कोविड-19: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में 50 करोड़ से ज़्यादा ख़ुराकों का टीकाकरण
दक्षिण-पूर्व एशिया के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय (WHO SEARO) ने कहा है कि क्षेत्र में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की 50 करोड़ से ज़्यादा ख़ुराकों का टीकाकरण किया जा चुका है.
यूएन क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि वैक्सीन की अतिरिक्त ख़ुराकें उपलब्ध हो रही हैं और बढ़ते संक्रमण मामलों के बीच देश, टीकाकरण का दायरा बढ़ाने के लिये प्रयास तेज़ कर रहे हैं.
"Countries across the Region are making unprecedented efforts to reach more and more people with life-saving COVID-19 vaccines demonstrating their commitment to contain the pandemic at the earliest.": Dr Poonam Khetrapal Singh, Regional Director, @WHOSEARO pic.twitter.com/UoBp1irEf7
WHOSEARO
दक्षिण-पूर्व एशिया के लिये क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, “पूरे क्षेत्र में देश ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक जीवनरक्षक कोविड-19 वैक्सीन पहुँचाने के लिये अभूतपूर्व प्रयास कर रहे हैं, और महामारी पर जल्द क़ाबू पाने का अपना संकल्प दिखा रहे हैं.”
“इनके साथ-साथ, हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय, सख़्ती के साथ लागू करना जारी रखना होगा.”
कोविड-19 वैक्सीन के टीकाकरण को महामारी से मुक़ाबला करने में एक महत्वपूर्ण औज़ार और हाल के समय में ज़्यादा संक्रामक व चिन्ताजनक वैरिएंट के विरुद्ध भी कारगर बताया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़़ वैक्सीन की मदद से गम्भीर संक्रमण व बीमारी के मामलों, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की रोकथाम करने में मदद मिलती है.
6 अगस्त तक, कोविड-19 वैक्सीनों की, 61 करोड़ 85 लाख ख़ुराकें दी जा चुकी थीं.
14 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की दोनों ख़ुराकें मिल चुकी हैं और उनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका है.
क्षेत्र में स्थित देश निम्न वैक्सीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं: ऐस्ट्राज़ेनेका, कोवैक्सीन, जैनसन, मॉडर्ना, सिनोफ़ार्म, सिनोवाक, स्पुटनिक V, और फ़ाइजर.
राष्ट्रीय नियामक संस्थाओं से आपात इस्तेमाल के लिये स्वीकृति मिलने के बाद ये टीके लगाए जा रहे हैं.
देशवार स्थिति
भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन की 48 करोड़ से अधिक ख़ुराकें दी जा चुकी हैं जो कि क्षेत्र में सबसे अधिक हैं – जून महीने में एक दिन में 86 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया.
इण्डोनेशिया, क्षेत्र में कोविड-19 टीकाकरण मुहिम की शुरुआत करने वाला पहला देश था, और अब तक वहाँ सात करोड़ 10 लाख ख़ुराकें दी जा चुकी हैं.
इसके बाद थाईलैण्ड का स्थान है जहाँ एक करोड़ 80 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ है.
श्रीलंका में एक करोड़ 30 लाख ख़ुराकें दी गई हैं और हाल के दिनों में प्रतिदिन पाँच लाख लोगों को टीके लगाए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं.
बांग्लादेश भी टीकाकरण का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिये प्रयासरत है और इस क्रम में कॉक्सेस बाज़ार के शरणार्थी शिविरों में रोहिंज्या शरणार्थियों को वैक्सीन दिये जाने की भी तैयारी है.
भूटान में 70 फ़ीसदी लोगों को पहली ख़ुराक दी गई है और 62 प्रतिशत को दोनों ख़ुराकें मिल चुकी हैं, जो कि क्षेत्र में सबसे अधिक है.
नेपाल में 70 प्रतिशत से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर डटे कर्मचारियों और वृद्धों को कम से कम एक ख़ुराक दी गई है.
टीकाकरण व स्वास्थ्य उपाय
यूएन की वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़, सभी देश सितम्बर के अन्त तक, अपनी कम से कम 10 फ़ीसदी आबादी का टीकाकरण किये जाने का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं.
न्यायसंगत वैक्सीन वितरण के लिये यूएन की कोवैक्स पहल के तहत, हाल के हफ़्तों में वैक्सीन की ज़्यादा ख़ुराकें उपलब्ध कराई गई हैं.
इसके ज़रिये, टीकाकरण कवरेज को पहले से ज़्यादा व्यापक बनाए जाने पर ज़ोर दिया जा रहा है.
यूएन कार्यालय ने आगाह किया है कि टीकाकरण के साथ-साथ, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े अन्य असरदार उपाय अपनाना भी अहम होगा.
हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना, अपनी खॉंसी या छींक को बॉंह मोड़कर ढक लेना और सामाजिक जीवन में दूरी बरतने की अहमियत को समझना बेहद आवश्यक है, जिनके ज़रिये संक्रमण फैलाव में कमी लाई जा सकती है.