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लीबिया: शान्ति व एकता स्थापित करने के प्रयासों के लिये मज़बूत समर्थन

लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर में एक ध्वस्त इमारत के पास खड़े बच्चे.
UNOCHA/Giles Clarke
लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर में एक ध्वस्त इमारत के पास खड़े बच्चे.

लीबिया: शान्ति व एकता स्थापित करने के प्रयासों के लिये मज़बूत समर्थन

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में लीबिया मुद्दे पर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए लीबियाई प्रशासन व संस्थाओं से स्थिरता व एकता की ओर, साथ मिलकर क़दम बढ़ाने का आहवान किया है.  

यूएन प्रमुख ने बुधवार को वीडियो सन्देश द्वारा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र, लीबियाई नेतृत्व व स्वामित्व में शान्ति प्रक्रिया को पूर्ण समर्थन देने के लिये प्रतिबद्ध है. 

इन प्रयासों के तहत युद्धविराम समझौते, राष्ट्रीय मेल-मिलाप प्रयासों को गति देने, संक्रमणकालीन न्याय सुनिश्चित किये जाने के साथ-साथ 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय चुनावों का भी आयोजन किया जाएगा. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जनवरी 2020 में आयोजित पहले बर्लिन सम्मेलन के बाद से काफ़ी प्रगति हुई है और दूसरा सम्मेलन उसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये है. 

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इसके लिये लीबियाई राजनैतिक सम्वाद फ़ोरम द्वारा पारित राजनैतिक रोडमैप और अक्टबूर 2020 में युद्धविराम समझौते व प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों को पूरी तरह लागू किया जाना अहम होगा.

यूएन प्रमुख ने कहा, “युद्धविराम समझौते को पूर्ण रूप से लागू किया जाना, लीबिया में शान्ति को मज़बूती प्रदान करने के लिये बेहद महत्वपूर्ण है.”

महासचिव गुटेरेश ने भरोसा दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र, लीबियाई युद्धविराम निगरानी ढाँचे को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिये संकल्पित है और जल्द ही त्रिपोली में निगरानीकर्ताओं के पहले समूह की तैनाती की जाएगी. 

साथ ही उन्होंने आगाह किया कि लीबिया में सभी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप पर विराम लगाना होगा, और विदेशी सेनाओं व लड़ाकों की वापसी सुनिश्चित करनी होगी.  

इस क्रम में, यूएन प्रमुख ने लीबियाई और बाहरी पक्षों से एक व्यापक योजना पर, निश्चित अवधि के साथ, सहमति बनाने की अपील की है.

भरोसे की बहाली पर ज़ोर

उन्होंने कहा कि आम लीबियाई नागरिकों के लिये सुरक्षा हालात में बेहतरी से राजनैतिक मार्ग पर प्रगति के लिये योगदान दिया जा सकता है. 

“भरोसे व आत्मविश्वास का निर्माण अहम है.”

यूएन प्रमुख ने इस वर्ष मार्च में, राष्ट्रीय एकता वाली सरकार और राष्ट्रपति परिषद को मिले समर्थन का स्वागत किया है. सरकार में अहम मंत्री पदों पर महिलाओं को भी स्थान मिला है. 

“मैं, सभी लीबियाई नागरिकों के लिये रहन-सहन को बेहतर बनाने पर केंद्रित अहम प्राथमिकताओं की पहचान किये जाने से उत्साहित हूँ और प्रधानमंत्री व उनके कैबिनेट से इन संकल्पों को पूरा करने का आग्रह करता हूँ.”

राष्ट्रीय एकता वाली सरकार की एक बड़ी प्राथमिकता, 24 दिसम्बर 2021 को देश में राष्ट्रीय चुनावों को आयोजित कराना है. 

“राष्ट्रीय चुनाव, एकता के लिये समय होना चाहिए. महिलाओं, युवाओं व घरेलू विस्थापितों सहित, सभी लीबियाई नागरिकों की 24 दिसम्बर में होने वाले चुनाव में स्वतंत्र रूप से भागीदारी होनी चाहिए, मतदाताओं और उम्मीदवारों के रूप में.” 

महासचिव ने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये तत्काल क़दम उठाए जाने होंगे, और अन्तरिम कार्यकारी प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय चुनाव आयोग को हरसम्भव समर्थन प्रदान किया जाना होगा. 

राष्ट्रीय मेल-मिलाप प्रयास

यूएन प्रमुख के मुताबिक सैन्य और राजनैतिक मोर्चों पर प्रगति के साथ-साथ, लीबिया में राजनैतिक अस्थिरता की बुनियादी वजहों से भी निपटा जाना होगा. 

इसके लिये, समावेशी और अधिकार-आधारित राष्ट्रीय मेल-मिलाप प्रक्रिया की आवश्यकता बताई गई है, जिसे महिलाओं व युवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सामुदायिक स्तर पर शुरू किया जाना होगा.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने राष्ट्रीय एकता वाली सरकार द्वारा एक उच्च राष्ट्रीय मेल-मिलाप आयोग स्थापित किये जाने के फ़ैसले का स्वागत किया है. 

उन्होंने लीबिया में गम्भीर मानवीय हालात पर चिन्ता जताई है – 13 लाख लोग मानवीय राहत पर निर्भर हैं, और पिछले वर्ष से ज़रूरतमन्दों की संख्या में चार लाख की वृद्धि हुई है.  

“मैं सदस्य देशों से मानवीय राहत जवाबी कार्रवाई योजना को समर्थन प्रदान करने का आग्रह करता हूँ, जिसमें सबसे निर्बलों की मदद के लिये 18 करोड़ 90 लाख डॉलर का निवेदन किया गया है. अभी 21 फ़ीसदी का ही इन्तज़ाम हो पाया है.”

महासचिव ने सचेत किया कि शान्ति व एक समृद्ध देश की नींव तैयार किये जाते समय सर्वजन के लिये मानवाधिकारों का ख़याल रखा जाना होगा. 

उन्होंने मनमाने ढँग से हिरासत में लिये गए बन्दियों के मुद्दे पर एक समिति के गठन का स्वागत किया है और बन्दियों की रक्षा सुनिश्चित करने की पुकार लगाई है.

साथ ही शरणार्थियों व प्रवासियों को, कठिन हालात के दौरान, हिरासत में लिये जाने को त्रासदीपूर्ण बताया है और उनकी तत्काल रिहाई की अपील की है.