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मानसिक स्वास्थ्य की ख़ातिर, फ़ीफ़ा के अभियान को WHO ने दिया समर्थन

इंगलैण्ड के वेम्बली स्टेडियम में एक फ़ुटबॉल मैच का नज़ारा.
Unsplash/Mitch Rosen
इंगलैण्ड के वेम्बली स्टेडियम में एक फ़ुटबॉल मैच का नज़ारा.

मानसिक स्वास्थ्य की ख़ातिर, फ़ीफ़ा के अभियान को WHO ने दिया समर्थन

स्वास्थ्य

विश्व फ़ुटबॉल संस्था – फ़ीफ़ा ने संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से, मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धित सम्भवतः हानिकारक मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत, साथ ही, हर जगह, तमाम लोगों को ज़रूरत महसूस होने पर मदद हासिल करने के लिये प्रोत्साहित भी किया जाएगा.

सोमवार को शुरू किये गए इस अभियान का नाम है - #ReachOut जो, विश्व स्वास्थ्य संगठन और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन – आसियान के साथ मिलकर शुरू किया गया है.

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इस अभियान के तहत, ये रेखांकित करने की कोशिश की जाएगी कि ख़राब होते मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों को, बिल्कुल शुरुआती स्तर पर ही पहचानना, कितना महत्वपूर्ण है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने और फ़ीफ़ा के अध्यक्ष गियानी इनफ़ैन्तीनो ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है, “ये अभियान, मानसिक स्वास्थ्य हालात के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एक ऐसा सम्वाद या बातचीत शुरू करने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है जिसके ज़रिये कोई ज़िन्दगी बचाई जा सकती है.”

“फ़ीफ़ा के 2020-2023 परिदृश्य में, हमने फ़ुटबॉल को समाज की बेहतरी के लिये कारगर बनाने का संकल्प व्यक्त किया है, और मैं खिलाड़ियों व सुश्री टेरीसा एनके का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने इस कार्यक्रम में अहम योगदान किया है.”

सम्वाद जारी रखें

“अवसाद और चिन्ता से, दुनिया भर में, बहुत बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं, और सबसे कमज़ोर हालात का सामना करने वालों में ज़्यादा संख्या युवजन की है. परिवार, दोस्तों या फिर किसी स्वास्थ्यकर्मी के साथ बातचीत व सम्वाद करना, बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. फ़ीफ़ा यह कार्यक्रम शुरू करते हुए गौरवान्वित महसूस करता है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और आसियान का समर्थन हासिल है - #ReachOut.”

इस अभियान में फ़ुटबॉल के कुछ नामी-गिरामी खिलाड़ी शामिल हैं जिनमें अलाइन, वीरो बॉकेट, कैफ़ू, लौरा जियॉर्ज, लुई गार्शिया, शबानी नन्दा, पैट्रीशिया पैनिको, फ़ारा विलियम्स और वॉल्टर ज़ेन्गा प्रमुख हैं.

यूए स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस का कहना है, “कोविड-19 महामारी जारी रहने के हालात में, यह हमेशा की ही तरह और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि हम अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का बहुत ख़याल रखें.”

“विश्व स्वास्थ्य संगठन, फ़ीफ़ा द्वारा, लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बातचीत करने के लिये प्रोत्साहित करने के इरादे से शुरू किये गए #ReachOut अभियान को समर्थन देते हुए अति प्रसन्न है.”

अवसाद, आत्महत्या

टेरीसा एनके ने भी, अपने किसी प्रियजन द्वारा आत्महत्या किये जाने के दुखद अध्याय का ज़िक्र इस अभियान के तहत किया है. साथ ही उन्होंने, रॉबर्ट ऐनके संस्थान के साथ अपने काम के बारे में भी बात की है.

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दुनिया भर में, लगभग 26 करोड़ लोग अवसाद (Depression) से प्रभावित हैं और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी लगभग आधी समस्याएँ 14 वर्ष की उम्र तक शुरू हो जाती हैं. 15 से 29 वर्ष की उम्र के लोगों में, मौत होने का चौथा सबसे बड़ा कारण आत्महत्याएँ होती हैं. 

सक्रिय फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में, 23 प्रतिशत खिलाड़ी उखड़ी या बाधित नीन्द से परेशान होते हैं, जबकि 9 प्रतिशत खिलाड़ियों ने अवसाद यानि डिप्रैशन की शिकायतें की हैं, और 7 प्रतिशत खिलाड़ी चिन्ता से परेशान हैं. 

रिटायरमेंट के बाद की चिन्ता

फ़ीफा का कहना है कि रिटायर हो चुके खिलाड़ियों में चिन्ता व अवसाद से प्रभावितों की संख्या और भी ज़्यादा है. रिटायर हो चुके 28 प्रतिशत खिलाड़ी नीन्द में परेशानी महसूस करते हैं, अवसाद से लगभग 13 प्रतिसत और चिन्ता के कारण प्रभावितों की संख्या 11 प्रतिशत है.

कोविड-19 के कारण, दुनिया भर में बहुत से लोग, घरों से कामकाज करने, बेरोज़गारी, स्कूल बन्द होने और सामाजिक अलगाव के कारण अलग-अलग रूपों में प्रभावित हुए हैं. 

मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी परिस्थितियों वाले लोगों की चुनौतियाँ और भी ज़्यादा बड़ी व गम्भीर हैं क्योंकि बहुत से मामलों में उनके इलाज की सुविधाओं में बाधाएँ उत्पन्न हुई हैं.

इस वीडियो अभियान में, पूर्व व मौजूदा मशहूर खिलाड़ियों के साथ-साथ कुछ ख़ास हस्तियाँ भी शामिल हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य अभियान को ज़ोरदार समर्थन दिया है और अक्सर अपने जीवन अनुभव साझा किये हैं. 

आसियान के महासचिव डैटो लिम जॉक होई का कहना है, “मानसिक स्वास्थ्य और रहन-सहन, शारीरिक स्वास्थ्य और सुरक्षा की ही तरह अति महत्वपूर्ण मुद्दा है. ब्रूनेई दारस्सलाम की अध्यक्षता में, आसियान, मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा सहयोग आगे बढ़ाने के लिये क़दम उठा रहा है...”

सहयोग

विश्व स्वास्थ्य संगठन और फ़ीफ़ा ने, फ़ुटबॉल के ज़रिये स्वस्थ जीन-शैली को बढ़ावा देने के लिये, वर्ष 2019 में चार वर्षीय एक समझौता किया था.

दोनों संगठनों ने, मार्च 2020 में, कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिये एक संयुक्त अभियान भी शुरू किया था, जिसके तहत लोगों की सुरक्षा की ख़ातिर प्रभावशाली उपायों पर जानकारी का प्रसार करना शामिल था. 

उसके अगले महीने #BeActive अभियान भी चलाया गया था जिसमें लोगों को, महामारी के दौरान घरों पर स्वस्थ रहने के लिये प्रोत्साहित किया गया था. 

उससे अगला अभियान #SafeHome चलाया गया जिसका मक़सद, घरेलू हिंसा के जोखिम का सामना करने वालों को सहायता व समर्थन मुहैया कराना था.

हाल के समय में, इन दोनों संगठनों ने, कोविड-19 से बचाने वाली वैक्सीन, उपचार व जाँच-पड़ताल की सुविधाएँ सभी को समान रूप से उपलब्ध कराए जाने को प्रोत्साहन देने के लिये फ़ीफ़ा क्लब वर्ल्ड कप के साथ हाथ मिलाया और #ACTogether नामक अभियान चलाया.

इस अभियान में, लोगों को कोरोनावायरस के फैलाव से बचने और अपने स्वास्थ्य की रक्षा करने की ख़ातिर, जीवनरक्षक व दैनिक जीवन में अपनाए जाने वाले उपाय जारी रखने के लिये प्रोत्साहित किया गया.