक नजत रोश्दी ने कहा कि ईंधन की क़िल्लत के कारण, ज़रूरी स्वास्थ्य और जल सेवाओं की उपलब्धता के लिये भारी जोखिम पैदा हो रहा है, जिसके कारण, हज़ारों परिवारों के लिये ख़तरा पैदा हो गया है.
"Fuel crisis jeopardizes health & water systems in #Lebanon Reliable fuel and electricity supply urgently needed to avoid catastrophe" Read the full statement by UN Resident & Humanitarian Coordinator for 🇱🇧 @rochdi_najat 👉 https://t.co/9UE0DuB1dh @OCHALebanon @UNICBeirut pic.twitter.com/KII3fmOkLw
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नजत रोश्दी ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है, “लेबनान में, ईंधन की क़िल्लत के संकट का असर लाखों लोगों के लिये, स्वास्थ्य सेवाओं और जल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने पर हम, बेहद चिन्तित हैं."
"इस संकट का अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं खोजा गया तो, पहले से ही ख़राब स्थिति, और भी ज़्यादा बदतर हो जाएगी.”
कामकाज में कमी
लेबनान में, ईंधन और बिजली की क़िल्लत के कारण, देश के सबसे बड़े अस्पताल को अपनी गतिविधियाँ कम करनी पड़ी हैं. साथ ही, सार्वजनिक क्षेत्र की जल आपूर्ति व दूषित जल को साफ़ करने की प्रणालियों को भी अपना कामकाज कम करना पड़ा हो, जोकि ईंधन पर निर्भर हैं.
इस कारण, लाखों लोगों तक जल नहीं पहुँच पा रहा है, और इससे कुल मिलाकर पर्यावरण व सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो रहा है.
लेबनान में, बदहाल होती सामजिक-आर्थिक परिस्थितियों के कारण, देश की स्वास्थ्य व्यवस्था, पहले से ही अत्यधिक दबाव व जोखिम का सामना कर रही है. इनमें दवाइयों की क़िल्लत और सैकड़ों चिकित्साकर्मियों के, देश छोड़कर विदेश चले जाने के कारण, मानव संसाधन की क़िल्लत भी शामिल है.
नजत रोश्दी ने कहा कि देश में, कोविड-19 के संक्रमण की एक और लहर बिल्कुल सामने है, ऐसे में ईंधन की क़िल्लत के संकट के कारण, स्वास्थ्य स्थिति और भी बदतर हो जाएगी क्योंकि जीवनरक्षक उपचारों की उपलब्धता प्रभावित होगी.
ख़बरों में संकेत मिलते हैं कि स्वास्थ्य सुविधाओं में, कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों के लिये, निर्धारित सघन चिकित्सा इकाइयों के एक चौथाई बिस्तर, पहले ही भर चुके हैं. चूँकि, ज़्यादातर मरीज़ों को ऑक्सीज़न की निर्बाध आपूर्ति की ज़रूरत होती है, बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने से, उन मरीज़ों के ठीक होने की सम्भावनाएँ प्रभावित होंगी.
राजधानी बेरूत और माउण्ट लेबनान इलाक़े में, जल प्राधिकरणों में, सप्ताह भर तक जल आपूर्ति ठप होने के पीछे भी, बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होना ही एक प्रमुख कारण था.
देश के उत्तरी और दक्षिणी इलाक़ों में भी, जल प्राधिकरणों को, ईंधन की आपूर्ति में जब-तब बाधाओं का सामना करना पड़ा है जिसके कारण तनाव और असुरक्षा के हालात में बढ़ोत्तरी देखी गई है.
निर्बाध बिजली आपूर्ति की ज़रूरत
इस बीच, लेबनान में बिजली आपूर्ति करने वाली मुख्य कम्पनी -ईडीएल ने, जल प्राधकरणों को बिजली आपूर्ति बन्द कर दी है जिसके कारण देश भर में लगभग 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
नजत रोश्दी ने ज़ोर देकर कहा है कि ईडीएल से, बिजली आपूर्ति बहाल किया जाना, लेबनानी लोगों व उनकी सहायता करने वालों के लिये बहुत ज़रूरी है. “जोखिम बहुत बड़े हैं.”
“तमाम सम्बद्ध पक्षों को एक साथ मिलकर, एक ऐसा टिकाऊ और समतामूलक समाधान तलाश करना होगा जो तमाम लोगों की ज़रूरतें पूरी करने के साथ-साथ, समुदायों की स्वास्थ्य और सुरक्षा ज़रूरतें भी पूरी कर सके.”
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए ये भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसकी साझादीर एजेंसियाँ, प्रभावित आबादी की मदद करने के लिये, बिल्कुल मुस्तैद हैं.