एकजुट होकर करना होगा, भुखमरी का मुक़ाबला, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि वैश्विक स्तर पर अकुशल खाद्य उत्पादन, दरअसल भुखमरी में भारी वृद्धि के साथ-साथ, कार्बन उत्सर्जन के एक तिहाई हिस्से और जैव विविधता के 80 प्रतिशत नुक़सान के लिये ज़िम्मेदार है. उन्होंने सभी देशों से टिकाऊ विकास की रफ़्तार बढ़ाने के लिये, खाद्य प्रणालियों में व्यापक बदलाव करने का आग्रह किया है.
यूएन प्रमुख ने, सोमवार को इटली के रोम शहर में, विश्व खाद्य प्रणाली सम्मेलन की तैयारी के लिये हुए एक छोटे सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2020 के दौरान लगभग 81 करोड़ 10 लाख लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ा.
ये संख्या वर्ष 2019 की तुलना में, क़रीब 16 करोड़ 10 लाख ज़्यादा थी.
उन्होंने कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न व्यवधान की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए कहा कि दुनिया भर में क़रीब तीन अरब लोग, अपने लिये स्वस्थ भोजन ख़ुराक खाने की लागत उठा पाने योग्य नहीं हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हम टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) 2030 तक हासिल करने के रास्ते पर गम्भीर रूप से धीमी रफ़्तार पर हैं.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि निर्धनता, आय विषमता और खाद्य पदार्थों की महंगी क़ीमतें, किस तरह बीमारियों के लिये ज़िम्मेदार हैं, और किस तरह जलवायु परिवर्तन व संघर्ष, तबाही फैलाने के कारण और उनके परिणाम बनते रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की उप प्रमुख आमिना जे मोहम्मद ने इसी तरह के विचार दोहराते हुए ज़ोर देकर कहा कि बढ़ती भुखमरी और ख़राब पोषण, ऐसी चुनौतियाँ हैं जिनका मुक़ाबला करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को उठ खड़े होना चाहिये, क्योंकि ऐसा करने के साधन हमारे पास मौजूद हैं.
उन्होंने इस तथ्य का स्वागत किया कि 145 देशों ने इस बारे में पहले ही राष्ट्रीय विचार-विमर्श शुरू कर दिया है कि वर्ष 2030 तक, टिकाऊ विकास प्रणालियाँ कैसी नज़र आनी चाहिये.
इनमें ऑनलाइन बैठकें, सार्वजनिक मंच और युवाओं, किसानों, आदिवासी लोगों, सिविल सोसायटी, अनुसन्धानकर्ताओं, निजी क्षेत्र, नीति निर्माता और कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पोषण व वित्त मंत्रियों के साथ सर्वेक्षण जैसे तरीक़े शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “सभी देशों व लोगों के लिये एक ही तरह का समाधान उपयुक्त नहीं हो सकता. हमें हर देश, हर क्षेत्र, हर समुदाय की ज़रूरतों के अनुसार काम करना होगा ताकि हर वास्तविकता के लिये मदद तैयार की जा सके."
"यही बात हमारी खाद्य प्रणालियों और ऐसे बदलावों पर भी लागू होती है जिनके ज़रिये हम दुनिया को भरपेट भोजन मुहैया करा सकें, पृथ्वी को उसके भविष्य से वंचित किये बिना.”
मिश्रित साधनों के ज़रिये हुए इस – तैयारी सम्मेलन में, 100 से ज़्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की है जिसमें कार्रवाई गठबन्धनों, भागेदारियों और वित्तीय व्यवस्थाओं के ज़रिये नए संकल्प व्यक्त किये गए.