सीरिया: अस्पताल पर हमले की निन्दा, जवाबदेही तय किये जाने की माँग

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीरिया के एक अस्पताल में पिछले सप्ताहांत हुए जानलेवा हमले की निन्दा की है. यूएन अधिकारियों ने देश में पिछले एक दशक से जारी युद्ध के दौरान अंजाम दिये गए अपराधों के लिये जवाबदेही तय किये जाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है.
शनिवार को उत्तरी क्षेत्र में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले अफ़्रीन शहर में अल-शिफ़ा अस्पताल भारी गोलीबारी की चपेट में आया था.
ख़बरों के अनुसार इस घटना में कम से कम 18 आम नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें अस्पताल के कर्मचारी व मरीज़ भी हैं. स्वास्थ्य केंद्र को भी इस गोलीबारी में क्षति पहुँची है.
The attack on Al-Shifa hospital was appalling and I strongly condemn it. https://t.co/JJ7G7QfeA6
GeirOPedersen
सीरिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के दूत गेयर पैडरसन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, “नागरिकों और स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों व कर्मियों सहित नागरिक प्रतिष्ठानों पर ऐसे भयावह हमले, अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोका जाना होगा.”
“सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत तय दायित्वों का पूर्ण रूप से अनुपालन करना होगा, जिसमें नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी है.”
विशेष दूत ने यूएन महासचिव की उस अपील को दोहराया है जिसमें सीरिया में किये गए अपराधों की जवाबदेही तय किये जाने का आग्रह किया गया है.
गेयर पैडरसन ने कहा कि यह हमला, सीरिया में जारी हिंसा, राष्ट्रव्यापी युद्धविराम को लागू करने की अहमियत को दर्शाता है. साथ ही नए सिरे से मौजूदा संकट के राजनैतिक हल की तलाश की जानी होगी.
उत्तरी सीरिया में अल-शिफ़ा अस्पताल, सबसे बड़े स्वास्थ्य केन्द्रों में हैं और वर्ष 2019 से यहाँ तीन हमले हो चुके हैं.
सीरिया में रैज़िडेण्ट कोऑर्डिनेटर इमरान रिज़ा और सीरियाई संकट के लिये क्षेत्रीय मानवीय राहत समन्वयक मोहम्मद हादी ने कड़े शब्दों में इस हमले की निन्दा की है.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में हर महीने में औसतन, 15 हज़ार चिकित्सा सेवाओं को प्रदान किया जाता है – इनमें 350 नवजात शिशुओं का जन्म और 250 विशेषीकृत सर्जरी भी हैं.
पिछले दो वर्षों से इस अस्पताल को, संयुक्त राष्ट्र की ओर से वित्तीय मदद भी प्राप्त हो रही है.
यूएन अधिकारियों ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों से संकट का सामना कर रहे सीरियाई नागरिकों के लिये, स्वास्थ्य केन्द्र, सुरक्षित शरणस्थल होने चाहिएं.
उन्होंने दोहराया कि हमलों में आम लोगों, और अस्पतालों सहित नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने पर गहरी पाबन्दी है.