टीगरे में मानवीय सहायता क़ाफ़िले निर्बाध व जल्द पहुँचने देने की अपील

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने इथियोपिया के युद्धग्रस्त क्षेत्र टीगरे में मानवीय सहायता सामग्री जल्द से जल्द पहुँचाने के लिये बाधा रहित पहुँच आसान बनाने की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों द्वारा भेजे गए ट्रक कई दिनों की यात्रा के बाद हाल ही में टीगरे की राजधानी मेकेल्ले पहुँचे पाए हैं और उन्हें रास्ते में अनेक स्थानों पर तलाशी व जाँच-पड़ताल का सामना करना पड़ा जिससे बहुत देर हुई.
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे में मानवीय सहायता बाधारहित पहुँचाया जाना बहुत ज़रूरी है जहाँ कम से कम 40 लाख लोगों को तत्काल खाद्य मदद की ज़रूरत है.
UNHCR calls on all parties and actors to not only comply with international legal obligations, including the protection of civilians, but also to stop using and manipulating refugees to score political points.Statement on Eritrean refugees in Tigray👇🏻https://t.co/anFGaVylH7
FilippoGrandi
ध्यान रहे कि टीगरे क्षेत्र में पिछले क़रीब 8 महीनों से क्षेत्रीय व केन्द्र सरकार के बलों के बीच लड़ाई चल रही है.
उधर संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद ने मंगलवार को, एक प्रस्ताव पारित करके, क्षेत्र में चल रहे संघर्ष में शामिल सभी सम्बद्ध पक्षों द्वारा की जा रही हिंसा की निन्दा की है. ये संघर्ष 4 नवम्बर 2020 को भड़का था.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार, मानवीय सहायता सामग्री ले जाने वाले 50 ट्रकों का क़ाफ़िला, सोमवार को टीगरे की राजधानी मेकेल्ले पहुँचा और लगभग 900 टन भोजन सामग्री साथ-साथ अन्य आपात सामान भी पहुँचाया गया है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के प्रवक्ता थॉमसन फ़ीरी ने कहा कि 2 जुलाई को जब से उस क्षेत्र में मानवीय सहायता अभियान बहाल किये गए हैं उसके बाद, वहाँ पहुँचने वाला ये पहला मानवीय सहायता क़ाफ़िला है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मानवीय सहायता सामग्री के ट्रकों के क़ाफिला टीगरे पहुँचने में देरी होना कितना हानिकारक है.
प्रवक्ता थॉमसन फ़ीरी ने कहा, “यहाँ ये बात ध्यान देने की है कि मानवीय सहायता सामग्री ले जाने वाले क़ाफ़िलों का बहुत कड़ा निरीक्षण किया जा रहा है. जबकि ऐसा किया जाने की ज़रूरत नहीं है. अब से आगे, इस तरह के क़ाफ़िले हर दिन भेजे जाएँगे ताकि ज़रूरतें पूरी करने के लायक़ सामग्री उपलब्ध कराई जा सके. इसलिये, हम अपील करते हैं कि मानवीय सहायता क़ाफ़िलों को क्षेत्र के लिये जल्द से जल्द गुज़रने दिया जाए.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि टीगरे क्षेत्र से मंगलवार को मिली ताज़ा जानकारी के अनुसार ये पुष्टि होती नज़र आ रही है कि अनेक इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाएँ इतनी ख़राब हो गईं है कि मरम्मत के लायक़ नहीं बची हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की प्रवक्ता क्रिस्टियन लिण्डमियर ने बताया कि ज़्यादातर स्वास्थ्य सेवाएँ फ़िलहाल काम नहीं कर रही हैं. ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ क्षेत्र में, तमाम चिकित्सा उपकरण और वस्तुएँ या तो वहाँ से हटा दिये गए या तबाह कर दिये गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने क्षेत्र में पहुँच मुश्किल होने की चुनौतियों के बावजूद, मलेरिया, हैज़ा और कुपोषण के इलाज के लिये क़रीब 19 लाख डॉलर की रक़म आबंटित की है.
प्रवक्ता ने कहा कि मगर ये रक़म ज़रूरत को देखते हुए बहुत कम है और स्थानीय अधिकारियों के लिये सहायता मुहैया कराना बहुत महत्वपूर्ण होगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जून में आगाह करते हुए कहा था कि टीगरे क्षेत्र में केन्द्र सरकार की सेनाओं और टीपीएलएफ़ के वफ़ादार बलों के बीच संघर्ष ने अस्पतालों में इतना विनाश किया है कि उनमें बहुत कम काम हो पा रहा है, बहुत से लोग विस्थापित हुए हैं और अकाल बहुत नज़दीक नज़र आ रहा है.
जिनीवा में, मानवाधिकार परिषद के सदस्य देशों ने टीगरे में स्थिति के बारे में कुछ कार्रवाई किये जाने की पुकार लगाते हुए, वहाँ अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय शरणार्थी क़ानून का हनन होने की ख़बरों पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है. ये हनन सभी पक्षों ने किये हैं.
योरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्य देशों ने टीगरे क्षेत्र से इरिट्री की सेनाएँ तुरन्त वापिस हटाने की पुकार लगाई है.
साथ ही मानवाधिकार हनन और अत्याचारों के लिये जबावदेही तय किये जाने का भी आहवान किया गया है.
इस प्रस्ताव के मसौदे को 20 सदस्यों के वोट मिले, 14 सदस्यों ने विरोध किया और 13 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
पारित प्रस्ताव में यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट से, सितम्बर में इस परिषद के अगले सत्र में, मौखिक रूप से ताज़ा जानकारी मुहैया कराने का अनुरोध भी किया गया है.