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सभी के लिये प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार सुनिश्चित करने की ज़रूरत

तिमोर लैस्ते को सुआई क्षेत्र में, एक महिला अपने नवजात शिशु के साथ.
UN Photo/Martine Perret
तिमोर लैस्ते को सुआई क्षेत्र में, एक महिला अपने नवजात शिशु के साथ.

सभी के लिये प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार सुनिश्चित करने की ज़रूरत

महिलाएँ

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के भीषण प्रभावों में – महिलाओं के प्रजनन अधिकारों में भारी गिरावट होना भी देखा गया है.

यूएन प्रमुख ने रविवार, 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर अपने सन्देश में, यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में, ऐसी  विषमताओं और खाइयों को दूर करने की पुकार लगाई, जोकि स्वास्थ्य महामारी ने उत्पन्न की हैं.

हृदय विदारक पड़ाव

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि महामारी ने हमारी दुनिया को उलट-पलट करना जारी रखा हुआ है और हमारी दुनिया एक के बाद एक दुखद पड़ावों से गुज़र रही है. 

पिछले सप्ताह ही, कोविड-19 से दुनिया भर में मृतक संख्या 40 लाख को पार कर गई है.

उन्होंने कहा, “लाखों लोगों की दुखद मौत के अतिरिक्त ऐसा नुक़सान भी हुआ है जो कम नज़र आता है: घरेलू हिंसा में दहला देने वाली बढ़ोत्तरी हुई है क्योंकि अक्सर महिलाओं को उनके साथ दुर्व्यवहार करने वालों के साथ ही एकान्तवास में रहने को मजबूर होना पड़ा है"

"बहुत से जच्चा-बच्चा केन्द्र सुनसान नज़र आ रहे हैं क्योंकि महिलाओं को बच्चे पैदा करने के फ़ैसला टालने पड़े हैं; और अनचाहे गर्भधारण की परिस्थितियाँ, क्योंकि बहुत सी महिलाओं को गर्भ निरोधक सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं.”

प्रगति का उलट जाना

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि स्वास्थ्य महामारी लगभग 4 करोड़ 70 लाख अतिरिक्त महिलाओं और लड़कियों को अत्यन्त ग़रीबी में धकेल देगी. 

इसके अलावा बहुत सी लड़कियाँ स्कूली शिक्षा से वंचित हो गई हैं जिनके अब कभी भी स्कूलों को लौटने की सम्भावना नहीं के बराबर है.

यूएन प्रमुख ने कहा, “विश्व के हर कोने में, महिलाओं को प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों, अपनी पसन्द चुनने और ख़ुद के फ़ैसले लेने के अधिकारों के मामले में बड़ी कठिनाइयों से हासिल की गई प्रगति उलट होती हुई देखी जा रही है.”

“स्वास्थ्य महामारी का फैलाव शुरू होने के बाद यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के लिये निराधारित संसाधन, अन्य क्षेत्रों की तरफ़ मोड़ दिये गए.”

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य अधिकार हासिल करने के क्षेत्र में ये विषमताएँ और खाइयाँ, अस्वीकार्य हैं. इस जद्दोजहद में, महिलाओं को अकेले नहीं छोड़ा जा सकता.”

“आइये, विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर, हम सभी जन, हर स्थान पर, हर किसी के प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार सुनिश्चित करने का संकल्प लें.”