टोक्यो ओलिम्पिक खेलों में है प्रेरित करने की शक्ति, डॉक्टर टैड्रॉस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने जापान की राजधानी टोक्यो में, ओलम्पिक और पैरालिम्पिक खेल शुरू होने का स्वागत किया है और इन्हें दुनिया भर में उम्मीद फैलाने का एक अवसर क़रार दिया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ने टोक्यो में कहा कि दुनिया को कोविड-19 महामारी पर जीत हासिल करने के लिये, पक्के इरादे, समर्पण और अनुशासन के साथ काम करना होगा.
The @Olympics have the power to bring the world together, to inspire, to show what is possible. May these #Tokyo2020 Games be the moment that unites the world, and ignites the solidarity and determination we need to end the pandemic together. #AGoal4All pic.twitter.com/o09neHwgWm pic.twitter.com/uu9UUrEBtN
DrTedros
उन्होंने अपने हाथ में ओलम्पिक मशाल थामे हुए, अन्तरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति में कहा, “किसी भी अन्य गतिविधि के मुक़ाबले, खेलों में, दुनिया को एक साथ लाने; प्रेरित करने; और ये दिखाने की ताक़त निहित है कि क्या सम्भव है.”
उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में ये भी कहा कि दुनिया, इस समय कोरोनावायरस के संक्रमण व मौतों की एक अन्य लहर के किनारे पर है.
उन्होंने तमाम देशों से विशाल पैमाने पर टीकाकरण कराने का आग्रह किया ताकि सितम्बर तक, कम से कम उनकी आबादियों की 10 प्रतिशत संख्या को वैक्सीन लग सके.
डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि अभी तक केवल 10 देशों में, 75 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन के टीके लगे हैं, जबकि कम आमदनी वाले देशों में, कुल आबादी के लगभग एक प्रतिशत लोगों को केवल एक ही ख़ुराक लगी है.
दो स्तरीय महामारी
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने कहा कि दुनिया भर में वैक्सीन, जाँच, व परीक्षण सुविधाएँ व ऑक्सीजन सहित अन्य उपकरण साझा करने में नाकामी से, महामारी का दो स्तरीय रूप उभर रहा है.
ये दौड़ दुनिया के उन दो हिस्सों के बीच है जिसके एक हिस्से में वैक्सीन व्यापक पैमाने पर उपलब्ध है और वहाँ पाबन्दियाँ हट रही हैं, जबकि दूसरा हिस्सा वो है जहाँ वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं और पाबन्दियाँ लगी हुई हैं.
उन्होंने कहा, “यह केवल नैतिक पतन की स्थित ही नहीं है, बल्कि यह महामारी विज्ञान और आर्थिक रूप से भी, आत्मघाती है.”
उन्होंने आगाह किया कि जितने लम्बे समय तक असमानता बरक़रार रहेगी, पुनर्बहाली भी उतनी ही धीमी होगी.
ज़्यादा संक्रमण फैलने का मतलब है कि वायरस के और ज़्यादा सम्भावित ख़तरनाक रूप उभरेंगे, यहाँ तक कि विनाशकारी डेल्टा वैरिएंट से भी ज़्यादा ख़तरनाक.
“और वायरस के जितने ज़्यादा वैरिएंट (प्रकार) होंगे, उतनी ही ज़्यादा सम्भावना होगी कि वो वैक्सीन की तोड़ विकसित कर लेंगे और हमें बिल्कुल शुरू के हालात में पीछे धकेल देंगे. जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं हैं, तब हमें से कोई भी सुरक्षित नहीं है.”
मुक़ाबला वायरस से है...
डॉक्टर टैड्रॉस ने महामारी को एक ऐसा इम्तेहान क़रार दिया जिसमें दुनिया नाकाम हो रही है, और उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हम सब लोग एक दूसरे के मुक़ाबले में, दौड़ में नहीं हैं बल्कि हम सबकी दौड़ वायरस के ख़िलाफ़ है.
उन्होंने कहा, “जब तक मेरा ये सम्बोधन पूरा होगा तब तक दुनिया भर में कोविड-19 के कारण, 100 से भी ज़्यादा लोग अपनी ज़िन्दगी गँवा चुके होंगे. और जब तक 8 अगस्त को ये ओलिम्पिक मशाल बुझेगी, एक लाख से ज़्यादा लोगों की ज़िन्दगी ख़त्म हो चुकी होगी.”
स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया ने कहा कि कोविड-19 पहले ही 40 लाख से ज़्यादा लोगों की ज़िन्दगियाँ लील चुका है और संक्रमण व मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को ख़बर दी कि पिछले सप्ताह, दुनिया भर में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या में 12 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई. उससे पहले के सप्ताह की तुलना में, लगभग 34 लाख नए मामले दर्ज किये गए.
19 महीने पहले कोविड-19 का फैलाव शुरू होने के बाद से, संक्रमण के 19 करोड़ से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हुई है जबकि 41 लाख, 9 हज़ार लोगों की मौत हुई है.