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सुरक्षा परिषद: भारत ने क्षेत्रीय व समुद्री सुरक्षा पर दिया ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक का दृश्य
UN Photo/Eskinder Debebe
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक का दृश्य

सुरक्षा परिषद: भारत ने क्षेत्रीय व समुद्री सुरक्षा पर दिया ज़ोर

यूएन मामले

भारत ने, अगस्त महीने के लिये सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता सम्भालते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर से सम्बन्धित तमाम मुद्दों का समाधान ऐसे माहौल में तलाश किया जाना चाहिये जो आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त हो. 

भारत ने सुरक्षा परिषद की दो वर्ष की अस्थाई सदस्यता, 1 जनवरी 2021 को सम्भाली है और अगस्त महीने के लिये, सुरक्षा परिषद की सदस्यता भारत के पास है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने, सोमवार को अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में, अफ़ग़ानिस्तान के हालात का ज़िक्र करते हुए, वहाँ तमाम तरह की हिंसा और अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद के तार, ख़त्म किये जाने का आहवान किया क्योंकि वहाँ के हालात का सीधा असर, भारत पर पड़ता है.

भारतीय राजदूत ने, जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कहा कि अब ये पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वो रचनात्मक माहौल पैदा करे.

इनमें ऐसे विश्वसनीय व पुष्टि किये जा सकने वाले क़दम उठाया जाना शामिल है जिनमें, पाकिस्तान के नियंत्रण वाली भूमि या क्षेत्र को, सीमा पार, भारत के ख़िलाफ़ आतंकवादी गतिविधियाँ चलाने के लिये, इस्तेमाल किये जाने की इजाज़त ना दी जाए.

ध्यान रहे कि भारत सरकार ने, 5 अगस्त 2019 को, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को बेअसर करते हुए, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था.

उसके बाद, मई 2020 में, कुछ ऐसे आवासीय नियम पारित किये गए जिनके ज़रिये, जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों के संरक्षात्मक आवासीय विशेषाधिकार समाप्त कर दिये गए थे.

अफ़ग़ानिस्तान

भारत के राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने अफ़ग़ानिस्तान के सन्दर्भ में कहा, “वहाँ पिछले 20 वर्षों के दौरान जो कामयाबियाँ हासिल हुई हैं, उन्हें बरक़रार रखने के लिये, अफ़ग़ान नेतृत्व के ज़रिये, एक समावेशी और दीर्घकालीन व टिकाऊ राजनैतिक समाधान की ज़रूरत है जो अफ़ग़ानियों को मंज़ूर हो और उन्हीं के द्वारा नियंत्रित हो.”

भारतीय राजदूत ने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान में किसी भी पक्ष की सरकार बने, वो लोगों की नज़र में वैध होनी चाहिये. इसलिये, किसी एक दल को, एकतरफ़ा तरीक़े से सत्ता पर नहीं बिठाया जा सकता, और शान्तिपूर्ण वार्ताओं को, हर पक्ष को गम्भीरता से लेना होगा.”

“पहले से ही जो सम्वाद चल रहा है, उसे और ज़्यादा तेज़ किये जाने की ज़रूरत है.”

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में, पिछले सप्ताह, तथाकथित सरकार विरोधी तत्वों ने, हेरात में, संयुक्त राष्ट्र के नाम से, स्पष्ट रूप से चिन्हित परिसर के प्रवेश द्वार पर, रॉकेट चालित गोलों और बन्दूकों से हमला किया. 

ये हमला, तालेबान लड़ाकों के, हेरात शहर में दाख़िल होने और हेरात में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) के प्रान्तीय मुख्यालय के निकट, अफ़ग़ान सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई होने के कुछ ही घण्टों बाद हुआ.

समुद्री सुरक्षा

भारत के राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने ये भी घोषणा की कि सुरक्षा परिषद, समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर, 9 अगस्त को एक उच्चस्तरीय सत्र का आयोजन करेगी जिसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे.

उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि ये सटीक समय है कि समुद्री सुरक्षा और अपराध के विभिन्न पहलुओं पर समग्रता के साथ चर्चा हो और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के ज़रिये उससे निपटा जाए.”

“चोरी व छीना-झपटी, अपराध करने के लिये समुद्री क्षेत्रों का प्रयोग, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी, इनसानों की तस्करी, और अवैध हथियारों की तस्करी, और अवैध, गुप्त व नियमों से बाहर मछली पकड़ा जाने, जैसे कृत्यों से, समुद्री तटीय इलाक़ों के आसपास रहने वाले समुदायों की आजीविकाओं, अन्तरारष्ट्रीय व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा, और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है.”