अफ़ग़ानिस्तान: पाँच स्वास्थ्यकर्मियों की गोली मारकर हत्या; हमलों की कड़ी निन्दा

यूएन समर्थित एक स्वास्थ्यकर्मी अफ़ग़ानिस्तान में एक बच्चे को पोलियो की ख़ुराक पिला रही है.
UNICEF Afghanistan/Celeste Hibbe
यूएन समर्थित एक स्वास्थ्यकर्मी अफ़ग़ानिस्तान में एक बच्चे को पोलियो की ख़ुराक पिला रही है.

अफ़ग़ानिस्तान: पाँच स्वास्थ्यकर्मियों की गोली मारकर हत्या; हमलों की कड़ी निन्दा

शांति और सुरक्षा

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नांगरहार प्रान्त में, पोलियो टीकाकरण मुहिम में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों को बर्बर क़रार देते हुए उनकी कड़े शब्दों में निन्दा की है. इन हमलों में पाँच स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई है और चार अन्य घायल हुए हैं. 

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के रैज़ीडेण्ट और मानवीय राहत समन्वयक डॉक्टर रमीज़ अलकबरोव ने मंगलवार को जारी अपने वक्तव्य में कहा कि वो इन बर्बरतापूर्ण हमलों से व्यथित हैं. 

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उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस निरर्थक हिंसा को रोका जाना होगा. साथ ही उन्होंने अफ़ग़ान प्रशासन से हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की माँग की है. 

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पोलियो मुहिम की शुरुआत, सोमवार को हुई थी और इसका लक्ष्य पाँच वर्ष से कम उम्र के एक करोड़ बच्चों तक पहुँचना है. 

लेकिन ताज़ा घटना के बाद पूर्वी क्षेत्र में इस मुहिम को अब रद्द कर दिया गया है. 

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि पोलियो प्रतिरक्षण अभियान, लाखों बच्चों तक पहुँचने का एक महत्वपूर्ण व कारगर ज़रिया है ताकि पोलियो से उनकी रक्षा की जा सके. 

“बच्चों को स्वस्थ जीवन के इस आश्वासन से वंचित रखना अमानवीय है.”

डॉक्टर रमीज़ अलकबरोव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, स्वास्थ्यकर्मियों पर सभी हमलों की कड़े शब्दों में निन्दा करता है. 

यूएन ने इस घटना के सभी पीड़ितों, उनके परिजनों, मित्रों व सहकर्मियों के प्रति गहरी सम्वेदना जताई है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. 

इससे पहले मार्च महीने में नांगरहार प्रान्त में, राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण प्रयासों में जुटे, तीन स्वास्थ्यकर्मी हमलों में मारे गए थे. 

कुछ ही दिन पहले, बारूदी सुरंग को हटाने के काम में जुटे हेलो ट्रस्ट के मानवीय राहतकर्मियों पर उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान में हमला हुआ. 

इस्लामिक स्टेट (दाएश) से सम्बन्धित गुट के चरमपंथियों ने दस लोगों की हत्या कर दी और अनेक इस हमले में ज़ख़्मी हुए.  

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले को नृशंस व कायरतापूर्ण क़रार दिया था.