कोविड-19: वैक्सीन की 'बूस्टर ख़ुराक' पर स्वैच्छिक रोक का आहवान

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कोविड-19 टीकों की बूस्टर ख़ुराक पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आग्रह किया है, ताकि इस वर्ष सितम्बर के अन्त तक, विश्व के सबसे निर्बल समुदायों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सके.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने बुधवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए आगाह किया कि एक ऐसे समय जब करोड़ों लोग वैक्सीन की पहली ख़ुराक की प्रतीक्षा कर रहे हैं, कुछ धनी देश ‘बूस्टर’ ख़ुराक की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
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WHO
अब तक, दुनिया भर में कोरोनावायरस वैक्सीन की चार अरब ख़ुराकें दी जा चुकी हैं, इनमें 80 फ़ीसदी से अधिक ख़ुराकें उच्च- और ऊपरी-मध्य आय वाले देशों में लोगों को मिली हैं.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वो डेल्टा वैरिएंट से अपनी जनता की रक्षा करने के प्रति, देशों की सरकारों की चिन्ताओं को समझते हैं.
मगर, उन्होंने क्षोभ जताते हुए कहा कि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि कुछ देशों ने वैक्सीन आपूर्ति के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल कर लिया हो और अब उससे ज़्यादा के इस्तेमाल की तैयारी कर रहे हों.
एक ऐसे समय में, जब दुनिया में सबसे निर्बलों के पास रक्षा कवच नहीं है.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने सितम्बर महीने तक, हर देश की कम से कम 10 फ़ीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है.
“मैंने जब मई में यह चुनौती पेश की, प्रति 100 व्यक्तियों में से 50 ख़ुराकें उच्च-आय वाले देशों में दी गई थी.”
“उसके बाद से, यह संख्या दोगुनी हो गई है. उच्च-आय वाले देशों ने प्रति 100 व्यक्तियों के लिये लगभग 100 ख़ुराकें दी गई हैं.”
“इस बीच, निम्न-आय वाले देश, हर 100 व्यक्तियों में 1.5 ख़ुराकें ही दे पाए हैं, वैक्सीन की उपलब्धता की कमी इसका कारण है.”
स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ हालात की दिशा पलट देने की ज़रूरत है – अधिकांश वैक्सीनें, उच्च-आय वाले देशों से निम्न वाले देशों में भेजी जानी होंगी.
इस क्रम में, देशों से अपनी आबादियों को, टीकों की बूस्टर्स ख़ुराकें दिये जाने पर स्वैच्छिक रोक लगाने की पुकार लगाई गई है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति पर नियंत्रण रखने वाले चन्द देशों व कम्पनियों से सहयोग का आहवान किया है.
उन्होंने कहा कि जी20 समूह को नेतृत्व करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी – वैक्सीन के सबसे बड़े उत्पादक देश, सबसे बड़े उपभोक्ता हैं और कोविड-19 वैक्सीन के सबसे बड़े दानदाता भी हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने युगाण्डा में हाल के दिनों में संक्रमण मामले व मृतक संख्या बढ़ने पर चिन्ता जताई.
उन्होंने कहा कि अधिकांश आबादी का टीकाकरण नहीं हुआ है और इसलिये देश वायरस की चपेट में है.
“दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोगों के लिये यही वास्तविकता है – घर पर रहना उनके लिये सम्भव नहीं है. वे भोजन की ख़ुराक का प्रबन्ध करने के लिये कमाते हैं.”
यूएन एजेंसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि इन आबादियों को तत्काल वैक्सीन की आवश्यकता है, जिनमें स्वास्थ्यकर्मी, वृद्धजन और अन्य निर्बल समूह हैं.