सीरिया: जीवनरक्षक मानवीय राहत जारी रखने की अवधि बढ़ाने का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवनरक्षक मानवीय राहत सामग्री लेकर, तुर्की से पश्चिमोत्तर सीरिया में आने वाले काफ़िलों की मौजूदा व्यवस्था को जारी रखना होगा.
सीरिया में हिंसा व अस्थिरता से जूझ रहे लाखों लोगों के लिये मानवीय सहायता जीवनरेखा के समान है.
हर महीने एक हज़ार से अधिक ट्रक, पिछले एक वर्ष से बाब अल-हावा सीमा चौकी से होकर भोजन, दवाएँ और अन्य जीवनरक्षक सामग्री ज़रूरतमन्दों तक पहुँचा रहे हैं.
The @UN humanitarian operation in Syria is currently the biggest in the world.Today, I urged the members of the Security Council to reach consensus to allow for effective access, through all possible channels, to the millions of Syrians in need of humanitarian assistance.
antonioguterres
मगर इस अभियान को अनुमति देने वाले प्रस्ताव की अवधि 10 जुलाई को समाप्त हो रही है.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों से मानवीय राहत जारी रखने की इस व्यवस्था को एक और साल जारी रखने के लिये पुरज़ोर अपील की है.
उन्होंने कहा कि इस विषय में आम सहमति पर पहुंचना अहम होगा.
महासचिव ने आगाह किया कि अगर सुरक्षा परिषद इस अनुमति की अवधि बढ़ाने में विफल रहती है तो इसके तबाहीपूर्ण नतीजे होंगे.
सीरिया में पिछले एक दशक से जारी युद्ध के कारण एक करोड़ 34 लाख लोग मानवीय राहत पर निर्भर हैं.
यूएन, सीरिया में विश्व का सबसे बड़ा राहत अभियान संचालित कर रहा है और देश के भीतर रह रहे प्रभावितों और क्षेत्र में शरणार्थियों की सहायता के लिये 10 अरब डॉलर की आवश्यकता बताई गई है.
महासचिव के मुताबिक बड़ी संख्या में सीरियाई नागरिकों के लिये हालात, पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा ख़राब हुए हैं, और पश्चिमोत्तर इलाक़े में भी परिस्थितियाँ गम्भीर हैं.
70 फ़ीसदी से अधिक लोग मानवीय राहत सेवाओं पर निर्भर हैं और लगभग 30 लाख लोग विस्थापन का शिकार हैं.
यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि सबसे ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने के लिये मानवीय राहत रास्तों को खुला रखे जाने की आवश्यकता होगी.
यूएन प्रमुख ने कहा, “इसी वजह से, मैं यह स्पष्टता से कहता रहा हूँ कि रास्तों तक पहुँच बनाये रखना और उसका दायरा बढ़ाना कितना अहम है.”
सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के बीच विचार-विमर्श के दौरान, यूएन और उसके साझीदार संगठन, सीरियाई नागरिकों तक मदद पहुँचाना जारी रखेंगे.