विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अनेक देशों में ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाले कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट (प्रकार) के बढ़ते प्रकोप पर चिन्ता जताई है. यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि इन नए प्रकारों को उभरने से रोकने के लिये वायरस फैलाव पर क़ाबू पाना ज़रूरी है.
कोरोनावायरस संक्रमण के 17 करोड़ 95 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 38 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
विश्व भर में कोविड-19 वैक्सीन की अब तक दो अरब 62 करोड़ से ज़्यादा ख़ुराकों को दिया जा चुका है.
कोविड-19 का डेल्टा नामक एक प्रकार (वेरिएंट) अब तक कोरोनावायरस के सभी रूपों में सबसे ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाला प्रकार बताया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब तक 85 देशों में इसके मामलों की शिनाख़्त की जा चुकी है.
यह उन आबादियों में ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है जहाँ अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है.
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कुछ देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों में ढील दी गई है. मगर इसके साथ ही संक्रमण के मामलों में उछाल भी देखने को मिल रहा है.
यूएन एजेंसी के मुताबिक ज़्यादा संख्या में संक्रमण होने का अर्थ, अधिक संख्या में संक्रमितों का अस्पताल में भर्ती होना, स्वास्थ्यकर्मियों व स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ना है और इसके परिणामस्वरूप, अक्सर मौत होने का जोखिम बढ़ जाता है.
संगठन के महानिदेशक ने कहा कि वायरस के नए प्रकारों का उभरना अपेक्षित है और यह आने वाले दिनों में भी होता रहेगा.
"वायरस यही करते हैं, और वे नए प्रकारों में बदलते हैं, मगर कोविड-19 के फैलाव की रोकथाम कर, इन प्रकारों के उभरने व फैलने पर रोक लगाई जा सकती है."
“यह समझना बहुत आसान है: ज़्यादा संचारण, ज़्यादा वेरीएंट. कम संचारण, कम वेरीएंट.”
इसके मद्देनज़र, कोविड-19 संक्रमण के फैलाव पर लगाम कसने के लिये हरसम्भव औज़ार के तत्काल इस्तेमाल का आग्रह किया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने ध्यान दिलाया है कि स्थानीय ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, लक्षित ढँग से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को इस्तेमाल में लाया जाना होगा.
साथ ही वैक्सीन वितरण में समता का ख़याल रखा जाना होगा.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि यूएन एजेंसी पिछले एक वर्ष से आगाह करती रही है कि कोरोनावायरस वैक्सीन को न्यायसंगत ढँग से उपलब्ध कराया जाना महत्वपूर्ण है, ताकि स्वास्थ्यकर्मियों और सबसे निर्बलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.