अफ़ग़ानिस्तान: हिंसा तत्काल रोके जाने की पुकार, यूएन परिसर पर हमले की निन्दा  

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में पुल-ए-ख़ेश्ती मस्जिद.
UNAMA/Freshta Dunia
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में पुल-ए-ख़ेश्ती मस्जिद.

अफ़ग़ानिस्तान: हिंसा तत्काल रोके जाने की पुकार, यूएन परिसर पर हमले की निन्दा  

शांति और सुरक्षा

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने शहरी आबादी वाले इलाक़ों में लड़ाई पर तत्काल विराम लगाये जाने की पुकार लगाई है. सुरक्षा परिषद ने पिछले सप्ताह हेरात में यूएन परिसर पर किये गए हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की है. 

पिछले कुछ महीनों में विदेशी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न इलाक़ों में,अपने ज़मीनी हमले तेज़ किये हैं.  

यूएन मिशन ने ट्विटर पर अपने सन्देश में क्षोभ जताया कि शहरों के हिंसा की चपेट में आने का ख़ामियाज़ा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. 

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जवाबी कार्रवाई के तहत अफ़ग़ान सुरक्षा बलों ने भी तालिबान के ख़िलाफ़ अपनी कार्रवाई को गहन किया है. 

बताया गया है कि चरमपंथी गुट, ग्रामीण इलाक़ों व छोटे शहरों पर नियंत्रण के बाद अब प्रान्तीय राजधानियों की ओर बढ़ रहे हैं. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार हेलमन्द प्रान्त की राजधानी लशकगह में पिछले 24 घण्टों में 40 लोगों की मौत हुई है और 118 घायल हुए हैं.

कान्दहार में पाँच आम नागरिक मारे गए हैं और 42 के ज़ख़्मी होने की ख़बर है. 

“मिशन ने कहा है कि तालिबान के ज़मीनी हमले और अफ़ग़ान राष्ट्रीय सेना की हवाई कार्रवाई में सबसे ज़्यादा नुक़सान हो रहा है.”

साथ ही, स्वास्थ्य केंद्रों व आम लोगों के घरों पर अंधाधुंध गोलीबारी और हिंसा में पहुँची क्षति पर गहरी चिन्ता जताई गई है.

यूएन मिशन ने सभी पक्षों से आम नागरिकों के जान-माल की रक्षा करने का आग्रह करते हुए सचेत किया है कि इसके अभाव में विनाशकारी नतीजे सामने आने की आशंका है. 

यूएन परिसर पर हमले की निन्दा

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले शुक्रवार को हेरात में यूएन परिसर पर हुए घातक हमले के दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की है.

सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को एक वक्तव्य जारी किया है जिसमें इस हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की गई है. इस हमले में एक अफ़ग़ान सुरक्षाकर्मी की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे. 

सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने अफ़ग़ानिस्तान में बड़े स्तर पर हो रही हिंसा पर गहरी चिन्ता जताते हुए, तत्काल कमी लाये जाने का आहवान किया गया है.  

सुरक्षा परिषद के वक्तव्य में, देश भर में हिंसक घटनाओं के दौरान, मानवाधिकार हनन व दुर्व्यवहार के गम्भीर मामलों पर भी गहरी चिन्ता व्यक्त की गई है.

सुरक्षा परिषद ने ज़ोर देकर कहा है कि जानबूझकर आम लोगों, यूएन कर्मचारियों व परिसरों को निशाना बना कर किये जाने वाले हमलों को युद्धपराध की श्रेणी में रखा ज सकता है. 

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात में धूल भरी आँधी से बचने की कोशिश करता हुआ एक परिवार. देश में जारी संघर्ष में बच्चे और महिलाएँ विनाशकारी रूप से प्रभावित हुए हैं.
UNAMA/Fraidoon Poya
अफ़ग़ानिस्तान के हेरात में धूल भरी आँधी से बचने की कोशिश करता हुआ एक परिवार. देश में जारी संघर्ष में बच्चे और महिलाएँ विनाशकारी रूप से प्रभावित हुए हैं.

सदस्य देशों ने अफ़ग़ानिस्तान में यूएन मिशन के प्रति अपने समर्थन और यूएन कर्मचारियों की सुरक्षा की अहमियत को रेखांकित किया है.

सुरक्षा परिषद के वक्तव्य में अफ़ग़ान सरकार और तालिबान को एक समावेशी, अफ़ग़ान-नेतृत्व व स्वामित्व में शान्ति प्रक्रिया में अर्थपूर्ण भागीदारी के लिये प्रोत्साहित किया है ताकि राजनैतिक निपटारे व युद्धविराम की दिशा में प्रगति सुनिश्चित की जा सके. 

अफ़ग़ान नागरिकों को सहायता

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी मामलों की एजेंसी (UNHCR) ने हिंसा प्रभावित व विस्थापित परिवारों को आपात जीवनदायी सहायता पहुँचाना जारी रखा है. 

इस वर्ष अब तक, लगभग तीन लाख 60 हज़ार अफ़ग़ान जान बचाने के लिये अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं.  

यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) ने प्रभावित परिवारों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए सचल स्वास्थ्य टीमों को तैनात किया है ताकि निर्बलों के लिये स्वास्थ्य व मनोसामाजिक सहारा सुनिश्चित किया जा सके.