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बांग्लादेश: जानलेवा बाढ़, भूस्खलन से रोहिंज्या शरणार्थियों की मुसीबतें बढ़ीं

बांग्लादेश के कॉक्सेज़ बाज़ार में मौजूद शरणार्थी शिविर में रहने वाले लोगों के लिए यूएन विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भारी बारिश के बाद व्यापक खाद्य सहायता कार्यक्रम चलाया.
WFP/Nihab Rahman
बांग्लादेश के कॉक्सेज़ बाज़ार में मौजूद शरणार्थी शिविर में रहने वाले लोगों के लिए यूएन विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भारी बारिश के बाद व्यापक खाद्य सहायता कार्यक्रम चलाया.

बांग्लादेश: जानलेवा बाढ़, भूस्खलन से रोहिंज्या शरणार्थियों की मुसीबतें बढ़ीं

मानवीय सहायता

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में विशाल शरणार्थी बस्तियाँ, पिछले तीन दिनों से तेज़ हवाओं और मॉनसून की भारी बारिश की चपेट में हैं, जिससे रोहिंज्या शरणार्थियों की ज़िन्दगियों पर भीषण असर हुआ है. 

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों की एजेंसी (UNHCR) ने बताया कि मूसलाधार बारिश से बड़े पैमाने पर नुक़सान हुआ है. 

शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक़ लगभग ढाई हज़ार शरणस्थल क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हो गए हैं – पिछले कुछ घण्टों में, इसके कारण, 12 हज़ार शरणार्थी प्रभावित हुए हैं.

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यूएन एजेंसी का कहना है कि आठ लाख शरणार्थियों वाले इन शिविरों में लगभग एक फ़ुट बारिश हुई है. 

“जुलाई के लिये यह एक दिन में, लगभग पूरे महीने की बारिश का औसत है.”

अगस्त 2017 से, म्याँमार से क़रीब सात लाख अल्पसंख्यक रोहिंज्या मुसलमानों ने हिंसा से बचने के लिये सीमा पार करके, बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में शरण ली हुई है.

पहले से ही यहाँ के शिविरों में रह रहे शरणार्थियों और नए आने वाले लाखों शरणार्थियों की संख्या बढ़ने से यहाँ भीड़भाड़ हो गई है.    

कठिन हालात 

ख़बरों के अनुसार अब तक कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है और हज़ारों लोग बेघर हुए हैं. 

मॉनसून का मौसम अगले तीन महीनों तक जारी रहेगा, जिसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने आने वाले दिनों में भारी बारिश और जान-माल के नुक़सान की आशंका के प्रति आगाह किया है.

वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान, मॉनसून की मूसलाधार बारिश से हालात और ज़्यादा गम्भीर हो गए हैं. बांग्लादेश में संक्रमण मामलों की बढ़ती संख्या की वजह से देश में तालाबन्दी लागू है.

बांग्लादेश सरकार के नेतृत्व में जवाबी कार्रवाई के तहत, यूएन शरणार्थी एजेंसी ने आपात राहत टीमों के अपने नैटवर्क की तैनाती की है ताकि प्रभावित परिवारों को तात्कालिक सहायता व समर्थन पहुँचाया जा सके. 

इसके अतिरिक्त, ज़रूरतमन्दों के लिये किन्हीं अन्य स्थानों पर रहने का इन्तज़ाम भी किया जा रहा है.

यूएन टीमें अब तक हुए नुक़सान का जायज़ा ले रही हैं और क्षतिग्रस्त शरणस्थलों की मरम्मत के काम में जुटी हैं. 

शरणार्थी एजेंसी ने बताया कि मौजूदा हालात में प्रभावित परिवारों की अतिआवश्यक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना, एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है. 

राहतकार्य निरन्तर जारी

यूएन शरणार्थी एजेंसी द्वारा प्रशिक्षित शरणार्थी समुदाय के स्वैच्छिक कार्यकर्ता अन्य साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, भारी बारिश में भी दिन-रात ज़रूरतमन्द परिवारों को मदद पहुँचाने में जुटे हैं.

कुछ मामलों में, भूस्खलन के कारण अपना शिविर गँवाने वाले परिवारों को आश्रय व सुरक्षा मुहैया कराई गई है.

अब तक पाँच हज़ार से अधिक शरणार्थी, अस्थाई रूप से सामुदायिक केन्द्रों या परिवार के अन्य सदस्यों के पास भेजे गए हैं. 

ख़राब मौसम, भूस्खलन व बाढ़ के कारण हालात और भी विकट हो गए हैं और ज़रूरतों का दायरा व्यापक स्तर पर बढ़ा है. 

यहाँ रह रहे शरणार्थी, वर्षों से बीमारियों, भारी बारिश व आग लगने की घटनाओं से पीड़ित हैं. 

मार्च 2021 मे, शरणार्थी बस्तियों में, भीषण आग लगने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी, और हज़ारों लोग घायल हुए थे. 

वर्ष 2021 की संयुक्त जवाबी कार्रवाई योजना के तहत, बांग्लादेश में रोहिंज्या मानवीय संकट के लिये लगभग 94 करोड़ डॉलर की अपील की गई थी, मगर अभी 27 करोड़ डॉलर का ही प्रबन्ध हो पाया है.