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अफ़ग़ानिस्तान: हिंसक घटनाओं में रिकॉर्ड संख्या में हताहत हुए आम नागरिक  

अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2021 के पहले छह महीनों में रिकॉर्ड संख्या में लोग हताहत हुए हैं.
UNAMA/Dilawar Khan Dilawar
अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2021 के पहले छह महीनों में रिकॉर्ड संख्या में लोग हताहत हुए हैं.

अफ़ग़ानिस्तान: हिंसक घटनाओं में रिकॉर्ड संख्या में हताहत हुए आम नागरिक  

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2021 के पहले छह महीनों के दौरान, हताहत होने वाले आम लोगों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई है. 

सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक़, मई 2021 में अन्तरराष्ट्रीय सैन्य बलों की वापसी शुरू होने के बाद से मृतकों व घायलों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है.
इसके बाद से ही तालेबान के हमलों में तेज़ी आई है और हिंसा बढ़ी है. 

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संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी जारी की है कि अफ़ग़ानिस्तान में अगर हिंसा में कमी नहीं आई तो वर्ष 2021 में, आम लोगों के हताहत होने का आँकड़ा अब तक का सबसे बड़ा हो सकता है. किसी एक साल में.

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि डेबराह लियोन्स ने कहा, “मैं तालेबान और अफ़ग़ान नेताओं से विनती करती हूँ कि हिंसक संघर्ष के गम्भीर और सुन्न कर देने वाले पथ आम लोगों पर हुए उसके विनाशकारी असर पर कान दें.”

“यह रिपोर्ट एक स्पष्ट चेतावनी देती है कि इस वर्ष यदि बढ़ती हिंसा को नहीं रोका गया, तो अभूतपूर्व संख्या में अफ़ग़ान नागरिक तबाह और पंगु हो जाएंगे.”

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन मिशन की रिपोर्ट ‘Afghanistan Protection of Civilians in Armed Conflict Midyear Update 2021’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, पाँच हज़ार 183 लोग हताहत हुए हैं.

इनमें एक हज़ार 659 लोगों की मौत हुई है और तीन हज़ार 254 लोग घायल हुए हैं.

वर्ष 2020 में इसी अवधि के दौरान हताहतों की तुलना में इस साल 47 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

मई और जून महीनों के दौरान दो हज़ार 392 लोग (783 मृतक, एक हज़ार 609 घायल) हताहत हुए हैं.

वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र मिशन द्वारा व्यवस्थागत ढंग से जानकारी एकत्र किये जाने के बाद हताहतों की यह सर्वाधिक संख्या है. 

शान्ति की पुकार

यूएन प्रतिनिधि ने सभी पक्षों से वार्ता की मेज़ पर प्रयासों में तेज़ी लाने की पुकार लगाई है और कहा है कि अफ़ग़ानों को अफ़ग़ानों के ख़िलाफ़ लड़ना रोकना होगा, अफ़ग़ान जनता की रक्षा की जानी होगी और उन्हें भविष्य के लिये एक बेहतर उम्मीद देनी होगी. 

मई और जून महीने में हिंसा की अधिकांश घटनाएँ शहरों के बाहरी इलाक़ों में हुई हैं, जहाँ आबादी का स्तर तुलनात्मक रूप से कम है. 

संयुक्त राष्ट्र ने गम्भीर चिन्ता जताई है कि अगर हिंसा की आँच शहरी क्षेत्रों में घनी आबादी वाले इलाक़ों तक पहुँची, तो अफ़ग़ान जनता के लिये इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. 

यूएन ने युद्धरत पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत आम लोगों की रक्षा के दायित्व को निभाने की अपील की है. 

बताया गया है कि वर्ष 2021 में हताहतों की कुल संख्या में महिलाओं, लड़कों व लड़कियों की संख्या लगभग पचास फ़ीसदी है. 

सरकार-विरोधी तत्वों को, 64 फ़ीसदी आम नागरिकों के हताहत होने के लिये ज़िम्मेदार ठहराया गया है, सरकार-समर्थित सुरक्षा बलों की गतिविधियों के कारण 25 फ़ीसदी आम लोग हताहत हुए. 

यूएन मिशन के मुताबिक़ हिंसा के दौरान गोलीबारी की चपेट में आने से 11 फ़ीसदी लोग हताहत हुए, और ये ऐसी घटनाएँ हैं जिनमें ज़िम्मेदार पक्ष की शिनाख़्त कर पाना सम्भव नहीं है. 

यह पहली बार है जब अन्तरराष्ट्रीय सैन्य बलों को एक भी आम नागरिक के हताहत होने के लिये ज़िम्मेदार नहीं ठहराया गया है.